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Gujarat Elections: भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस से आए 24 प्रत्याशियों पर लगाया दांव - GUJARAT ASSEMBLY ELECTION

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 24 प्रत्याशी ऐसे बनाए हैं जिनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है. भाजपा ने चुनावी में जीत हासिल करने के लिए बनाई गई रणनीति के तहत ऐसा किया है. पढ़िए पूरी खबर...

Gujarat Assembly Election
गुजरात विधानसभा चुनाव
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Published : Nov 16, 2022, 9:43 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा के होने वाले चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए 24 ऐसे लोगों को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, जिनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने कांग्रेस के उन 24 पूर्व उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने अब तक 181 उम्मीदवारों के नामों का खुलासा किया है, जिनमें 58 ओबीसी, 44 पाटीदार, 15 क्षत्रिय, 26 एसटी और 13 ब्राह्मण हैं. हालांकि मालधारी समाज को टिकट नहीं दिए जाने से वे मायूस हैं.

2017 से 2022 के बीच कांग्रेस के 18 विधायक शामिल हुए थे बीजेपी में : कांग्रेस से भाजपा में जाने वालों में से बृजेश मेरजा एक थे, हालांकि उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया था. साथ ही धवलसिंह झाला और हकुभा जडेजा को भी टिकट नहीं मिला. हालांकि बीजेपी ने 15 नेताओं को टिकट दे दिया है. यानी कांग्रेस के सहारे बीजेपी की डोंगी चुनावी दहलीज पार करने के लिए निकल चुकी है. फिलहाल कांग्रेस के जिन 24 पूर्व सदस्यों ने बीजेपी का दामन थामा है, उनका जीतना तय है. भले ही बीजेपी के कमल उनके प्रतीक के रूप में काम करते हैं, लेकिन इन 24 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मुकाबला करेंगे. वहीं भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता काफी प्रयास करेंगे और कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को चुनने के लिए एक मजबूत अभियान चलाएंगे.

इन कांग्रेसियों को मिला बीजेपी का टिकट: बीजेपी ने 24 कांग्रेसी नेताओं को टिकट दिया है. इनमें झालोद- भावेश कटारा, तलाला- भागाभाई बराड, खेड़ब्रह्मा- अश्विन कोतवाल, विसावदर - हर्षद रिबडिया, वीरमगाम- हार्दिक पटेल, जसदान- कुंवरजी बावलिया, गांधीनगर दक्षिण- अल्पेश ठाकोर, छोटाउदपुर- राजेंद्र राठवा- मोहनसिंह राठवा के पुत्र, सिद्धपुर- बलवंतसिंह राजपूत, वडगाम- मणिभाई वाघेला, अब्दसा- पद्मुमन सिंह जडेजा, सानंद- कानू पटेल, जेतपुर- जयेश राडिया, जामनगर ग्रामीण- राघवजी पटेल, मानवदार- जवाहर चावड़ा, थसारा - योगेंद्र परमार, धारी- जेवी काकड़िया, बालासिनोर- मानसिंह चौहान, गोधरा- सीके राउलजी, कारजन- अक्षय पटेल, मांडवी- कुंवरजी हलपति, कपराडा - जीत चौधरी, वागरा - अरुण सिंह राणा और नडियाद - पंकज देसाई आदि शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - AAP उम्मीदवार ने ही 'खोल दी पोल', कहा- किडनैपिंग नहीं हुई, गुटबाजी थी

भाजपा ने अब तक जो सूची प्रकाशित की है, उसमें दलबदल कर आए नेता शामिल हैं. हालांकि, मूल कांग्रेसी उम्मीदवार जो दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गए हैं, जैसे मोरबी से बृजेश मेरजा, जामनगर से हकुभा जडेजा, बैद से धवलसिंह झाला और ध्रांगधरा से परसोत्तम सबरिया हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : राजनीतिक विशेषज्ञ शिरीष काशीकर (Shirish Kashikar) के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव की घोषणा दो साल पहले ही हो गई थी. उनका कहना है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों की तोड़फोड़ ने कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया, और अब कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले सभी विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट देकर राजनीतिक परिदृश्य को साफ कर दिया है. नतीजतन, भाजपा अब अपनी पहुंच उन क्षेत्रों को जीतने और जनप्रतिनिधियों को तैयार करने के फॉर्मूले पर काम कर रही है. क्योंकि भाजपा तीन दशक के अपनी सरकार होने के बाद भी वहां पर जीत दर्ज करा पाने में असमर्थ रही है. हालांकि भाजपा अब कांग्रेस के मूल नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की मदद से अपनी रणनीति का पूरा इस्तेमाल करते हुए खुद को मजबूत कर रही है.

काशीकर ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा ने अभी तक एक मजबूत दूसरी पंक्ति विकसित नहीं की है, जिसका उन्होंने दावा किया था लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें अपने पूर्व राजनीतिक विरोधियों को महत्व देना चाहिए. एक और राजनीतिक तथ्य यह है कि इस तरह की तोड़-फोड़ के बिना, भाजपा उन सीटों को हासिल नहीं कर पाएगी जिसकी उसे तलाश है. यहां तक ​​कि भाजपा के वरिष्ठ सदस्य और टिकट चाहने वाले नेताओं ने भी इस प्रतिकूल वास्तविकता को स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस पृष्ठभूमि के कितने नेता वास्तव में गुजरात विधानसभा चुनाव जीतेंगे और भाजपा के दर्शन से खुद को कितना प्रभावित कर पाएंगे, इसका बाद तो बाद में ही चल सकेगा.

