उदयपुर. राजस्थान में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकारी लापरवाही दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के बाद अब राजस्थान में ड्राइवर की ओर से कोरोना वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है. उदयपुर जिले में एंबुलेंस ड्राइवर द्वारा कोरोना वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है.
जानकारी के अनुसार यह पूरा घटना उदयपुर जिले के सायरा PHC की है, जहां 108 एंबुलेंस ड्राइवर महेंद्र लोहार ग्रामीणों को कोरोना वैक्सीन लगा रहा था. गुरुवार को जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत चिकित्सा प्रभारी से की. इसके बाद मौके पर पहुंचे प्रभारी रामसिंह ने 108 एंबुलेंस ड्राइवर महेंद्र लोहार को PHC से बाहर निकाला.
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बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से एंबुलेंस ड्राइवर (ambulance driver) महेंद्र पीएचसी में मेडिकल स्टाफ के साथ ग्रामीणों की वैक्सीन लगा रहा था. इसकी सूचना जब ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत की. इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस ड्राइवर को वैक्सीन लगाने से रोका गया. साथ ही PHC में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी.
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अब लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि भले ही ड्राइवर को अब बाहर निकाल दिया गया हो, लेकिन उसे यहां वैक्सीन लगाने की अनुमति किसने दी. बीसीएमओ डॉ. ओपी रामपुरिया ने लोगों की शिकायत के आधार पर ड्राइवर महेंद्र को वैक्सीनेशन प्रक्रिया से फिलहाल दूर कर दिया है. साथ ही इस पूरे मामले की जांच जा रही है.
आज जांच के लिए पहुंचेंगे अधिकारी
सीएमएचओ दिनेश खराड़ी ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में बीसीएमओ वहां जाकर जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच रिपोर्ट मांगी गई है. एक जांच कमेटी बीसीएमओ स्तर पर बनाई गई है. हालांकि एंबुलेंस ड्राइवर के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी अनुमति से एंबुलेंस ड्राइवर वैक्सीन लगा था.
मामले की जांच करवाई जाएगी
ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. ओपी रायपुरिया गोगुंदा ने बताया कि 108 एंबुलेंस के चालक की ओर से वैक्सीनेशन की सूचना मुझे जैसे ही मिली मैंने डॉक्टर को भेज कर वहां जांच करवाई. उन्होंने बताया कि चालक एएनएम (ANM) की मदद कर रहा था. गोगुंदा ने बताया कि मामले में 3 लोगों की टीम बनाई गई है, जो जांच करेगी. इस पूरे मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ काईरवाई की जाएगी.