टोंक. जिले में बनास नदी में अवैध बजरी खनन से बने गहरे गड्ढों ने एक बार फिर दो मासूमों की जान ले ली. गहलोद घाट पर बहीर मोहल्ले से नहाने पंहुचे तीन बच्चे अचानक नहाते समय गहरे गड्ढें में डूबने लगे. जिसमें से एक को बचा लिया गया, लेकिन दो बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई. मौके पर पंहुची पुलिस और एसडीआएफ ने रेस्क्यू कर दोनों बच्चों के शव बहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह एक बार फिर से बनास में 2 बच्चों की मौत सामने आई है. बनास नदी में नहाते समय तीन बच्चे पानी में डूब गए, जिसमें से एक बच्चे को बचा लिया गया, लेकिन दो बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू चलाकर दोनों बच्चों के शवों को निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. टोंक में बनास में बजरी खनन प्रकृति के साथ ही ऐसे हादसों के लिए अभिशाप बना हुआ है, लेकिन इसे रोकने वाला कोई नजर नहीं आता है.
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मानसून की मेहरबान होने से पिछले दिनों की बरसात से बनास नदी में पानी की आवक होने के साथ ही दो बच्चों की मौत ने एक बार फिर से जिला प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. आखिर कब तक बनास में अवैध बजरी खनन के गड्ढे बनते रहेंगे. साल दर साल बनास में मानसून के दौरान लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है.