ये भी पढ़ें - गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 37 उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा के होने वाले चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए 24 ऐसे लोगों को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, जिनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने कांग्रेस के उन 24 पूर्व उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने अब तक 181 उम्मीदवारों के नामों का खुलासा किया है, जिनमें 58 ओबीसी, 44 पाटीदार, 15 क्षत्रिय, 26 एसटी और 13 ब्राह्मण हैं. हालांकि मालधारी समाज को टिकट नहीं दिए जाने से वे मायूस हैं.

2017 से 2022 के बीच कांग्रेस के 18 विधायक शामिल हुए थे बीजेपी में : कांग्रेस से भाजपा में जाने वालों में से बृजेश मेरजा एक थे, हालांकि उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया था. साथ ही धवलसिंह झाला और हकुभा जडेजा को भी टिकट नहीं मिला. हालांकि बीजेपी ने 15 नेताओं को टिकट दे दिया है. यानी कांग्रेस के सहारे बीजेपी की डोंगी चुनावी दहलीज पार करने के लिए निकल चुकी है. फिलहाल कांग्रेस के जिन 24 पूर्व सदस्यों ने बीजेपी का दामन थामा है, उनका जीतना तय है. भले ही बीजेपी के कमल उनके प्रतीक के रूप में काम करते हैं, लेकिन इन 24 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मुकाबला करेंगे. वहीं भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता काफी प्रयास करेंगे और कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को चुनने के लिए एक मजबूत अभियान चलाएंगे.

इन कांग्रेसियों को मिला बीजेपी का टिकट: बीजेपी ने 24 कांग्रेसी नेताओं को टिकट दिया है. इनमें झालोद- भावेश कटारा, तलाला- भागाभाई बराड, खेड़ब्रह्मा- अश्विन कोतवाल, विसावदर - हर्षद रिबडिया, वीरमगाम- हार्दिक पटेल, जसदान- कुंवरजी बावलिया, गांधीनगर दक्षिण- अल्पेश ठाकोर, छोटाउदपुर- राजेंद्र राठवा- मोहनसिंह राठवा के पुत्र, सिद्धपुर- बलवंतसिंह राजपूत, वडगाम- मणिभाई वाघेला, अब्दसा- पद्मुमन सिंह जडेजा, सानंद- कानू पटेल, जेतपुर- जयेश राडिया, जामनगर ग्रामीण- राघवजी पटेल, मानवदार- जवाहर चावड़ा, थसारा - योगेंद्र परमार, धारी- जेवी काकड़िया, बालासिनोर- मानसिंह चौहान, गोधरा- सीके राउलजी, कारजन- अक्षय पटेल, मांडवी- कुंवरजी हलपति, कपराडा - जीत चौधरी, वागरा - अरुण सिंह राणा और नडियाद - पंकज देसाई आदि शामिल हैं.

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भाजपा ने अब तक जो सूची प्रकाशित की है, उसमें दलबदल कर आए नेता शामिल हैं. हालांकि, मूल कांग्रेसी उम्मीदवार जो दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गए हैं, जैसे मोरबी से बृजेश मेरजा, जामनगर से हकुभा जडेजा, बैद से धवलसिंह झाला और ध्रांगधरा से परसोत्तम सबरिया हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : राजनीतिक विशेषज्ञ शिरीष काशीकर (Shirish Kashikar) के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव की घोषणा दो साल पहले ही हो गई थी. उनका कहना है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों की तोड़फोड़ ने कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया, और अब कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले सभी विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट देकर राजनीतिक परिदृश्य को साफ कर दिया है. नतीजतन, भाजपा अब अपनी पहुंच उन क्षेत्रों को जीतने और जनप्रतिनिधियों को तैयार करने के फॉर्मूले पर काम कर रही है. क्योंकि भाजपा तीन दशक के अपनी सरकार होने के बाद भी वहां पर जीत दर्ज करा पाने में असमर्थ रही है. हालांकि भाजपा अब कांग्रेस के मूल नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की मदद से अपनी रणनीति का पूरा इस्तेमाल करते हुए खुद को मजबूत कर रही है.

काशीकर ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा ने अभी तक एक मजबूत दूसरी पंक्ति विकसित नहीं की है, जिसका उन्होंने दावा किया था लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें अपने पूर्व राजनीतिक विरोधियों को महत्व देना चाहिए. एक और राजनीतिक तथ्य यह है कि इस तरह की तोड़-फोड़ के बिना, भाजपा उन सीटों को हासिल नहीं कर पाएगी जिसकी उसे तलाश है. यहां तक ​​कि भाजपा के वरिष्ठ सदस्य और टिकट चाहने वाले नेताओं ने भी इस प्रतिकूल वास्तविकता को स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस पृष्ठभूमि के कितने नेता वास्तव में गुजरात विधानसभा चुनाव जीतेंगे और भाजपा के दर्शन से खुद को कितना प्रभावित कर पाएंगे, इसका बाद तो बाद में ही चल सकेगा.

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