टोंक. देश की सेवा में तैनात सीआरपीएफ के जवान का परिवार को टोंक में अपनी ही जमीन पर हक के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. सुनवाई नहीं होने के बाद मंगलवार को एक फौजी का परिवार कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गया. परिवार का आरोप है कि उसके खेत की जमीन पर पत्थलगड़ी के आदेश के बावजूद भी पीपलू थाना पुलिस सुरक्षा नहीं दे रही है.
टोंक जिले के अलीमपुरा का केदार चौधरी सीआरपीएफ में कश्मीर में देश सेवा में अपनी ड्यूटी पर तैनात है. वहीं कलेक्ट्रेट की सीढ़ियों के नीचे उसका पूरा परिवार धरने पर बैठकर सिस्टम पर सवाल उठा रहा है. जानकारी के अनुसार एक फौजी के परिवार की जमीन पर प्रभावशालियों ने कब्जा जमाया हुआ है, जिसके सीमा ज्ञान के लिए उसका परिवार कलेक्टर, एसपी, थाने तक गुहार लगा चुके हैं. साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने की मांग की थी, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर फौजी के परिवार धरने पर बैठ गया.
यह भी पढ़ें- आज नजरें टिकी रहेंगी हाईकोर्ट पर, राजस्थान सियासी संकट से जुड़ी याचिकाओं पर होगी सुनवाई
जानकारी के अनुसार इस परिवार ने अपनी जमीन पर पत्थलगड़ी की मांग कर गुहार लगाई थी, पर पिछले 5 सालों से यह परिवार परेशान है. यह मामला पीपलू के अलीमपुरा गांव का है. वहीं राजस्व विभाग ने पत्थलगड़ी के आदेश दिए हैं, लेकिन पुलिस जाप्ता नहीं मिलने से नाराज सीआरपीएफ के जवान केदार नारायन चौधरी के परिवार ने दिव्यांग बुजुर्ग मां और मासूम बच्चों के साथ धरने पर बैठ गया है.