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उत्तराखंड: खतरे की जद में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रोपवे, मंडरा रहा लैंडस्लाइड का खतरा

जोशीमठ में एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे (Asia second longest ropeway in Joshimath) है. अब भूस्खलन के कारण इस रोपवे पर खतरा (danger on joshimath ropeway) मंडराने लगा है. रोपवे के टावरों के पास भूस्खलन (Landslide near ropeway towers) की घटनाएं हो रही हैं. जिसके कारण भविष्य में इस रोपवे के खतरे की जद में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रोपवे.
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रोपवे.
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Published : Dec 21, 2022, 7:55 PM IST

खतरे की जद में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रोपवे

चमोली: जोशीमठ में भू-धंसाव (Landslide in Joshimath) जारी है. हर दिन भूस्खलन क्षेत्र का दायरा बढ़ता जा रहा है. जोशीमठ नगर के बड़े हिस्से में हो रहे भूस्खलन ने नगर क्षेत्र के 22 हजार से अधिक आबादी की रातों की नीद उड़ा दी है. अब भूस्खलन की जद में देश की सबसे लंबी रोपवे (danger on joshimath ropeway) भी आ गई है. जोशीमठ में एशिया की दूसरी सबसे लंबी रोपवे के एक, दो और टावर नंबर तीन के आस-पास के भवनों के पास लैंडस्लाइड हो रहा है. ये भू-धंसाव धीरे-धीरे टावरों की तरफ बढ़ रहा है.

एक सप्ताह पूर्व रोपवे प्रबंधन ने टावर नंबर-1 से लेकर टावर नंबर-10 का भौतिक अध्ययन कर लिया था, उस दौरान रोपवे को कोई खतरा नहीं था. देश और दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र ये रोपवे जोशीमठ से औली तक जाती है. इसकी लम्बाई 4.15 किलोमीटर है. यह देश और एशिया का अभी तक का सबसे लंबा रोपवे है. इस रोपवे से जाने पर 14 किलोमीटर लंबे जोशीमठ औली मार्ग को मात्र 22 मिनट में तय किया जाता है.

पढे़ं- दरक रहा जोशीमठ, धंस रहे घर, खतरे में ऐतिहासिक शहर का अस्तित्व

रोपवे के प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व इसकी भौतिक सत्यापन किया गया था. टावर नंबर 1 से लेकर टावर नंबर 10 तक इसको देखा गया है. जिसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं आई. लेकिन, भविष्य में इन टावरों के खतरे की जद में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इनके लिए बराबर निगरानी रखी जा रही है.

खतरे की जद में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रोपवे

चमोली: जोशीमठ में भू-धंसाव (Landslide in Joshimath) जारी है. हर दिन भूस्खलन क्षेत्र का दायरा बढ़ता जा रहा है. जोशीमठ नगर के बड़े हिस्से में हो रहे भूस्खलन ने नगर क्षेत्र के 22 हजार से अधिक आबादी की रातों की नीद उड़ा दी है. अब भूस्खलन की जद में देश की सबसे लंबी रोपवे (danger on joshimath ropeway) भी आ गई है. जोशीमठ में एशिया की दूसरी सबसे लंबी रोपवे के एक, दो और टावर नंबर तीन के आस-पास के भवनों के पास लैंडस्लाइड हो रहा है. ये भू-धंसाव धीरे-धीरे टावरों की तरफ बढ़ रहा है.

एक सप्ताह पूर्व रोपवे प्रबंधन ने टावर नंबर-1 से लेकर टावर नंबर-10 का भौतिक अध्ययन कर लिया था, उस दौरान रोपवे को कोई खतरा नहीं था. देश और दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र ये रोपवे जोशीमठ से औली तक जाती है. इसकी लम्बाई 4.15 किलोमीटर है. यह देश और एशिया का अभी तक का सबसे लंबा रोपवे है. इस रोपवे से जाने पर 14 किलोमीटर लंबे जोशीमठ औली मार्ग को मात्र 22 मिनट में तय किया जाता है.

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रोपवे के प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व इसकी भौतिक सत्यापन किया गया था. टावर नंबर 1 से लेकर टावर नंबर 10 तक इसको देखा गया है. जिसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं आई. लेकिन, भविष्य में इन टावरों के खतरे की जद में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इनके लिए बराबर निगरानी रखी जा रही है.

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