उदयपुर. सिटी में चाइनीज मांझे से 5 साल की मासूम की गर्दन कटने का मामला सामने आया था. आनन-फानन में लहूलुहान बच्ची को अस्पताल ले जाया गया. जहां 35 टांके लगने के बाद उसकी जान बच सकी. इस मामले को लेकर शुक्रवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नाराज लोगों ने शुक्रवार को उदयपुर विकास संघर्ष समिति के बैनर तले इस घटना को लेकर विरोध जताया और चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में ऐसे लोगों पर कार्रवाई की अपील की गई जो रोक के बाद भी चाइनीज मांझा बेच रहे हैं. संघर्ष समिति के अधिकारियों ने बताया कि बेजुबान पक्षियों के साथ चाइनीज मांझा आम लोगों के लिए भी लगातार खतरा बन रहा है.
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बुधवार को पांच साल की मासूम बच्ची की गर्दन चाइनीज मांझे से कट गई थी. कट इतना बड़ा था कि पूरी गर्दन पर 35 टांके लगाने पड़े. परिजनों ने बताया कि अशना बानू (5) अपने पिता उमर फारुक के साथ बाइक पर आगे बैठी हुई थी. छीपा कॉलोनी में पानी की टंकी के पास अचानक चाइनीज मांझा उड़कर आया और बच्ची की गर्दन को चीरता निकल गया.
बच्ची दर्द से चिल्ला उठी तो पिता ने अचानक बाइक रोक दी. देखा तो अशना लहूलुहान हो गई थी. घबराए पिता ने जैसे-तैसे बच्ची को संभाला, इसी दौरान आसपास मौजूद सफाईकर्मियों की मदद से बच्ची को एमबी हॉस्पिटल पहुंचाया गया.
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चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन और सरकार को विशेष कदम उठाने चाहिए. जिससे पक्षियों के साथ आम लोगों की सुरक्षा में भी सुधार हो सके. पतंगबाजी के शौक में आम लोगों की जिंदगी लगातार इस धागे से मिल रही है. ऐसे में जिम्मेदार आला अधिकारियों को आगे आकर चाइनीज मांझा बेचने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
नगर निगम ने चाइनीज माझा बेचने वाले दुकानदारों का काटा चलान
उदयपुर में 5 साल की मासूम बच्ची के साथ चाइनीज मांझे के कारण गर्दन कटने का मामला सामने आने बाद अब नगर निगम भी मुस्तैद नजर आ रहा है. नगर निगम की ओर से शुक्रवार को प्रतिबंधित चाइनीज मांझा बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मांझे को जब्त कर जुर्माना वसूला गया. टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में जांच की. जांच के दौरान शहर में चाइनीज मांझा बेचने वाले तीन दुकानदारों से मांझा जब्त कर 15 सौ रुपए का चालान बनाया गया. वहीं जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट चेतन देवड़ा ने भी धातु निर्मित मांझे की बिक्री तथा उपयोग को जिले की सीमाओं में प्रतिबंधित करने के लिए के प्रावधानों को लागू किया है. कलेक्टर ने आदेश 30 जून तक प्रभावी रहने की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि आदेशों का उल्लंघन किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.