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साइबर अपराध का शिकार हुआ कर्नाटक का व्यक्ति

फास्टैग के नाम पर एक व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. उसने एक लाख से अधिक रुपये को गंवा दिया है. पीड़ित ने इसकी शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन में की है. इसके बाद पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है.

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साइबर अपराध
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Published : Oct 1, 2020, 4:56 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक का एक व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. फास्टैग के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी की गई है. यह घटना 18 सितंबर को हुई.

शहर में फास्टैग के नाम पर एक बड़ा घोटाला चल रहा है. सच्चिदानंद नगर के निवासी वेंकटप्पा (@ वेंकटेश) ने फास्टैग के नाम पर अपना पैसा गंवा दिया. दरअसल, फास्टैग ने उनकी कार को ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद उन्होंने फास्टैग कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.

इसके बाद कुछ देर बाद उनको दूसरे नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को फास्टैग कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा की आपका फास्टैग ब्लॉक हो गया है, जैसा हम कहते हैं वैसा करिए.

यह भी पढ़ें-मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला : ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर आज सुनवाई

उसने मुझे एनी डेस्क एप डॉउनलोड करने कि लिए कहा, जिसके बाद एनी डेस्क एप को डॉउनलोड किया. डाउनलोड करने के तुरंत बाद, उन्होंने मुझसे कहा कि वह वहां पर जानकारी डाले और ओटीपी साझा करें, जिसके बाद उसने खाते से एक लाख 48 हजार 483 रुपये निकाल लिए.

वेंकटप्पा ने इस घटना के खिलाफ साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है.

बेंगलुरु : कर्नाटक का एक व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. फास्टैग के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी की गई है. यह घटना 18 सितंबर को हुई.

शहर में फास्टैग के नाम पर एक बड़ा घोटाला चल रहा है. सच्चिदानंद नगर के निवासी वेंकटप्पा (@ वेंकटेश) ने फास्टैग के नाम पर अपना पैसा गंवा दिया. दरअसल, फास्टैग ने उनकी कार को ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद उन्होंने फास्टैग कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.

इसके बाद कुछ देर बाद उनको दूसरे नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को फास्टैग कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा की आपका फास्टैग ब्लॉक हो गया है, जैसा हम कहते हैं वैसा करिए.

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उसने मुझे एनी डेस्क एप डॉउनलोड करने कि लिए कहा, जिसके बाद एनी डेस्क एप को डॉउनलोड किया. डाउनलोड करने के तुरंत बाद, उन्होंने मुझसे कहा कि वह वहां पर जानकारी डाले और ओटीपी साझा करें, जिसके बाद उसने खाते से एक लाख 48 हजार 483 रुपये निकाल लिए.

वेंकटप्पा ने इस घटना के खिलाफ साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है.

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