वाराणसी/लखनऊ : प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में हुई मौत के बाद संत समाज में हड़कंप मच गया है. उनकी को संत समाज अब किसी साजिश से जोड़कर देखने की बात कर रहा है. वहीं प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कल सुबह के कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं. वह मंगलवार सुबह प्रयागराज जाएंगे, जहां वह दिवंगत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होंगे.
इस मामले में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. इतना ही नहीं उन्होंने कई गंभीर सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि नरेंद्र गिरी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते, जहां तक सुसाइड नोट की बात है, वह अपना हस्ताक्षर तक ठीक से नहीं कर पाते थे तो आखिर इतना लंबा सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा जो व्यक्ति सुसाइड करेगा वह 2 दिन पहले दान में एक बड़ी बिल्डिंग को स्वीकार नहीं करेगा. ऐसे में इसके पीछे किसी साजिश की बू आ रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बता दें कि सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव उनके बाघम्बरी मठ आश्रम में कमरे में फांसी के फंदे से लटका मिला है. कमरा अंदर से बंद था. पुलिस के मुताबिक, कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है.
पढ़ें - नरेंद्र गिरि का निधन दुखद, संत समाज को जोड़ने में निभाई अहम भूमिका : पीएम मोदी
पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का मामला लग रहा है. उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मठ के लोगों से पूछताछ कर रही है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि नरेंद्र गिरि के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. बाबा रामदेव ने भी कहा है कि नरेंद्र गिरि के मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.