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बलिया में तीन दिन में 54 लोगों की मौत, शासन ने लिया संज्ञान, जांच के लिए लखनऊ से पहुंची टीम

बलिया में इन दिनों मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. तीन दिन में ही 54 लोगों की जान जा चुकी है. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि इसके पीछे की वजह क्या है. मामला शासन तक पहुंच गया है.

बलिया में तीन दिन में 54 लोगों की मौत
बलिया में तीन दिन में 54 लोगों की मौत
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Published : Jun 18, 2023, 5:07 PM IST

बलिया में चिकित्सकों की टीम अलर्ट मोड पर है.

बलिया : जिले में अचानक से मौत के आंकड़ों में इजाफा हो गया है. आलम ये है कि तीन दिन में ही 54 लोगों की मौत हो चुकी है. लोग मौत के पीछे के कारणों को लेकर तरह-तरह की बातें कह रहे हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है. रविवार को मौतों के पीछे का राज जानने के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम लखनऊ से बलिया पहुंची. यह दल सिलसिलेवार जांच करेगा. इलाज व लक्षणों का आकलन भी किया जाएगा.

जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके यादव ने मीडिया को बताया कि जिला अस्पताल में 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे. इसमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मौत हो गई. 16 जून को 137 मरीज भर्ती किए गए थे. इसमें 20 लोगों की मौत हो गई. इसी तरह 17 जून को भी अज्ञात कारणों से 11 मरीजों की मौत हो गई. इस तरह से तीन दिन में ही मौत का आंकड़ा 54 तक पहुंच गया है. प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने स्वीकार किया कि बलिया में रूटीन से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने बताया कि मरने वालों में 60 साल की उम्र के ज्यादातर लोग हैं.

टीम जांच के लिए पहुंच चुकी है.
टीम जांच के लिए पहुंच चुकी है.

बलिया जिला अस्पताल पहुंचे आजमगढ़ मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य ओपी तिवारी ने बताया कि टीम जांच करेगी कि मौत का क्या कारण हो सकता है. हो सकता है कि कोई ऐसी बीमारी हो जो पकड़ में न आ रही हो. उन्होंने बताया कि गर्मी व जाड़े में मधुमेह, श्वास व रक्त चाप के रोगियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है. इस समय तापमान बढ़ गया है. हो सकता है इसके कारण पहले से बीमार लोगों की बीमारी बढ़ जा रही हो, इससे उनकी मौत हो जा रही हो. बता दें कि कल जिले के स्वास्थ्य महकमे ने गर्मी के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ने की बात कही थी.

बलिया के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस पर विस्तार से चर्चा हो चुकी है. शासन ने दो निदेशक स्तर के अधिकारी जांच के लिए भेजे हैं. टीम जांच कर पूरा विवरण उपलब्ध कराएगी. फिलहाल हीटवेव से मौत होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं.

यह भी पढ़ें : बलिया में गर्मी का कहर, 24 घंटे में Heat stroke से 20 से अधिक लोगों की मौत

शासन ने मामले पर संज्ञान लिया है.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटाया, डिप्टी सीएम ने जारी किया बयान : बलिया में मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी का मामला लखनऊ में शासन तक पहुंच गया है. इसके बाद शासन ने रविवार को विशेष टीम को जांच के लिए भेजा. वहीं, मरीजों की मौत की वजह हीटवेव बताने पर बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को पद से हटा दिया गया है. इनके स्थान पर बलिया जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एके यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी रविवार को अपना बयान जारी किया. उन्होंने लोगों की असमय मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौत किन कारणों से हुई है, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में निदेशक संचारी रोग डॉ. एके सिंह और निदेशक (उपचार) डॉ. केएन तिवारी को भेजा गया है. विशेषज्ञ मृतकों की संख्या, कारण और दूसरे पहलुओं की पड़ताल करेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा है कि जांच रिपोर्ट, लक्षण आदि का आकलन किए बगैर मौत की वजह तय नहीं की जा सकती है. विशेषज्ञ पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. डॉक्टर और कर्मचारियों को ड्यटी पर मुस्तैद रहने व एक-एक मरीज की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं.

बलिया में चिकित्सकों की टीम अलर्ट मोड पर है.

बलिया : जिले में अचानक से मौत के आंकड़ों में इजाफा हो गया है. आलम ये है कि तीन दिन में ही 54 लोगों की मौत हो चुकी है. लोग मौत के पीछे के कारणों को लेकर तरह-तरह की बातें कह रहे हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है. रविवार को मौतों के पीछे का राज जानने के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम लखनऊ से बलिया पहुंची. यह दल सिलसिलेवार जांच करेगा. इलाज व लक्षणों का आकलन भी किया जाएगा.

जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके यादव ने मीडिया को बताया कि जिला अस्पताल में 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे. इसमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मौत हो गई. 16 जून को 137 मरीज भर्ती किए गए थे. इसमें 20 लोगों की मौत हो गई. इसी तरह 17 जून को भी अज्ञात कारणों से 11 मरीजों की मौत हो गई. इस तरह से तीन दिन में ही मौत का आंकड़ा 54 तक पहुंच गया है. प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने स्वीकार किया कि बलिया में रूटीन से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने बताया कि मरने वालों में 60 साल की उम्र के ज्यादातर लोग हैं.

टीम जांच के लिए पहुंच चुकी है.
टीम जांच के लिए पहुंच चुकी है.

बलिया जिला अस्पताल पहुंचे आजमगढ़ मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य ओपी तिवारी ने बताया कि टीम जांच करेगी कि मौत का क्या कारण हो सकता है. हो सकता है कि कोई ऐसी बीमारी हो जो पकड़ में न आ रही हो. उन्होंने बताया कि गर्मी व जाड़े में मधुमेह, श्वास व रक्त चाप के रोगियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है. इस समय तापमान बढ़ गया है. हो सकता है इसके कारण पहले से बीमार लोगों की बीमारी बढ़ जा रही हो, इससे उनकी मौत हो जा रही हो. बता दें कि कल जिले के स्वास्थ्य महकमे ने गर्मी के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ने की बात कही थी.

बलिया के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस पर विस्तार से चर्चा हो चुकी है. शासन ने दो निदेशक स्तर के अधिकारी जांच के लिए भेजे हैं. टीम जांच कर पूरा विवरण उपलब्ध कराएगी. फिलहाल हीटवेव से मौत होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं.

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शासन ने मामले पर संज्ञान लिया है.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटाया, डिप्टी सीएम ने जारी किया बयान : बलिया में मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी का मामला लखनऊ में शासन तक पहुंच गया है. इसके बाद शासन ने रविवार को विशेष टीम को जांच के लिए भेजा. वहीं, मरीजों की मौत की वजह हीटवेव बताने पर बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को पद से हटा दिया गया है. इनके स्थान पर बलिया जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एके यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी रविवार को अपना बयान जारी किया. उन्होंने लोगों की असमय मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौत किन कारणों से हुई है, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में निदेशक संचारी रोग डॉ. एके सिंह और निदेशक (उपचार) डॉ. केएन तिवारी को भेजा गया है. विशेषज्ञ मृतकों की संख्या, कारण और दूसरे पहलुओं की पड़ताल करेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा है कि जांच रिपोर्ट, लक्षण आदि का आकलन किए बगैर मौत की वजह तय नहीं की जा सकती है. विशेषज्ञ पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. डॉक्टर और कर्मचारियों को ड्यटी पर मुस्तैद रहने व एक-एक मरीज की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं.

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