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यहां केवल एक ही जाति के प्रत्याशी पर दांव खेलती है भाजपा-कांग्रेस

इस बार भी राजनीतिक दलों ने अपनी परंपरा निभाते हुए फिर से मीणा प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है.

भाजपा उम्मीदवार अर्जुन मीणा और कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा
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Published : Apr 3, 2019, 9:35 PM IST

उदयपुर. राजस्थान की सीट ऐसी भी है जहां किसी एक जाती का वर्चस्व सबसे ज्यादा देखनो को मिला है. जिस तरह शेखावाटी की तीनों सीटों पर जाटों का वर्चस्व रहा है वैसे ही मेवाड़ की उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा जाति का वर्चस्व आजतक कायम है. पार्टी चाहे कोई भी हो उदयपुर से लोकसभा प्रत्याशी मीणा जाति से ही चुनती आई हैं.

इस बार भी राजनीतिक दलों ने अपनी परंपरा निभाते हुए फिर से मीणा प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है. उदयपुर सीट पर ऐसे क्या सियासी समीकरण हैं जिसके चलते तमाम राजनीतिक दल हमेशा मीणा प्रत्याशी ही चुनते हैं. आईए जानते हैं...

वीडियोः दोनों ही पार्टियां एक ही जाति के उम्मीदवार पर खेलती हैं दांव

यूं तो राजनीतिक दल जातिवाद की बात नहीं करते और सभी को साथ लेकर राजनीति करने के दावे करते हैं लेकिन राजस्थान के उदयपुर लोकसभा सीट पर हाल कुछ और है. उदयपुर लोकसभा सीट पर पिछले लंबे समय से मीणा समुदाय का कब्जा है यह तीसरा मौका है जब दोनों ही पार्टियों ने मीणा जाति से ही प्रत्याशी को चुना है. बीजेपी ने जहां मौजूदा सांसद अर्जुन लाल मीणा तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद रघुवीर मीणा इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया है.

एसटी के लिए रिजर्व उदयपुर लोकसभा सीट की कुल मतदाता संख्या 29 लाख 52 हजार 470 है. जिसका 81% हिस्सा ग्रामीण और 18% हिस्सा शहरी है. जबकि कुल आबादी का 5.5 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति जबकि 59.8 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जनजाति का है. ऐसे में सबसे ज्यादा दबदबा अनुसूचित जनजाति का है. जिसके चलते दोनों राजनीतिक दल इसी समुदाय के व्यक्ति को अपनी पार्टी से लंबे समय से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा रहे हैं.

उदयपुर लोकसभा के दायरे में आठ विधानसभाएं आती हैं जिनमें से पांच विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी मीणा जाति के ही हैं. उदयपुर ग्रामीण से फूल सिंह मीणा वर्तमान में विधायक हैं, सलूंबर से अर्जुन लाल मीणा, प्रतापगढ़ से रामलाल मीणा, धरियावाद से गौतम लाल मीणा विधायक है जबकि डूंगरपुर से निर्दलीय विधायक भी मीणा समुदाय से ही है .

लोकसभा के दायरे में आने वाले अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी बहुसंख्यक में मीणा समुदाय के वोटर ही हैं. मीणा समाज का मजबूत जनाधार होने के चलते ही यहां विधानसभा चुनाव में भी मीणा प्रत्याशी ही जीतते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजनीतिक दल हमेशा वहां स्थानीय जाति के आधार पर टिकट वितरण करती है. ऐसे में उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा समुदाय बहुसंख्यक है और इसी के चलते इस सीट पर लंबे समय से मीणा समुदाय के लोग ही प्रत्याशी के तौर पर आ रहे हैं.

उदयपुर. राजस्थान की सीट ऐसी भी है जहां किसी एक जाती का वर्चस्व सबसे ज्यादा देखनो को मिला है. जिस तरह शेखावाटी की तीनों सीटों पर जाटों का वर्चस्व रहा है वैसे ही मेवाड़ की उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा जाति का वर्चस्व आजतक कायम है. पार्टी चाहे कोई भी हो उदयपुर से लोकसभा प्रत्याशी मीणा जाति से ही चुनती आई हैं.

इस बार भी राजनीतिक दलों ने अपनी परंपरा निभाते हुए फिर से मीणा प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है. उदयपुर सीट पर ऐसे क्या सियासी समीकरण हैं जिसके चलते तमाम राजनीतिक दल हमेशा मीणा प्रत्याशी ही चुनते हैं. आईए जानते हैं...

वीडियोः दोनों ही पार्टियां एक ही जाति के उम्मीदवार पर खेलती हैं दांव

यूं तो राजनीतिक दल जातिवाद की बात नहीं करते और सभी को साथ लेकर राजनीति करने के दावे करते हैं लेकिन राजस्थान के उदयपुर लोकसभा सीट पर हाल कुछ और है. उदयपुर लोकसभा सीट पर पिछले लंबे समय से मीणा समुदाय का कब्जा है यह तीसरा मौका है जब दोनों ही पार्टियों ने मीणा जाति से ही प्रत्याशी को चुना है. बीजेपी ने जहां मौजूदा सांसद अर्जुन लाल मीणा तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद रघुवीर मीणा इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया है.

