प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के डीजीपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए एक दिन प्रयागराज में रुकने का आदेश दिया है. कोर्ट के निर्देश के बावजूद मैनपुरी पुलिस के खिलाफ एक्शन न लेने पर डीजीपी को सजा के तौर पर गुरुवार तक प्रयागराज में रुकने का आदेश दिया गया है.
कार्यकारी चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस एके ओझा की खंडपीठ ने डीजीपी को प्रयागराज शहर से बाहर न जाने का आदेश दिया है. मैनपुरी में छात्रा की मौत मामले में डीजीपी से नाराज हाईकोर्ट ने गुरुवार को कोर्ट में पेश होकर तत्कालीन मैनपुरी एसपी के खिलाफ की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने गुरुवार तक मैनपुरी के एसपी के खिलाफ कार्रवाई करके रिपोर्ट देने के बाद ही प्रयागराज से वापस जाने को कहा है. कोर्ट ने डीजीपी से मैनपुरी के एसपी को हटाने या जबरन सेवानिवृत्त करने को भी कहा है.
कोर्ट के आदेश की वजह से यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को न चाहते हुए बुधवार की रात प्रयागराज में ही बितानी पड़ेगी. क्योंकि डीजीपी द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मैनपुरी के एसपी पर कार्रवाई न किये जाने से कोर्ट नाराज थी. जिस वजह से हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश देकर डीजीपी को तलब किया था. बुधवार को डीजीपी हाईकोर्ट पहुंचे. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि मासूम बच्ची की मौत के मामले में कई तरह के संदेह हैं और मामला मासूम की हत्या की घटना की ओर इशारा कर रहा है. साथ ही इस मामले में स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हो रही है.
कोर्ट द्वारा एसपी मैनपुरी को कई बार कार्रवाई के आदेश दिए गए. इसके बावजूद कोई एक्शन न लेना उनकी भी लापरवाही दर्शाता है. ऐसे में कोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को तलब किया, तो वो भी बिना किसी कार्रवाई और उचित जवाब के हाईकोर्ट पहुंच गए. जिसके बाद पुलिस के रवैये से नाराज हाईकोर्ट ने डीजीपी को प्रयागराज शहर से वापस लखनऊ जाने से रोकते हुए एक दिन यहीं रुकने का आदेश दिया और गुरुवार तक लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पुनः पेश होने को कहा है.कोर्ट ने डीजीपी को एक बार मौका देते हुए मैनपुरी के एसपी पर कार्रवाई करने के लिए गुरुवार तक का समय दे दिया है.
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क्या है पूरा मामला
मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा का 2019 में संदिग्ध अवस्था में फंदे से लटकता हुआ शव मिला था. मृतका छात्रा की मां ने मारकर फंदे पर लटकाने का आरोप लगाया था, उसके बाद भी पुलिस ने न तो केस दर्ज किया न कोई कार्रवाई की. 2021 में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस लापरवाह बनी रही. मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मैनपुरी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था.