उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर सोमवार को श्रमदान एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया गया. कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के नेतृत्व में प्रशासनिक भवन के बाहर सफाई अभियान चलाया गया, जिसके तहत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. उसके बाद प्रशासनिक भवन में प्रोफेसर मिश्रा ने गांधी एवं शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया.
विज्ञान महाविद्यालय, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय एवं वाणिज्य महाविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों ने श्रमदान किया. सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जैन गांधी पूज्य गणेश प्रसाद जी वर्णी की 150वीं जन्म जयंती एवं विश्व अहिंसा दिवस के पावन प्रसंग पर अहिंसा और पर्यावरण संरक्षण विषयक विभागीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में संरक्षक के रूप में कुलपति प्रो सुनीता मिश्रा ने अपना मार्गदर्शन व प्रेरणा प्रदान की. अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता प्रो सीआर सुथार ने कहा कि गांधी व्यक्ति नहीं एक विचार है. आज हम गांधी को लेखों, पत्र–पत्रिकाओं, पुस्तकों और व्याख्यानों के माध्यम से जानते हैं. उन्होंने कहा कि इस गांधी ने मनसा-वाचा–कर्मणा से अहिंसा की परिपालना करते हुए अनेक शैक्षिक संस्थाओं का निर्माण करवाया, जो अनुकरणीय है. बहुत ही प्रसन्नता है कि आज हम ऐसे व्यक्तित्व को जान सकें.
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मुख्य अतिथि के रूप में सहअधिष्ठाता प्रो दिग्विजय भटनागर ने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान व्यक्तित्व की भी आज जन्मजयंती है. प्रो. भटनागर ने यह भी कहा की वास्तव में जैनपरंपरा की अहिंसा उन मूकप्राणियों की संवेदना को उजागर करने में सहायक है, जिस संवेदना को सुनने व समझने की चेतना लोगों में देखी नहीं जाती.