उदयपुर. जिले के ओडा रेलवे ब्रिज को उड़ाने के मामले के मुख्य आरोपी धूलचंद समेत सात आरोपियों (Udaipur Railway Bridge Blast case) को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. न्यायालय ने इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए सभी सात आरोपियों को जेल भेज दिया है. एटीएस के अधिकारी कड़ी सुरक्षा के बीच सभी आरोपियों को कोर्ट लेकर पहुंचे. इससे पहले सभी आरोपियों की अलग-अलग रिमांड ली गई थी.
आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जहां (7 accused of Udaipur Railway Bridge Blast) मुख्य आरोपी धूलचंद, उसका भतीजा, विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने वाले बाप-बेटे लोकेश और अमित, धोल की पाटी निवासी बिहारी लाल और अंकुश सुहालका को जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं. एटीएस ने प्रताप नगर निवासी पिता लोकेश और उसके बेटे अमित के साथ हिरण मगरी सेक्टर 4 निवासी भरतराज सेंन और मल्लातलाई निवासी अशोक मीणा को भी गिरफ्तार किया है.
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विस्फोटक बेचने वाले भी गिरफ्तार : रेलवे ट्रेक ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी धुलचंद ने बिहारी लाल और अंकुश से विस्फोटक खरीदा था और बिहारी लाल पिछले लंबे समय से गिरफ्तार हुए चारों आरोपियों से विस्फोटक खरीद रहा था. नियमानुसार विस्फोटक उसे ही बेचा जा सकता है, जिसके पास लाइसेंस हो. ऐसे में बिना लाइसेंस वाले को विस्फोटक और मैगजीन बेचने के मामले में एटीएस ने सभी को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
ये है पूरा मामला : उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर आरोपियों ने ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था. इससे पटरियों पर क्रैक आ गया था. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिले थे. आरोपियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है.