एसटी के लिए रिजर्व उदयपुर लोकसभा सीट की कुल मतदाता संख्या 29 लाख 52 हजार 470 है. जिसका 81% हिस्सा ग्रामीण और 18% हिस्सा शहरी है. जबकि कुल आबादी का 5.5 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति जबकि 59.8 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जनजाति का है. ऐसे में सबसे ज्यादा दबदबा अनुसूचित जनजाति का है. जिसके चलते दोनों राजनीतिक दल इसी समुदाय के व्यक्ति को अपनी पार्टी से लंबे समय से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा रहे हैं.

उदयपुर लोकसभा के दायरे में आठ विधानसभाएं आती हैं जिनमें से पांच विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी मीणा जाति के ही हैं. उदयपुर ग्रामीण से फूल सिंह मीणा वर्तमान में विधायक हैं, सलूंबर से अर्जुन लाल मीणा, प्रतापगढ़ से रामलाल मीणा, धरियावाद से गौतम लाल मीणा विधायक है जबकि डूंगरपुर से निर्दलीय विधायक भी मीणा समुदाय से ही है .

लोकसभा के दायरे में आने वाले अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी बहुसंख्यक में मीणा समुदाय के वोटर ही हैं. मीणा समाज का मजबूत जनाधार होने के चलते ही यहां विधानसभा चुनाव में भी मीणा प्रत्याशी ही जीतते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजनीतिक दल हमेशा वहां स्थानीय जाति के आधार पर टिकट वितरण करती है. ऐसे में उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा समुदाय बहुसंख्यक है और इसी के चलते इस सीट पर लंबे समय से मीणा समुदाय के लोग ही प्रत्याशी के तौर पर आ रहे हैं.

Intro:राजस्थान के उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा समुदाय लंबे समय से राज कर रहा है जी हां आज हम आपको बताएंगे इस सीट का वह सियासी समीकरण जिस को ध्यान में रखते हुए दोनों राजनीतिक दल इस सीट पर मीणा प्रत्याशी मैदान में उतार रहे हैं और इस बार भी राजनीतिक दलों ने अपनी परंपरा निभाते हुए फिर से मीणा प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है


Body:वैसे तो दोनों ही राजनीतिक दल जातिवाद की बात नहीं करते और सभी को साथ लेकर राजनीति करने के दावे भी करते हैं लेकिन राजस्थान के उदयपुर लोकसभा सीट पर हाल कुछ और है बता दें कि राजस्थान में उदयपुर लोकसभा सीट पर पिछले लंबे समय से मीणा समुदाय का कब्जा है और एक बार फिर दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस सीट पर मीणा समुदाय का प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है आपको बता दें कि इस चुनाव के साथ यह तीसरा लोकसभा चुनाव है जिसमें इस सीट से मीणा जाति के ही प्रत्याशी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार बीजेपी से अर्जुन लाल मीणा तो वहीं कांग्रेस के रघुवीर मीणा इस सीट के प्रत्याशी हैं

बता दें कि उदयपुर लोकसभा सीट की कुल जनसंख्या 2952470 है जिसका 81% हिस्सा ग्रामीण और 18% हिस्सा शहरी है जब की कुल आबादी का 5.5 फीत हिस्सा अनुसूचित जाति जबकि 59.8 फीस दी हिस्सा अनुसूचित जनजाति का है ऐसे में स्टेट में सबसे ज्यादा दबदबा अनुसूचित जनजाति का है जिसके चलते दोनों राजनीतिक दल इसी समुदाय के व्यक्ति को अपनी पार्टी से लंबे समय से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा रहे हैं और फिर एक बार इसी समुदाय के प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा गया है

सिर्फ इतना ही नहीं अगर क्षेत्र की विधानसभा सीटों की बात की जाए तो इनमें भी अधिकतर सीटों पर मीणा समुदाय का प्रत्याशी ही विधायक है बात करें उदयपुर ग्रामीण की तो यहां से फूल सिंह मीणा वर्तमान में विधायक है सलूंबर से अर्जुन लाल मीणा वर्तमान में विधायक है प्रतापगढ़ से रामलाल मीणा वर्तमान में विधायक है धरियावाद से गौतम लाल मीणा वर्तमान में विधायक है जबकि डूंगरपुर से निर्दलीय मीणा समुदाय से विधायक हैं तो वहीं अन्य सीटों पर भी बहुसंख्यक में मीणा समुदाय के वोटर हैं ऐसे में समुदाय को खुश रखने के लिए दोनों ही दल लंबे समय से सीट से मीणा प्रत्याशी को मैदान में उतार रहे हैं

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजनीतिक दल हमेशा वहां स्थानीय जाति के आधार पर टिकट वितरण करती है ऐसे में उदयपुर लोकसभा सीट पर मीणा समुदाय बहुसंख्यक है और इसी के चलते इस सीट पर लंबे समय से मीणा समुदाय के लोग ही प्रत्याशी के तौर पर आ रहे हैं



Conclusion:कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि राजनीति में जातिवाद को खत्म करने की दावा करने वाले दोनों प्रमुख राजनीतिक दल उदयपुर से सिर्फ एक समुदाय विशेष के ही प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतार रहे हैं
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