उदयपुर. जिले के ओडा रेलवे ब्रिज को उड़ाने के मामले में एटीएस ने 4 लोगों को और गिरफ्तार किया है.अब तक इस मामले में सात लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है. जिसमें पिता-पुत्र भी शामिल है. शुक्रवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर एटीएस की टीम उदयपुर कोर्ट में पेश की. जहां से एटीएस ने 5 दिन का रिमांड मांगा. लेकिन कोर्ट ने एटीएस को 3 दिन का रिमांड दिया है. अब एटीएस की टीम इन आरोपियों से 3 दिन में पूरे मामले को लेकर पूछताछ करेगी. इससे पहले गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी धूलचंद और उसके भतीजे समेत विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने वाले पिता-पुत्र सहित चार लोग 5 दिन की रिमांड पर लिए गए हैं (Udaipur Ahemdabad Rail Track Blast).
क्या है पूरा मामला?: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर आरोपियों ने ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था. इससे पटरियों पर क्रैक आ गया था. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिला था.आरोपियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है.
इस मामले में जानकारी सामने आए ये सभी आरोपी उदयपुर के रहने वाले है. इन्होंने ही धोल की पाटी निवासी बिहारी लाल और अंकुश सुहालका को ब्लास्ट की सामग्री बेची थी. ये सभी आरोपी लाइसेंसधारी होकर मैगजीन और विस्फोटक बेचने का कार्य करते हैं. एटीएस ने प्रताप नगर निवासी पिता लोकेश और उसके बेटे अमित के साथ हिरण मगरी सेक्टर 4 निवासी भरतराज सेंन और मल्लातलाई निवासी अशोक मीणा को गिरफ्तार किया है.
रेलवे ट्रेक ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी धुलचंद ने बिहारी लाल और अंकुश से विस्फोटक खरीदा था और बिहारी लाल पिछले लंबे समय से गिरफ्तार हुए चारों आरोपियों से विस्फोटक खरीद रहा था. नियमानुसार विस्फोटक उसे ही बेचा जा सकता है,जिसके पास लाइसेंस हो, ऐसे में बिना लाइसेंस वाले को विस्फोटक और मैगजीन बेचने के मामले में एटीएस ने सभी को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिनमें से 4 आरोपी 5 दिन के रिमांड पर चल रहे हैं.