उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में देशभर के तमाम वैज्ञानिक तीन दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एकत्र हुए हैं. देशभर के 75 साइंटिस्ट 3 दिनी कार्यशाला में 'बहुस्तरीय सौर घटनाएं, वर्तमान क्षमताएं और भावी चुनौतियां' विषय पर चर्चा करेंगे. यह भौतिक कार्यशाला उदयपुर सोलर ऑब्जर्वेटरी (यूएसओ) की ओर से आयोजित की जा रही है. आज उद्घाटन सत्र में इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने बताया कि इस वर्कशॉप में सूर्य की वर्तमान स्थिति और बदलाव पर वैज्ञानिकों की ओर से गहन चर्चा की जाएगी.
देश के यह शीर्ष सौर और अंतरिक्ष वैज्ञानिक उदयपुर सोलर ऑब्जर्वेटरी (यूएसओ) की ओर से आयोजित सौर भौतिकी कार्यशाला 'बहु-स्तरीय सौर परिघटनाएं: वर्तमान क्षमताएं और भावी चुनौतियां (यूएसपीडब्ल्यू -2023) में भाग लेने उदयपुर आए हैं. कार्यशाला में सूर्य की वर्तमान स्थिति, बदलाव पर गहन वैज्ञानिक चर्चा होगी और आदित्य-एल-1 सौर मिशन सहित भारत के भविष्य के सभी सौर मिशन पर एक विजन दस्तावेज तैयार होगा.
इसके साथ ही कार्यशाला में युवा सौर शोधकर्ताओं को सौर भौतिकी के वरिष्ठ शोधकर्ताओं के साथ चर्चा करने का एक मंच भी मिलेगा जो भविष्य के अनुसंधान लक्ष्यों के अनुरूप उनकी रुचि को उन्मुख करने मे मददगार साबित होगा. यही नहीं, वर्कशॉप के दौरान चंद्रयान-3 को लेकर चल रहे काम पर भी चर्चा होगी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद तथा अंतरिक्ष आयोग के सदस्य और इसरो के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री एएस किरण कुमार रहे.
किरण कुमार ने बताया कि देश सौर मिशन के साथ-साथ अन्य कई मिशन पर तेजी से कार्य कर रहा है और जल्द ही उसके परिणाम भी देखने को मिलेंगे. इसके साथ ही अहमदाबाद की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अनिल भारद्वाज ने वर्कशॉप की महत्ता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में युवा दौर शोधकर्ताओं को सौर भौतिकी के वरिष्ठ शोधकर्ताओं के साथ चर्चा करने का एक मंच भी मिल रहा है जो भविष्य के अनुसंधान लक्ष्यों के अनुरूप उनकी रुचि को उन्मुख करने मे मददगार होगा.