गोरखपुर: तकनीकी के क्षेत्र में देश में उभरती प्रतिभाएं लगातार अपने प्रयोगों और शोध से भारत का मस्तक दुनिया में ऊंचा करने में जुटी हुई हैं. ऐसी ही एक बड़ी खोज को अंजाम दिया है मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMTU) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वितीय वर्ष के छात्रों ने. इंजीनियरिंग की डिग्री के दूसरे वर्ष में ही 27 छात्रों के दल ने मिलकर एक ऐसे ALL TERRAIN VEHICLE (ATV) मॉडल को विकसित किया है जो किसी भी दुर्गम रास्ते पर चलने के लिए पूरी तरह से सफल पाई गई है.
इसका ट्रॉयल एशिया के सबसे बड़े ट्रैक जो इंदौर से कुछ ही दूरी पर स्थित है वहां पर देश की करीब 140 प्रतिभाओं के बीच में संपन्न हुआ. इसमें यहां के विद्यार्थियों के शोध को 26वां स्थान हासिल हुआ. अपने शोध की सफलता से जहां विद्यार्थी उत्साहित हैं तो उनके शोध निर्देशक भी इसे ATV मॉडल के गाड़ियों के निर्माण में एक बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पाण्डेय ने भी शोध के क्षेत्र में काम करने में इन छात्रों को आगे और भी मदद देने की बात कही है.
विश्वविद्यालय में बनाई गई इस गाड़ी का प्रदर्शन रैपटर 4.0 के नाम से SAE BAJA- 2022 के लिए इंदौर में आयोजित हुई प्रतियोगिता में हुआ. ऑल इंडिया इवेंट में इस गाड़ी को बनाने वाली टीम को 47वां स्थान मिला, लेकिन ENDURANCE RACING में इस टीम का स्थान 26वां रहा जो प्रतियोगिता का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट होता है. मैकेनिकल इंजीनियर के द्वितीय वर्ष के छात्रों की इस उपलब्धि पर विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर धीरेंद्र सिंह भी बेहद उत्साहित हैं. इनके निर्देशन में छात्रों ने यह परिणाम देकर सभी को चौंकाया है.
उन्होंने कहा कि इसके पहले फाइनल ईयर के छात्रों ने विश्वविद्यालय के खाते में उपलब्धियां जड़ी थीं, लेकिन जिस प्रतियोगिता को क्रैक करके द्वितीय वर्ष के छात्र सफल हुए हैं वह तकनीक को प्रदर्शित और समझने वाली विश्व स्तरीय प्रतियोगिता थी, इसलिए द्वितीय वर्ष के छात्र बधाई के पात्र हैं. इस पूरे शोध कार्य को ओम सूर्यवंशी नाम के छात्र की अगुवाई में आगे बढ़ाया गया. उसका कहना है कि एटीवी (ATV) मॉडल की यह गाड़ी मात्र पांच लाख में बनाई गई है. इतनी कम कीमत में विकसित करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. ओम सूर्यवंशी ने कहा कि चाहे दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचना हो या सैनिकों को तेजी से उन स्थानों पर भेजना हो, जहां सामान्य वाहन से जाना कठिन हो, यह प्रोजेक्ट हर परिस्थिति में खुद को साबित करता है. सबसे बड़ी बात यह कि यह किफायती है.
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एटीवी मॉडल का अर्थ है कि यह किसी भी तरीके के रास्ते को सरलतापूर्वक पार कर सकती है. इसमें 10 हॉर्स पावर और 35 सीसी का इंजन उपयोग किया गया है. इस वाहन की क्षमता एक पूरे ट्रैक्टर को खींच लेने की है. जबकि इसका कुल भार 205 किलोग्राम है. इस प्रोजेक्ट की सारी टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन SAE BAJA ने किया है. यह प्रतिस्पर्धा NATRAX पीथमपुर में आयोजित हुई. यहां देश के जाने माने वाहन विशेषज्ञों ने बारीकी से इसका निरीक्षण किया और यह सभी मानकों पर शत-शत खरी पाई गई. यह प्रोजेक्ट अपने आप में आत्मनिर्भर भारत की तरफ देश की युवा पीढ़ी के प्रयास को दर्शाता है और इसकी कई उपयोगिताओं को भी बताता है.