टोंक. जिले के नगरफोर्ट थानांतर्गत रानीपुरा में कर्ज में डूबे युवक ने सोमवार देर रात गले में फंदा डालकर (LDC Committed Suicide in Tonk) आत्महत्या कर ली. मृतक लोकेश मीणा बूंदी के नैनवा में पीडब्ल्यूडी कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत था. कुछ दिन पूर्व रानीपुरा अपने गांव आया था. दूसरी ओर युवक के आत्महत्या की सूचना पर सुबह उनियारा डीएसपी शकील अहमद और एएसआई रतनलाल मीणा मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और शव को नगरफोर्ट स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया.
रिपोर्ट में ये बात आई सामने: मामले में टोंक पुलिस ने मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि प्रथमदृष्टया सार्वजनिक निर्माण विभाग हिण्डौली में एलडीसी पद पर कार्यरत रानीपुरा निवासी लोकेश ने परिचितों से रीट परीक्षा पास करवाने की एवज में रुपए ले रखे थे. इनमें से कैलाश विश्नोई निवासी चौहटन को 24 लाख और देवराज गुर्जर निवासी जयपुर को 16 लाख रुपए देने की बात सुसाइड नोट में लिखी हुई है.
डीजीपी एमएल लाठर का बयान: वहीं, मामले को लेकर डीजीपी एमएल लाठर ने कहा कि युवक की सुसाइड का मामला सामने आया है. जांच से ही पता चलेगा कि सुसाइड पेपर लीक मामले से जुड़ा है या फिर अन्य कारण है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं, टोंक एसपी मनीष त्रिपाठी ने कहा कि लोकेश मीणा आत्महत्या केस में हर पहलुओं की जांच की जा रही है. पैसे के लेनदेन के दवाब और उससे आत्महत्या की बात सामने आई है, लेकिन इसे रीट पेपर के लेनदेन से जोड़ना जल्दबाजी होगा.
रीट से जुड़ सकते हैं तार: आत्यहत्या के इस मामले में रीट अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए बाड़मेर के कैलाश बिश्नोई और जयपुर के देवकरण गुर्जर को पैसे देने और नंबर नहीं आने पर अभ्यर्थियों की ओर से लोकेश पर पैसे वापस मांगने की बात सामने आई है. नगरफोर्ट थाने के एएसआई रतनलाल ने बताया कि रानीपुरा निवासी लोकेश मीणा की करीब ढाई साल पहले बूंदी जिले के नैनवा में पीडब्ल्यूडी कार्यालय में बाबू के पद पर नियुक्ति हुई थी. वर्तमान में हिंडोली में प्रतिनियुक्ति पर एलडीसी (बाबू) के पद पर कार्यरत था.
मृतक रुपयों के लेनदेन से था परेशान: जानकारी मिली है कि वह रुपयों के लेनदेन को लेकर परेशान था. वह सोमवार को वह गांव आया था और रात को खाने के बाद अपने कमरे में सो गया. लेकिन सुबह वह रस्सी का फंदा लगाकर छत के पंखे से झूलता मिला. करीब सवा चार बजे उसती पत्नी जागी और पति को पंखे से झूलता देख चिल्लाने लगी. आवाज सुनकर अन्य घर वाले भी जाग गए. बाद में परिजन उसे नीचे उतारकर नगर फोर्ट अस्पताल लाए, जहां चिकित्सकों उसे मृत घोषित कर दिया. इससे पूर्व एएसपी सुभाषचन्द्र मिश्रा व डीएसपी शकील अहमद पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. इस दौरान एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं.
कुछ लोग जबरदस्ती पैसे मांग रहे थे : मृतक के पिता लड्डूलाल मीणा ने नगरफोर्ट थाने में रणवा (बाड़मेर) के कैलाश विश्नोई, जयपुर के देवराज गुर्जर, अलीगढ़ के धनराज व मनराज, रानीपुरा (नगरफोर्ट) के चिमनलाल व रामस्वरुप, बालापुरा (नगरफोर्ट) के राजाराम जाट, विजयनगर (नगरफोर्ट) के राजू किराड़, खोलिया अलीगढ़ मुकेश मीणा, देवपुरा (नगरफोर्ट) नरेंद्र जाट, अलीगढ़ के पचाला निवासी राहुल मीणा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
जिसमें उन्होंने लोकेश से जबरदस्ती पैसे मांगने और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है. पिता लड्डूलाल मीणा ने बताया कि लोकेश ने किसी से भी पैसे नहीं लिए थे. उक्त लोगों ने बाड़मेर के कैलाश विश्नोई और जयपुर के देवराज गुर्जर को पैसे दे रखे थे. लेकिन बिना वजह लोकेश को बीच मध्यस्थ बताकर उसे पैसे वापस देने की मांग करते थे. जिससे वह मानसिक रूप से परेशान रहता था. मीणा ने बताया कि उसे परेशान देखकर उसपर दबाव बनाकर पूछा तो उसने यह सब बताया कि कुछ लोग उससे पैसे मांग रहे हैं और मारपीट भी करते हैं.
लेकिन कुछ अभ्यर्थियों के पास नहीं होने पर जब कैलाश ने कैलाश बिश्नोई एवं देवकरण गुर्जर से रुपए का तकाजा किया तो दोनो आनाकानी करने लगे और असफल अभ्यर्थियों भी लगातार पैसे वापस देने का दबाब बनाते रहे. इससे लोकेश पर कर्जा अधिक होने पर वह परेशान रहने पर उसने आत्महत्या करने कदम उठा लिया. हालांकि, पिता की ओर से थाने में दी गई रिपोर्ट में अलग मामला बताया गया है.
मृतक के हैं दो बच्चे : पीडब्ल्यूडी विभाग नैनवा में कार्यरत लोकेश मीणा के दो बच्चे हैं. एक करीब सात माह और दूसरा 2 साल का है. मृतक का बड़ा भाई (Youth Commits Suicide in Tonk) जिले में आरएसी में कार्यरत हैं और पिता राशन डीलर हैं.
जांच की जा रही है : इस मामले में डीएसपी उनियारा शकील अहमद ने बाताया कि पीडब्ल्यूडी कार्यालय में कार्यरत बाबू लोकेश मीणा ने रानीपुरा में आत्महत्या कर ली है, जिस पर उसके पिता ने नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. फिलहाल, प्रकरण की जांच की जा रही और इसमे लिप्त लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी को नहीं बख्शा जाएगा.
लोकेश की आत्महत्या और पैसे के लेनदेन के मामले को लेकर फिलहाल टोंक पुलिस कुछ भी नहीं बोल रही है. लेकिन इस आत्महत्या के बाद सवाल उठने लगे है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक सरकारी कर्मचारी को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा. वपरिवार ने जो मामला पुलिस थाने में दर्ज करवाया है. उसमें नामजद आरोपियों का जिक्र है जिससे शक की सुई REET परीक्षा पेपर लीक से जुड़ती नजर आ रही है.
रीट परीक्षा से जोड़ना होगा जल्दबाजी : इस मामले में एसपी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल मामलें को रीट परीक्षा से जोड़कर देखना (Police Statement on LDC Suicide Case) जल्दबाजी होगा. क्योंकि विभिन्न पहलुओं की जांच व सुसाईड नोट, पूछताछ व बयानों के बाद सम्पूर्ण स्थिति का खुलासा होगा. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पांच टीमें गठित करने के साथ ही एक जने को दस्तयाब कर किया.