टोंक. सवाई माधोपुर का रहने वाला मुकेश बैरवा परिवार के साथ जयपुर में मजदूरी करता था. कोरोना की दहशत और लॉक डाउन के चलते उसने परिवार के साथ जयपुर से अपने घर सवाई माधोपुर के जैतपुरा गांव जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ा.
बता दें कि रास्ते में उसे टोंक के लिए साधन मिल गया. लेकिन टोंक में ही उसकी तबियत बिगड़ गई और उसने सफर जारी रखा. टोंक के उनियारा पंहुचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई. वह अपने तीन बच्चों, बीवी और दो रिश्तेदारों के साथ जयपुर से निकला था.
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बैरवा करीब 100 किलोमीटर पैदल चला, उसके बाद वह टोंक तक निजी वाहन में सफर किया. टोंक में उसकी तबियत भी बिगड़ी, उसके बाद उनियारा तक उसे कोई वाहन मिल गया. लेकिन उनियारा से गांव के लिए वाहन बंद होने के कारण कोई वाहन नहीं मिला. जयपुर से सवाई माधोपुर जिले के जैतपुर निवासी मुकेश पुत्र बद्री लाल बैरवा की तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसको उनियारा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया. सवाई माधोपुर जिले के जैतपुर निवासी मुकेश बैरवा का शव को थाना प्रभारी राधा किशन ने अपने खर्चे पर गांव पहुंचाया. उनियारा थाना अधिकारी राधा किशन ने मानवता दिखाते हुए उसके गांव तक उसके शव को अपने निजी खर्चे पर वाहन उपलब्ध करवाकर भेजा.