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मर गई मानवता: दिव्यांग ने ट्राइसाइकिल पर ही तोड़ा दम, बेटी बिलखती रही और तमाशबीन बने रहे लोग - टोंक में दिव्यांग की मौत

टोंक जिले (Tonk News) के आवां में मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख देने वाला मामला सामने आया है. भीषण गर्मी में भरे बाजार में एक दिव्यांग ने ट्राइसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया. उसके पास बेटी आधे घंटे तक बिलखती रही, लेकिन भीड़ तमाशबीन बन यह सब देखती रही.

Divyang death in Awan, Divyang death in Tonk
बाजार में एक घंटे पड़ा रहा दिव्यांग का शव
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Published : Jun 13, 2021, 2:37 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 3:15 PM IST

टोंक. इसे कोरोना की दहशत कहें या मर रही मानवीय संवेदना. टोंक जिले के आवां गांव में एक दिव्यांग ने भरे बाजार में ट्राइसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया. उसकी बेटी रोती-बिलखती रही, पर किसी ने सुध नहीं ली. एक घंटे तक दिव्यांग का शव बाजार में ट्राइसाइकिल पर ही पड़ा रहा.

पढ़ें- डॉक्टर दंपती हत्याकांड का मुख्य आरोपी अनुज गिरफ्तार, गाड़ी में बैठकर गर्लफ्रेंड से मिलने आ रहा था भरतपुर

टोंक जिले के आवां कस्बे में शनिवार दोपहर को दिव्यांग बाबू लाल माली ने बस स्टैंड पर अपनी ट्राइसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया. इसका आभास जब पास खड़ी उसकी बेटी को हुआ, तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी. कुछ राहगीर पास भी आए, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. तमाशबीन बन भीड़ उस मासूम को रोते-बिलखते देखती रही.

वहां मौजूद किसी शख्स ने इसकी सूचना जब सरपंच दिव्यांशु भारद्वाज को दी, तो वे मौके पर पहुंचे. सरपंच ने आवां अस्पताल की डॉ. निधी साहू को मौके पर बुला कर चेकअप कराया. जांच के बाद डॉ. निधी साहू ने दिव्यांग को मृत घोषित कर दिया. सरपंच भारद्वाज ने तहसीलदार से बात कर पीपीई किट मंगवाई और कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए पंचायत प्रशासन की मदद से शव का अंतिम संस्कार करवाया.

पढ़ेंः महिला विधायक की दबंगई : हेड कांस्टेबल को थप्पड़ जड़ने का आरोप, कहा- तू मुझे जानता नहीं, अभी सस्पेंड करवाती हूं

कुछ दिनों से खराब थी तबीयत

मृतक बाबूलाल की बेटी वैजयंती ने बताया कि कुछ दिनों से उसके पिता की तबीयत खराब थी. दोपहर करीब 1 बजे बाजार में दवाई लेने के लिए वह पिता को ट्राइसाइकिल पर लेकर गई थी. जैसे ही बस स्टैंड पहुंचे तो अचानक उसके पिता की ट्राइसाइकिल पर ही मौत हो गई.

मृतक का नहीं है बेटा, बेटी भी है मानसिक रूप से बीमार

बीमारी की वजह से करीब 10 साल पहले मृतक बाबूलाल की दोनों टांगें घुटने तक काट दी गईं थी. बाबूलाल के परिवार में बेटी के अलावा कोई और नहीं है. माता-पिता और पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है. वह भी मानसिक रूप से बीमार चल रही थी.

टोंक. इसे कोरोना की दहशत कहें या मर रही मानवीय संवेदना. टोंक जिले के आवां गांव में एक दिव्यांग ने भरे बाजार में ट्राइसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया. उसकी बेटी रोती-बिलखती रही, पर किसी ने सुध नहीं ली. एक घंटे तक दिव्यांग का शव बाजार में ट्राइसाइकिल पर ही पड़ा रहा.

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टोंक जिले के आवां कस्बे में शनिवार दोपहर को दिव्यांग बाबू लाल माली ने बस स्टैंड पर अपनी ट्राइसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया. इसका आभास जब पास खड़ी उसकी बेटी को हुआ, तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी. कुछ राहगीर पास भी आए, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. तमाशबीन बन भीड़ उस मासूम को रोते-बिलखते देखती रही.

वहां मौजूद किसी शख्स ने इसकी सूचना जब सरपंच दिव्यांशु भारद्वाज को दी, तो वे मौके पर पहुंचे. सरपंच ने आवां अस्पताल की डॉ. निधी साहू को मौके पर बुला कर चेकअप कराया. जांच के बाद डॉ. निधी साहू ने दिव्यांग को मृत घोषित कर दिया. सरपंच भारद्वाज ने तहसीलदार से बात कर पीपीई किट मंगवाई और कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए पंचायत प्रशासन की मदद से शव का अंतिम संस्कार करवाया.

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कुछ दिनों से खराब थी तबीयत

मृतक बाबूलाल की बेटी वैजयंती ने बताया कि कुछ दिनों से उसके पिता की तबीयत खराब थी. दोपहर करीब 1 बजे बाजार में दवाई लेने के लिए वह पिता को ट्राइसाइकिल पर लेकर गई थी. जैसे ही बस स्टैंड पहुंचे तो अचानक उसके पिता की ट्राइसाइकिल पर ही मौत हो गई.

मृतक का नहीं है बेटा, बेटी भी है मानसिक रूप से बीमार

बीमारी की वजह से करीब 10 साल पहले मृतक बाबूलाल की दोनों टांगें घुटने तक काट दी गईं थी. बाबूलाल के परिवार में बेटी के अलावा कोई और नहीं है. माता-पिता और पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है. वह भी मानसिक रूप से बीमार चल रही थी.

Last Updated : Jun 15, 2021, 3:15 PM IST
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