श्रीगंगानगर. ब्लड शुगर के शिकार बालक को मदद की दरकार है. ब्लड शुगर के कारण इस बालक के शरीर में और भी कई तरह की बीमारियां पनपने लगी हैं. इस बीमारी के कारण गुरमीत की पढाई भी छूट गई है. परिजनों ने मुख्यमंत्री से इलाज में मदद के लिए गुहार लगाई है. मामला सूरतगढ़ विधानसभा के गांव कीकरवाली जोहड़ी का है, जहां ब्लड शुगर के शिकार तीन बहनो के इकलौते भाई गुरमीत को मदद की दरकार है.
इस गांव के 14 वर्षीय बालक को ब्लड शुगर ने इतना परेशान कर रखा है कि गुरमीत को अन्य कई तरह की बीमारियां भी होने लगी हैं. परिजनों ने कई शहरो में गुरमीत का इलाज करवाया, लेकिन उसका रोग ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है. ब्लड में शुगर का लेवल अधिक होने के कारण जहां, उसका शारीरिक विकास रुक गया है. वहीं, अधिकतर अंग कमजोर हो रहें हैं. ब्लड शुगर ने बालक को इतना परेशान कर रखा है कि गुरमीत अब चलने फिरने में भी परेशानी महसूस कर रहा है. गुरमीत का ब्लड शुगर लेवल 500 के करीब आया है.
स्कूल में चक्कर आने के बाद अचानक हुआ बीमार : गुरमीत के चाचा अंग्रेज सिंह ने बताया कि तीन साल पहले तक गुरमीत बिलकुल सही था और उसे किसी तरह की बीमारी नहीं थी. उन्होंने बताया कि वह भी अन्य बच्चों की तरह स्कूल जाता था और अपने अन्य कार्य करता था, लेकिन एक दिन कक्षा में पढ़ाई के दौरान उसे अचानक चक्कर आया. जिसके बाद डॉक्टर को दिखाकर दवाई ली और वह ठीक हो गया. इसके कुछ दिनों बाद गुरमीत के शरीर के अंगों में टेढ़ापन आना शुरू हो गया.
ऐसा होने पर उसे श्रीगंगानगर राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया, जहां उसका ब्लड शुगर लेवल 500 के करीब आया. इसके बाद गुरमीत का स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया. इलाज के चलते गुरमीत की पढ़ाई कक्षा 7 के बाद छूट गई. गुरमीत की मां सोमा व दादी मीराबाई ने बताया कि बीकानेर, गंगानगर व आसपास के अन्य शहरों में गुरमीत का इलाज करवाया, लेकिन अभी तक रोग सही नहीं हुआ है. फिलहाल, गुरमीत के परिजनों ने समाजसेवी लोगों और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि गुरमीत का इलाज हो सके और एक बार फिर से वह अन्य बच्चों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सके.