श्रीगंगानगर. कोरोना वर्तमान में केवल भारत ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया में तेजी से फैल गया है. लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए इस वक्त डॉक्टर और पुलिसकर्मी दिन रात अपनी सेवा दे रहे है. वहीं नर्सिंग की छात्राएं जो अपने अध्ययन से अपना भविष्य संवारने में लगी थी वह भी अब मैदान में आ चुकी है. इसके साथ ही कोरोना की इस लड़ाई में अपना योगदान दे रही है. ये छात्राएं अपने अध्ययन के साथ-साथ कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लोगों के लिए मास्क भी बना रहा है.
यह छात्राएं पहले घर-घर जाकर सर्वे करती है. सर्वे में पता करती है की किन लोगों के पास अब भी मास्क नहीं है. जिसके बाद यह छात्राएं लोगों के लिए मास्क खुद बनाती है और निःशुल्क इसका वितरण करवाती है. दरअसल वायरस के फैलने की वजह से बाजारों से मास्क काफी तेजी से खत्म हो रहा था, जिस वजह से कई लोगों को मास्क नहीं मिल रहा है.
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वहीं अब नर्सिंग की ये छात्राएं नर्सिंग स्कूल के हॉस्टल में सुबह से रात तक कपडे़ के मास्क बनाने मे लगी हैं. जिससे सड़कों और दफ्तरों में रहकर अपनी ड्यूटी निभा रहे लोगों को मास्क देकर संक्रमण से बचाया जा सके. नर्सिंग स्कूल के प्रभारी सूरज सारसर ने बताया की नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल की 84 छात्राएं इन दिनों लोगों पर आए कोरोना संक्रमण के संकट को रोकने के लिए कपडे़ के मास्क बना रही है.
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प्रभारी सूरज सारसर ने बताया की आम दिनों में नर्सिंग ट्रेनिंग की ये छात्राए अपने अध्ययन कार्य के बाद जिला अस्पताल में ड्यूटी देती थी. लेकिन इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते अब ये ड्यूटी के साथ-साथ मास्क भी बना रही है. मास्क बनाने के लिए भामाशाह की तरफ से कपड़ा इन्हें उपलब्ध करवाया जाता है. उसके बाद यह नर्सिंग की छात्राएं हॉस्टल में दिन भर सिलाई मशीन से मास्क बनाती है. अब तक इन छात्राओं ने हजारों की संख्या में कपड़े के मास्क तैयार कर पुलिसकर्मियों सहित दूसरे लोगों को वितरित किए हैं. सूरज सारसर ने बताया कि कपड़े से मास्क तैयार करके जरूरतमंद लोगों और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों, सरकारी दफ्तरों के कार्मिकों को वितरित किए जाते हैं.