उदयपुर. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र के नौवें सम्मेलन का उद्घाटन किया. सम्मेलन में उपस्थित पीठासीन अधिकारियों और विधायकों को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि विधानमंडल, चाहे वह संसद हो या राज्य विधान सभाएं और विधान परिषदें, 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं, सपनों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए, जन प्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी है कि वे विधायिका में लोगों के विश्वास को बनाए रखें.
बिरला ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना जन प्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि विधानमंडल लोगों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि विधायकों को लोकतंत्र को मजबूत करने और संसदीय परंपराओं को समृद्ध करने के प्रयास करने चाहिए. सुशासन में विधानमंडलों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि विधायी कामकाज में जन-केंद्रित शासन पर रचनात्मक और सार्थक चर्चा होनी चाहिए.
वर्तमान समय में तकनीकी नवाचारों के प्रभाव के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस युग में, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीन तकनीकों के उचित उपयोग से विधायी निकायों के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाने में बहुत मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी और यह सुनिश्चित होगा कि विधानमंडल लोगों की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी में योगदान करते हुए अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलता से कार्य करें.
इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान समय में सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सूचना प्रौद्योगिकी बहुत सहायक है. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि आईटी की परिकल्पना हमारे नेताओं द्वारा की गई थी जिन्होंने शासन में प्रौद्योगिकी को व्यापक रूप से अपनाए जाने के लिए मिशन मोड पर काम किया था. गहलोत ने आगे कहा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने पिछले पांच वर्षों में सीपीए को मजबूत किया है और उनके प्रयासों से विधानमंडल की कार्यकुशलता में वृद्धि हुई है.
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने सीपीए सम्मेलन की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि पूरे देश के विधानमंडलों के समक्ष आने वाली गंभीर चुनौतियों पर पीठासीन अधिकारियों की चर्चा के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मंच पर नवीन विचारों और अनुभवों को साझा करने से सुशासन बढ़ेगा. सम्मेलन के विषय पर बात करते हुए, श्री हरिवंश ने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित विकास के इस युग में यह अपरिहार्य है कि बेहतर शासन मानकों के लिए और सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल इंटरवेंशन जीवन का अभिन्न अंग बनें.
स्वागत भाषण देते हुए राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने इस बात का उल्लेख किया कि राजस्थान ने संसदीय लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं की स्थापना में अग्रणी योगदान दिया है. डॉ. जोशी ने देश भर में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में अनवरत प्रयास करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को धन्यवाद दिया. उन्होंने सीपीए के लक्ष्यों और उद्देश्यों का उल्लेख भी किया जिसमें लोगों के लाभ के लिए लोकतंत्र, सुशासन और विधि के शासन को बढ़ावा देना शामिल है.
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीपीए मुख्यालय के चेयरपर्सन इयान लिडेल ग्रैन्जर ने राष्ट्रमंडल में भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सीपीए के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है. ग्रैन्जर ने भारतवासियों के लाभ के लिए डिजिटल संसाधनों का उपयोग करते हुए भारत द्वारा इस दिशा में किए जा रहे विश्व नेतृत्व की भी सराहना की. सीपीए चेयरपर्सन ने कहा कि भारत ने जन कल्याण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में सभी देशों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है.