उदयपुर. मध्यप्रदेश और राजस्थान के राज्यपाल की अध्यक्षता में उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. करीब 3 घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में कई मुद्दों पर गहन मंथन और चिंतन हुआ. जिसमें दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण को लेकर कलेक्टर ने अपने सुझाव दिए. इस बैठक में दोनों राज्यों के 15 जिलों के जिला कलेक्टर और एसपी मौजूद रहे.
कलराज मिश्र ने कही ये बातः बैठक के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के जिले जो सीमा से सटे हुए हैं. उन जिले के कलेक्टर और एसपी की बैठक हुई है. इस बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई कि सीमावर्ती जिलों के कौनसे गांव, तहसील और उपखंड हैं. इन पड़ोसी जिलों में एक-दूसरे से समन्वय किस तरह का है. इन जिलों में किस तरह की समस्याएं हैं. इसे लेकर भी चर्चा हुई है.
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इसके साथ ही इन जिलों में आने वाली कठिनाइयों को यहां के जिला कलेक्टर और एसपी किस तरह दूर कर रहे हैं. इन जिलों में राजस्व पर्यटन की स्थिति क्या है. इसके साथ ही सांस्कृतिक सौहार्द बनाए रखने और तस्करी को रोकने को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपराधियों के आवागमन को किस तरह नियंत्रण किया जाए जा सकता है. इसमें हर मुद्दे पर हर कलेक्टर और एसपी ने अपने जिले की समस्याओं से अवगत कराया.
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इसमें कलेक्टर ने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत कराया. इसके साथ ही यहां के एसपी ने अपने जिले की कानून व्यवस्था को प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान से कोई अपराधी अगर भागकर जाता है, तो पड़ोसी जिलों को जल्द सूचित किया जाए, इसे लेकर चर्चा हुई. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का भी यही निर्देश है कि राज्यपाल की मदद से भी यह देखा जाए कि किस जिले में किस तरह की समस्या है. उसी दिशा में काम किया जा रहा है.