जम्मू : अगस्त 2019 में राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद जम्मू कश्मीर में अपनी पहली जनसभा में शाह ने कहा कि मोदी ने जम्मू कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र बहाल किया और विकास का नया चरण शुरू किया, जहां लाखों लोगों ने अनुच्छेद 370 के तहत अन्याय का सामना किया था.
गृह मंत्री ने यहां जनसभा में कहा कि लंबे अंतराल के बाद मैं जम्मू के भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं. मैं खराब मौसम के कारण थोड़े तनाव में था और आपसे मिलने को लेकर असमंजस था लेकिन माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से सूरज बाहर आया और हम मिले.
शनिवार को भारी बारिश के कारण शाह की रैली को लेकर अनिश्चितता की स्थिति थी. हालांकि मौसम में सुधार के कारण रैली हो सकी और हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया. गृह मंत्री ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर नेता पंडित प्रेम नाथ डोगरा की जयंती है, जिन्होंने मुखर्जी के साथ मिलकर एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नारा लगाया था और भारत के साथ राज्य के एकीकरण के लिए पूरी तरह मेहनत की.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को ऐतिहासिक फैसला लिया और भेदभाव वाले अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू कश्मीर के लाखों लोगों के विकास का रास्ता साफ किया, जिन्होंने वर्षों तक अन्याय का सामना किया.
शाह ने कहा कि अब जम्मू कश्मीर में कोई भी मंत्री बन सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. पहाड़ियों का इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में किया जा रहा है, लेकिन उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता.
(पीटीआई-भाषा)