उदयपुर. देश में हर साल 7 नवंबर को कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी का जन्मदिन होता है. मैडम क्यूरी ने कैंसर से लड़ने में अहम योगदान दिया था. उनके योगदान को याद रखने के उद्देश्य से हर साल मैडम क्यूरी के जन्मदिन के मौके पर कैंसर जागरूकता दिवस मनाते हैं. देश में हर साल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपनाई जाने वाली जागरूकता को लेकर ईटीवी भारत ने उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज व सुपर स्पेशलिटी के कैंसर विभागाध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र राठौड़ से खास बातचीत की.
कैंसर को लेकर कैसे रहें जागरूक : डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले कई सालों में लगातार कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वर्तमान में कैंसर के फैलने के कई कारण सामने आए हैं. डॉ राठौड़ ने बताया कि अगर कैंसर शुरुआती स्टेज में हो तो इसका पूर्णत: उपचार संभव है. खासकर कैंसर पीड़ितों को नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके, लेकिन जागरूकता के अभाव में अधिकांश लोग इसके एडवांस स्टेज से ग्रसित हो जाते हैं. इसके बाद उपचार से इसे ठीक करना सरल नहीं रह जाता.
कैंसर वर्तमान मामले : डॉ. राठौड़ ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 10 मिलियन कैंसर के नए मामले सामने आते हैं. डब्ल्यूएचओ के नए अनुमानों के अनुसार, भारत में प्रत्येक 10 भारतीयों में से एक को अपने पूरे जीवनकाल में कैंसर विकसित होने की संभावना है और 15 में से एक व्यक्ति की मौत कैंसर के कारण हो सकती है. डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट में भारत में कैंसर से संबंधित कुछ चौंकाने वाले आंकड़े भी सामने आए हैं. भारत में प्रत्येक वर्ष 16 मिलियन कैंसर से संबंधित नए मामले दर्ज किए जाते हैं. लगभग 7,84,800 लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है. भारत में होने वाले छह मुख्य कैंसर में स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल है.
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कैंसर के लक्षण : डॉ राठौड़ बताते हैं कि सभी कैंसर के लक्षण एक-दूसरे से अलग होते हैं. ऐसे में इसके संकेतों और लक्षणों (symptoms of cancer) के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. ताकि समय रहते लक्षणों को पहचानकर निदान और इलाज शुरू की जा सके. कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-
1) अचानक वजन कम होना - बिना कोई कारण नजर आए यदि आपका वजन तेजी से कम होने लगे तो यह कैंसर के पहले संकेतों में से एक हो सकता है.अग्न्याशय पेट या फेफड़ों में होने वाले कैंसर से पीड़ित लोगों में वजन कम होने की समस्या होती है. हालांकि, अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित लोगों में भी वजन कम हो सकता है.
2) अत्यधिक थकान - सारा दिन थकान महसूस होना भी कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल है. ल्यूकेमिया व कोलन कैंसर होने पर थकान अधिक महसूस होती है.
3) गांठ - त्वचा में किसी भी तरह की गांठ या लम्प नजर आए, तो संभवत: यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. स्तन कैंसर, लिम्फ नोड्स, सॉफ्ट ऊतक और अंडकोष में होने वाले कैंसर में आमतौर पर गांठ होती है.
4) त्वचा में बदलाव - यदि आपकी त्वचा का रंग बदलकर पीला, काला या लाल हो गया तो ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं. इसके साथ ही शरीर के किसी भी हिस्से पर हुए मोल्स या मस्से के रंग और आकार में बदलाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज ना करें. इस बात पर भी गौर करें कि कोई भी घाव ठीक होने में अधिक समय तो नहीं ले रहा है.
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5) तेज दर्द - तीव्र दर्द आमतौर पर हड्डी या वृषण कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है, जबकि पीठ दर्द कोलोरेक्टल अग्नाशय या डिम्बग्रंथि के कैंसर के संकेत होते हैं. जिन लोगों को मैलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर होता है, उनमें तेज सिरदर्द होने की शिकायत रहती है.
7) बाउल मूवमेंट और ब्लैडर फंक्शन में बदलाव - कब्ज, दस्त, मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत हो सकते हैं. पेशाब करते समय दर्द के साथ खून आना ब्लैडर और प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
8) लिम्फ नोड्स में सूजन - तीन से चार सप्ताह तक ग्रंथियों में सूजन बने रहना ठीक नहीं. लिम्फ नोड्स के आकार में वृद्धि भी कैंसर का संकेत होती है. एनीमिया होने पर लाल रक्त कोशिका में भारी कमी आ जाती है. यह हेमटोलॉजिकल कैंसर का संकेत हो सकता है.
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ये रखें सावधानियां : कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसमें शरीर की कोशिकाओं का समूह अवास्तविक रूप से बढ़ने लगता है और कैंसर का रूप धारण कर लेता है. कैंसर शरीर के विभिन्न भागों और अंगों में विकसित हो सकता है. जैसे ब्रेन, प्रोस्टेट, स्तन, किडनी, लिवर और शरीर के अन्य हिस्से. कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं. जैसे अत्यधिक व लगातार खांसी आना, लार में रक्त आना, पेशाब होने के तरीके में बदलाव, धब्बे, तिल व त्वचा में बदलाव, त्वचा के रंग और बनावट में परिवर्तन, अकारण दर्द व थकान आदि.
डॉ. राठौड़ ने बताया कि खानपान में विशेष ध्यान रखना चाहिए. साथ ही फास्ट फूड से भी बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस तरह के संक्रमण होने पर तुरंत अस्पताल में दिखाना चाहिए, जिससे समय रहते इसका उपचार शुरू हो चुके. वहीं धूम्रपान और शराब के नशे से भी बचना चाहिए.