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देश के 100 जिलों के जल संवर्धन के लिए भारतीय जैन संघटना करेगा केन्द्र सरकार से एमओयू - MoU for water conservation in Udaipur

भारतीय जैन संघटना का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 दिसंबर को उदयपुर में आयोजित होगा. इसमें देश के 100 जिलों में जल संवर्धन को लेकर केंद्र सरकार से एमओयू साइन किया (Water Conservation in 100 Districts of India) जाएगा. इस अधिवेशन में जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित उद्योगपति, शिक्षाविद् एवं ब्यूरोकैट्स एवं जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

Water Conservation in 100 Districts of India, MoU to be singed in Jain Association National Convention on Dec 17-18
देश के 100 जिलों के जल संवर्धन के लिए भारतीय जैन संघटना करेगा केन्द्र सरकार से एमओयू
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Published : Dec 16, 2022, 8:56 PM IST

उदयपुर. भारतीय जैन संघटना का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 दिसंबर को आयोजित होगा. इसमें देश के 100 जिलों में जल संवर्धन का एमओयू (Water Conservation in 100 Districts of India), मूल्यवर्धन शिक्षा का स्केल तैयार करना तथा सामाजिक क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर चिंतन-मंथन होगा.

संगटना के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि अधिवेशन का मुख्य आकर्षण 17 दिसम्बर को ओकेजन गार्डन से डीपीएस स्कूल मैदान तक निकलने वाली विशाल वाटर रैली है. इसमें युथ ब्रिगेड के 51 युवा साथी बुलेट मोटरसाइकिल पर रैली को एस्कोर्ट करेंगे. उसके पीछे पांच घोड़े, दो बग्गियां जिनमें अधिवेशन का लोगो एवं जैन प्रतीक चिन्ह होगा. उनके पीछे 12 राज्यों के 100 जिलों की झांकियां अलग-अलग चारपहिया वाहनों पर सजी होंगी.

पढ़ें: भारतीय जैन संघटना का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 दिसंबर को उदयपुर में, होने जा रहा ये बड़ा काम...

इन 100 जिलों की झांकिया होंगी शामिल: फत्तावत ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के 15, गुजरात के 3, जम्मू कश्मीर के 2, कनार्टक के 15, महाराष्ट्र के 27, मध्यप्रदेश के 6, उड़ीसा, पंजाब तथा पाण्डिचेरी के 1-1, राजस्थान के 14, तमिलनाडु के 13 तथा उत्तर प्रदेश के 2 जिलें शामिल है. राजस्थान के अजमेर, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडगढ़, डूंगरपुर, जालोर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले जल संवर्धन में शामिल होंगे.

पढ़ें: Special : जल सहेजने के लिए शामलात यात्राएं, यहां जानिए इन वाटर लीडर्स की कहानियां

प्रदेश महामंत्री अभिषेक संचेती ने बताया कि 17-18 दिसम्बर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री कपिल पाटील, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित देशभर के 100 से अधिक उद्योगपति, शिक्षाविद् एवं ब्यूरोकैट्स एवं जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

पढ़ें: तीन दिवसीय जल सम्मेलन का आगाजः 6 महाद्वीपों के जल जीवन विशेषज्ञ करेंगे समस्या समाधान पर चर्चा

अधिवेशन के मुख्य संयोजक महेन्द्र तलेसरा ने बताया कि 17 दिसम्बर को उद्घाटन सत्र के बाद जल संवर्धन, मूल्य वर्धन शिक्षा के सत्र, शाम को विशाल वाटर रैली तथा रात्रि में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी. दूसरे दिन वाशिगंटन विश्वविद्यालय से अख्तर बादशाह का वर्चुअल संबोधन, द्वितीय सत्र में पानी जैसी जटिल समस्याओं के समाधान में जैन साधु-साध्वियों की पहल, सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर चितंन-मंथन, आगामी दो वर्ष की नई राष्ट्रीय कार्यसमिति का शपथ एवं समापन सत्र होगा. देशभर से आने वाले 3 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए पूरे शहर में 100 से अधिक होर्डिंग लगाए गए है.

उदयपुर. भारतीय जैन संघटना का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 दिसंबर को आयोजित होगा. इसमें देश के 100 जिलों में जल संवर्धन का एमओयू (Water Conservation in 100 Districts of India), मूल्यवर्धन शिक्षा का स्केल तैयार करना तथा सामाजिक क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर चिंतन-मंथन होगा.

संगटना के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि अधिवेशन का मुख्य आकर्षण 17 दिसम्बर को ओकेजन गार्डन से डीपीएस स्कूल मैदान तक निकलने वाली विशाल वाटर रैली है. इसमें युथ ब्रिगेड के 51 युवा साथी बुलेट मोटरसाइकिल पर रैली को एस्कोर्ट करेंगे. उसके पीछे पांच घोड़े, दो बग्गियां जिनमें अधिवेशन का लोगो एवं जैन प्रतीक चिन्ह होगा. उनके पीछे 12 राज्यों के 100 जिलों की झांकियां अलग-अलग चारपहिया वाहनों पर सजी होंगी.

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इन 100 जिलों की झांकिया होंगी शामिल: फत्तावत ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के 15, गुजरात के 3, जम्मू कश्मीर के 2, कनार्टक के 15, महाराष्ट्र के 27, मध्यप्रदेश के 6, उड़ीसा, पंजाब तथा पाण्डिचेरी के 1-1, राजस्थान के 14, तमिलनाडु के 13 तथा उत्तर प्रदेश के 2 जिलें शामिल है. राजस्थान के अजमेर, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडगढ़, डूंगरपुर, जालोर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले जल संवर्धन में शामिल होंगे.

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प्रदेश महामंत्री अभिषेक संचेती ने बताया कि 17-18 दिसम्बर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री कपिल पाटील, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित देशभर के 100 से अधिक उद्योगपति, शिक्षाविद् एवं ब्यूरोकैट्स एवं जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

पढ़ें: तीन दिवसीय जल सम्मेलन का आगाजः 6 महाद्वीपों के जल जीवन विशेषज्ञ करेंगे समस्या समाधान पर चर्चा

अधिवेशन के मुख्य संयोजक महेन्द्र तलेसरा ने बताया कि 17 दिसम्बर को उद्घाटन सत्र के बाद जल संवर्धन, मूल्य वर्धन शिक्षा के सत्र, शाम को विशाल वाटर रैली तथा रात्रि में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी. दूसरे दिन वाशिगंटन विश्वविद्यालय से अख्तर बादशाह का वर्चुअल संबोधन, द्वितीय सत्र में पानी जैसी जटिल समस्याओं के समाधान में जैन साधु-साध्वियों की पहल, सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर चितंन-मंथन, आगामी दो वर्ष की नई राष्ट्रीय कार्यसमिति का शपथ एवं समापन सत्र होगा. देशभर से आने वाले 3 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए पूरे शहर में 100 से अधिक होर्डिंग लगाए गए है.

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