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श्रीगंगानगरः कलेक्टर की चिकित्सा विभाग के साथ बैठक, दिए जरूरी दिशा-निर्देश

श्रीगंगानगर में कलेक्टर ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और निजी चिकित्सकों की बैठक ली. इस दौरान कलेक्टर ने सभी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

corona virus in sri ganganagar, कलेक्टर ने ली बैठक
कलेक्टर ने ली बैठक
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Published : Apr 7, 2020, 10:31 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले के कलेक्ट्रेट सभा हाल में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और निजी चिकित्सकों की बैठक की कलेक्टर ने बैठक ली. बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और रोकथाम को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने इसे लेकर तैयारियों को मुकम्मल करने की बात कही. हालांकि जिलें में अब तक एक भी कोरोना का पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है.

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कलेक्टर ने कहा कि जिले में अब तक पॉजिटिव रोगी नहीं मिला है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम पूरी तरह रिलैक्स होकर बैठ जाए. कलेक्टर ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रोगी संभावित मानते हुए डेडीकेटेड चिकित्सालय, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कार्मिको की पारियों के अनुसार ड्यूटिया लगाकर तैयार रखें. पॉजिटिव रोगियों के लिए एंबुलेंस और अन्य वाहनों को भी सूचीबद्ध कर रखा जाए. ओपीडी में आने वाले रोगियों में कोई खांसी, बुखार का संदिग्ध रोगी नजर आए तो तुरंत आरआरटी की टीम से संबंधित की जांच करवाई जाए.

ये पढ़ेंः भीलवाड़ा के बाद अब जयपुर के 10 थाना क्षेत्रों में महा कर्फ्यू, सभी बाहरी प्रवेश पर प्रतिबंध

इसी प्रकार निजी चिकित्सक भी ओपीडी में आने वाले ऐसे संदिग्ध रोगियों को राजकीय चिकित्सालय रेफर करें या रोगी का नाम, मोबाइल नंबर उसकी हिस्ट्री चिकित्सा विभाग को दें. जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के वायरस से ग्रसित व्यक्ति का उपचार डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाए. वहीं उन्होने कहां की निजी चिकित्सालय के स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया जाए. जिले में अधिक से अधिक स्टाफ प्रशिक्षित होना चाहिए जिनकी अन्य जरूरत के अनुसार सेवाएं ली जा सके.

श्रीगंगानगर. जिले के कलेक्ट्रेट सभा हाल में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और निजी चिकित्सकों की बैठक की कलेक्टर ने बैठक ली. बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और रोकथाम को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने इसे लेकर तैयारियों को मुकम्मल करने की बात कही. हालांकि जिलें में अब तक एक भी कोरोना का पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है.

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कलेक्टर ने कहा कि जिले में अब तक पॉजिटिव रोगी नहीं मिला है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम पूरी तरह रिलैक्स होकर बैठ जाए. कलेक्टर ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रोगी संभावित मानते हुए डेडीकेटेड चिकित्सालय, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कार्मिको की पारियों के अनुसार ड्यूटिया लगाकर तैयार रखें. पॉजिटिव रोगियों के लिए एंबुलेंस और अन्य वाहनों को भी सूचीबद्ध कर रखा जाए. ओपीडी में आने वाले रोगियों में कोई खांसी, बुखार का संदिग्ध रोगी नजर आए तो तुरंत आरआरटी की टीम से संबंधित की जांच करवाई जाए.

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इसी प्रकार निजी चिकित्सक भी ओपीडी में आने वाले ऐसे संदिग्ध रोगियों को राजकीय चिकित्सालय रेफर करें या रोगी का नाम, मोबाइल नंबर उसकी हिस्ट्री चिकित्सा विभाग को दें. जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के वायरस से ग्रसित व्यक्ति का उपचार डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाए. वहीं उन्होने कहां की निजी चिकित्सालय के स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया जाए. जिले में अधिक से अधिक स्टाफ प्रशिक्षित होना चाहिए जिनकी अन्य जरूरत के अनुसार सेवाएं ली जा सके.

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