उदयपुर. आरपीएससी पेपर लीक मामले में पकड़े गए 57 लोगों में से 33 आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई. अब इस मामले में वकील पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि आरोपियों को पहले नोटिस देकर उनकी भूमिका के बारे में पूछा जाना चाहिए था.
22 दिन बाद मिली 33 आरोपियों को जमानत: आरपीएससी की ओर से आयोजित सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 22 दिन बाद 33 आरोपियों को जमानत मिल गई है. इस मामले में अब तक पुलिस ने 57 लोगों को गिरफ्तार किया था. अब पुलिस द्वारा आरोपियों को लेकर जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया. उसे लेकर आरोपियों के वकील सवाल उठा रहे हैं.
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आरोपी गणेश और सुनील कुमार के वकील रविन्द्र सिंह हिरण ने बताया कि पुलिस इस केस को और बेहतर तरीके से जांच कर सकती थी. कुछ ऐसे पहलू थे जिन पर पुलिस और ज्यादा ध्यान रख सकती थी. जैसे पकड़े गए आरोपियों में से ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं, एक साथ जा रहे हैं. इस तरह से सबको एक साथ सीधा गिरफ्तार कर लेना सही नहीं है. आरोपी के वकील ने कहा कि पहले सीआरपीसी की धारा 41 के तहत प्रत्येक आरोपी को नोटिस देकर पूछा जाना चाहिए था. सीधे ही सबको गिरफ्तार कर लेना ठीक नहीं होता है. सभी को नोटिस देकर उनसे उनकी भूमिका के बारे में पूछा जाना चाहिए था.
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यह पूरा मामला: उदयपुर के बेकरिया थाना क्षेत्र में एक बस पकड़ी गई थी. जिसमें राजस्थान सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के करीब 46 अभ्यर्थी सवार थे. बेकरिया थाना क्षेत्र में पकड़ी गई इस बस में सवार कुछ अभ्यर्थियों के पास इस भर्ती परीक्षा के पेपर मिले थे. ऐसे में अभ्यर्थियों के पास से मिले पेपर का भर्ती परीक्षा के पर्चे से मिलान कराया गया. इसके बाद दोनों पेपर मैच किए गए. इस घटना की सूचना आरपीएससी को दी गई. इसके बाद एग्जाम को रद्द कर दिया गया. पुलिस ने इस मामले में 57 लोगों को गिरफ्तार किया था.