झाड़ोल (उदयपुर). एक तरफ प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन लगा हुआ है. दूसरी तरफ उदयपुर जिले की झाड़ोल उपखण्ड के ओगणा कस्बे में कुछ युवा इस माहौल में अपनी जान की परवाह न करते हुए प्रशासन का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं.
युवा टोली बना कर कर रहे काम
कस्बे के पच्चीस से अधिक युवा टोली बना कर लॉकडाउन में प्रशासन का साथ दे रहे हैं. युवा अलग-अलग टोली बना कर पुलिस का साथ देते हुए गांव के सभी मार्गों पर चेक पोस्ट बना कर खड़े हुए हैं और बाहर से आने वाले ग्रामीणों को रोकने और पूछताछ करने का काम कर रहे हैं. साथ ही उन्हें अस्पताल ले जाकर स्क्रीनिंग करवाने का काम भी कर रहे हैं.
ये है टीम
इन युवाओं में माणस व्यापार मण्डल ओगणा के कुछ सदस्यों सहित अन्य ग्रामीण शामिल है. इस टीम में उपसरपंच नवीन बापना, पूर्व सरपंच लक्ष्मीलाल, माणस व्यापार मण्डल अध्यक्ष गिरीश सोनी, उपाध्यक्ष फतहलाल बापना, भरत मन्नावत, तुलसीराम, दुर्गेश पण्डा, संजय गोस्वामी, जगदीश माली, देवेंद्र कोठारी, अरविंद मन्नावत, कैलाश भट्ट सहित पच्चीस से अधिक अन्य युवा साथी हैं.
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सोशल डिस्टेंसिंग का कर रहे पालन
ये युवा इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन भी कर रहे हैं. एक चेकपोस्ट पर पांच से सात के ग्रुप में खड़े रह कर सभी के बीच उचित दूरी पर खड़े रह कर कार्य कर रहे हैं. साथ ही मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग भी कर रहे हैं. सभी चेकपोस्ट पर बाहर से आने वाले ग्रामीणों को साबुन से हाथ धुलवाकर मास्क भी मुफ्त में पहना रहे हैं.
ग्रामीणों को कर रहे कोरोना के लिये जागरूक
सभी युवा अलग अलग टोलियों में गांव में घूम कर सभी ग्रामीणों से कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर रहने और मास्क आदि का उपयोग करते हुए सतर्कता बरतने के लिए समझाइश भी कर रहे हैं.
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इन युवाओं ने कस्बे के सभी किराना और सब्जी व्यापारियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए दुकान के बाहर गोले बनवाये और सफाई का ध्यान रखने के लिए अपील भी की. वहीं बाहर से आकर होम क्वारंटाइन हुए ग्रामीणों की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.
जरूरतमंदों के लिए कर रहे भोजन की व्यवस्था
कस्बे में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों और बाहरी राज्यों से भूखे प्यासे आ रहे ग्रामीणों के लिए युवा भोजन की व्यवस्था भी कर रहे हैं. अस्पताल और चौकियों पर इन युवाओं ने इन ग्रामीणों के लिये भोजन पानी की व्यवस्था कर रखी है. इसके लिए फंड भी ये सभी मिलकर ही इकट्ठा कर रहे हैं और भोजन बनाने का कार्य भी स्वयं कर रहे हैं.