श्रीगंगानगर. सभापति पद की कुर्सी के लिए दौड़ रही भाजपा और कांग्रेस के लिए 22 निर्दलीय पार्षदों का समर्थन जुटाना मुश्किल हो गया है. वहीं भाजपा में सभापति उम्मीदवार बनने के लिए खींचतान नजर आने लगी है. भाजपा में नीलू दावड़ा और बबीता गौड़ ने नामांकन फॉर्म लेकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है.
दावड़ा और गौड़ मतगणना से पहले जब उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी थी, तब से दावेदारी जता रहे हैं. उधर चुनाव जीतने के बाद अब वर्तमान पार्षद डॉ भरतपाल मेयर की पत्नी डॉक्टर नैनी मेयर ने भी खुद को सभापति बनने का तय बताते हुए बीजेपी में खींचतान के संकेत दे दिए हैं.
ऐसे में अगर पार्टी तीनों में से एक को उम्मीदवार बनाती है तो दो नाराज हो सकते हैं. भाजपा के चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया व चुनाव समन्वयक पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल तीनों में सुलह करवा कर किसी एक दावेदार पर सहमति बनाने का प्रयास कर रही हैं.
भाजपा पदाधिकारियों के अनुसार उनके खेमे में पार्टी के 24 निर्दलीय 8 पार्षद हैं. अब दो और निर्दलीय पार्षदों का समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है. 5वीं बार चुनाव जीतकर आए पार्षद अशोक मुंजाल की माने तो भाजपा से सभापति उम्मीदवार बनने का अंतिम फैसला पार्टी नेता ही तय करेंगे. वहीं सभापति के लिए जो नाम चल रहे हैं उनमें अंतिम फैसला पार्टी को ही लेना होगा.
ऐसे में अगर कोई पार्षद खुद की दावेदारी बता कर सभापति बनना तय बता रहा है तो वह गलत है. बहरहाल तीन पार्षदों द्वारा सभापति का आवेदन करने के बाद अब पार्टी में इस बात की खींचतान होनी स्वाभाविक है कि किस नाम पर सभापति उम्मीदवार की सहमति बनेगी.