टोंक. रामस्नेही संप्रदाय के जन्मदाता महाप्रभु स्वामी रामचरणजी महाराज का प्राकट्य त्रिशताब्दी समारोह के अंर्तगत टोंक जिले के सोडा में श्रदालुओं का सैलाब उमड़ा. भव्य शोभायात्रा के साथ कलश यात्रा में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
महाप्रभु स्वामी रामचरण प्राकट्य त्रिशताब्दी महोत्सव के अंतर्गत शनिवार टोंक के सोडा में रामस्नेही सम्प्रदाय के भक्तों के साथ आसपास के गांवों के श्रदालुओ ने शोभायात्रा में भाग लिया. महिलाओं ने कलश यात्रा भी निकाली. शोभायात्रा में महिला-पुरुष नाचते-गाते चल रहे थे.
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केंद्रीय सेवा समिति के उपमंत्री और संत जगवल्लभराम महाराज ने बताया कि सोड़ा रामस्नेही धाम में मुख्य समारोह का आगाज भव्य कलश और शोभायात्रा के साथ हुआ है. शोभायात्रा में रामस्नेही सम्प्रदायाचार्य अनन्त श्रीविभूषित जगतगुरू स्वामीजी श्री रामदयालजी महाराज सहित कई संत विभूतियां इस समारोह में शामिल हुई है.
300 वर्ष पूर्व राजस्थान प्रदेश ढूंढाढ़ अंचल के सोड़ा ग्राम में ऐसे बालक का अवतरण हुआ. जो बड़ा होकर स्वामी रामचरण महाराज के नाम से जग विख्यात हुआ. जिन्होंने अंधकार में भटकते समाज को केवल 'राम नाम स्मरण' मात्र से एक नई दिशा दी.
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श्री रामनिवास धाम मठ से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी रामचरण महाराज का जन्म माघ शुक्ला चतुर्दशी शनिवार साल 1776 को राजस्थान प्रदेश के सोडा ग्राम में हुआ. वर्तमान में इनका पैतृक गांव बनवाड़ा टोंक जिले की पीपलू तहसील और ननिहाल जन्म स्थान गांव सोडा टोंक जिले की मालपुरा तहसील में स्थित है .