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मूलभूत सुविधाओं से वंचित सशस्त्र 3200 गुरिल्ला, श्रीगंगानगर कलेक्टर को सुनाया अपना दुखड़ा

श्रीगंगानगर के सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और मांग की कि सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान करें और रोजगार प्रदान करें.

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Published : Aug 14, 2019, 3:24 AM IST

श्रीगंगानगर. सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी श्रीगंगानगर के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की हैं. संगठन के सदस्यों ने ज्ञापन में कहा है कि राज्य के सशस्त्र सीमा बल के सैकड़ों सदस्य 2006 से नौकरी, रोजगार और लाभ देने की मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान हो

यह भी पढ़ेंः ICAI CA Final Result 2019ः जयपुर के अजय अग्रवाल बने ऑल इंडिया टॉपर

राजस्थान के भारत-पाक सीमावर्ती जिलों में करीब 3200 गुरिल्ला हैं. जिनका एसएसबी विभाग द्वारा वर्ष 2015 में भौतिक सत्यापन किया जा चुका है,मगर फिर भी उनकी समस्याओं का आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है, ऐसे में अब गरीब, बेरोजगार गुरिल्ला रोजी रोटी के लिए भटक रहे हैं गुरिल्लाओं के लिए राज्य सरकार व भारत सरकार के द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई रोजगार सहायता व पेंशन नहीं दी गई है.

इसके लिए गुरिल्ला लगातार आंदोलन कर रहे हैं. सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि गुरिल्लाओं ने ट्रेनिंग लेकर हर प्रकार की परिस्तिथि में देश के लिए काम करने का जज्बा हैं. ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में गुरिल्लाओं को सुरक्षा बलों में शामिल करके देश की सीमाओं को और मजबूत किया जा सकता है.

श्रीगंगानगर. सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी श्रीगंगानगर के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की हैं. संगठन के सदस्यों ने ज्ञापन में कहा है कि राज्य के सशस्त्र सीमा बल के सैकड़ों सदस्य 2006 से नौकरी, रोजगार और लाभ देने की मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान हो

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राजस्थान के भारत-पाक सीमावर्ती जिलों में करीब 3200 गुरिल्ला हैं. जिनका एसएसबी विभाग द्वारा वर्ष 2015 में भौतिक सत्यापन किया जा चुका है,मगर फिर भी उनकी समस्याओं का आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है, ऐसे में अब गरीब, बेरोजगार गुरिल्ला रोजी रोटी के लिए भटक रहे हैं गुरिल्लाओं के लिए राज्य सरकार व भारत सरकार के द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई रोजगार सहायता व पेंशन नहीं दी गई है.

इसके लिए गुरिल्ला लगातार आंदोलन कर रहे हैं. सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि गुरिल्लाओं ने ट्रेनिंग लेकर हर प्रकार की परिस्तिथि में देश के लिए काम करने का जज्बा हैं. ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में गुरिल्लाओं को सुरक्षा बलों में शामिल करके देश की सीमाओं को और मजबूत किया जा सकता है.

Intro:श्रीगंगानगर : सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी श्रीगंगानगर के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सशस्त्र सीमा बल के गुरिल्लों की मांगों का समाधान करने की मांग की है। संगठन के सदस्यों ने ज्ञापन में कहा है कि राज्य के शस्त्र सीमा बल के सैकड़ों सदस्य 2006 से नौकरी, रोजगार एवं लाभ देने की मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।


Body:राजस्थान के भारत-पाक सीमावर्ती जिलों में करीब 3200 गुरिल्ला है। जिनका एसएसबी विभाग द्वारा वर्ष 2015 में भौतिक सत्यापन किया जा चुका है,मगर फिर भी आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है। ऐसे में अब गरीब, बेरोजगार गोरिल्ला रोजी रोटी के लिए भटक रहे हैं। गुरिल्लाओं के लिए राज्य सरकार व भारत सरकार के द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई रोजगार सहायता व पेंशन नहीं दी गई है। इसके लिए गुरिल्ला लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सशस्त्र सीमा बल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि गुरिल्लाओं ने ट्रेनिंग लेकर हर प्रकार की परिस्तिथि में देश के लिए काम करने का जज्बा है। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में गुरिल्लाओं को सुरक्षा बलों में शामिल करके देश की सीमाओं को और मजबूत किया जा सकता है।

बाइट : रामेश्वर सुथार, सदस्य गुरिल्ला


Conclusion:गुरिल्लाओं ने फिर उठाई मांगे।
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