ETV Bharat / city

SPECIAL: लॉकडाउन में दोहरी मार झेल रहा किसान, ना दूध बिक रहा और ना चारा...

देश में विपदा कोई भी आए, उसका पहला असर किसान पर ही पड़ता है. खेती-बाड़ी को लेकर तो अक्सर ही किसान परेशानी में रहता है, अब दूध बेचने वाले किसान भी परेशान हैं. लॉकडाउन में चारे की कीमतें 20 से 35 प्रतिशत बढ़ी है, लेकिन दूध की कीमत प्रति लीटर 10 रुपये तक घट गई है.

corona in rajasthan, jaipur news, farmers news,farmers struggling with corona, किसान परेशान, कोरोना से लड़ता किसान, जयपुर न्यूज,
दोहरी मार झेल रहा किसान
author img

By

Published : Apr 7, 2020, 7:23 PM IST

जयपुर. देश में विपदा कोई भी आए, उसका पहला असर किसान पर ही पड़ता है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन में जहां एक ओर किसानों की फसलें खेत में पड़ी खराब हो रही हैं, तो वहीं दूसरी और दूध बेचने वाले किसान भी इस लॉकडाउन में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.

दोहरी मार झेल रहा किसान

हालात यह है कि प्रदेश में दूध बेचने वाले किसानों से रोजाना की तुलना में आधा ही दूध खरीदा जा रहा है और वह भी औसतन 10 रुपये लीटर कम में. वहीं किसानों की हालत यह हो गई है कि उन्हें पशुओं को खिलाने का चारा महंगे में खरीदना पड़ रहा है और दूध की सप्लाई आधी रह गई है. वह सप्लाई भी रोजाना नहीं होकर एक दिन छोड़कर एक दिन हो रही है.

आइए आपको बताते हैं कि दूध सप्लाई कि चेन में किसान को कैसे नुकसान हो रहा है. दरअसल किसान अपना दूध अपने गांव में बने सेंटर पर देते हैं. अब दूध सेंटर संचालकों का कहना है कि उनके सामने मजबूरी है कि वह किसानों का पूरा दूध नहीं ले सकते हैं क्योंकि आगे से दूध की मांग में कमी हो गई है. इतना ही नहीं किसानों से लिया जाने वाला दूध अब कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर कम कीमतों में लिया जा रहा है.

दोहरी मार झेल रहा किसान

यह भी पढें- दौसा: मानव से पहले 'मानवता' को मार रहा है CORONA, दम तोड़ते बुजुर्ग की किसी ने नहीं की मदद

सेंटर के संचालक भी साफ तौर पर मानते हैं कि मुनाफाखोरी के चलते यह हो रहा है. इतना ही नहीं, हर दिन दूध किसान से लिया भी नहीं जा रहा है बल्कि एक दिन छोड़कर एक दिन किसानों से दूध लिया जा रहा है, जिससे हर कोई परेशान है. पहले जो दूध करीब 35 रुपए लीटर में खरीदा जाता था अब वह 25 रुपये लीटर में देने पर मजबूर हैं.

ऐसे में किसान परेशान है कि उनके पास केवल दूध बेचने का काम था, उसके भी अगर उससे पैसे नहीं आएंगे तो उनका काम कैसे चलेगा. किसानों का साफ कहना है एक ओर दूध के भाव उन्हें कम मिल रहे हैं तो दूसरी ओर किसानों पर इसकी दोहरी मार पड़ी है. पशुओं को दिए जाने वाले चारे की कीमतों में बेतहाशा उछाल से. लॉकडाउन से पहले किसानों को पशुओं को देने का चारा जिन कीमतों में उन्हें मिल रहा था उसकी कीमतों में बेतहाशा उछाल हुआ है.

यह भी पढें- भीलवाड़ा के बाद अब जयपुर के 10 थाना क्षेत्रों में महा कर्फ्यू, सभी बाहरी प्रवेश पर प्रतिबंध

किसानों के अनुसार पशुओं को दी जाने वाली का कांकड़े की खल पहले 2400 रुपये क्विंटल में आ रही थी उसकी कीमत अब 3200 रुपये क्विंटल हो गई है. वहीं चना चूरी अब 2300 रुपये क्विंटल से बढ़कर ₹3000 प्रति क्विंटल हो गई है. वहीं पशु आहार जो पहले ₹1000 का कट्टा आता था, वह अब 1200 रुपए का हो गया है.

ऐसे में साफ है कि जहां किसानों का दूध डेयरी तक आधा ही पहुंच रहा है. वह भी कम कीमतों पर पशुओं को दिए जाने वाले आहार की कीमतों में 20 से 35% तक उछाल आ गया है, जो दोहरी मार झेल रहा है.

जयपुर. देश में विपदा कोई भी आए, उसका पहला असर किसान पर ही पड़ता है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन में जहां एक ओर किसानों की फसलें खेत में पड़ी खराब हो रही हैं, तो वहीं दूसरी और दूध बेचने वाले किसान भी इस लॉकडाउन में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.

दोहरी मार झेल रहा किसान

हालात यह है कि प्रदेश में दूध बेचने वाले किसानों से रोजाना की तुलना में आधा ही दूध खरीदा जा रहा है और वह भी औसतन 10 रुपये लीटर कम में. वहीं किसानों की हालत यह हो गई है कि उन्हें पशुओं को खिलाने का चारा महंगे में खरीदना पड़ रहा है और दूध की सप्लाई आधी रह गई है. वह सप्लाई भी रोजाना नहीं होकर एक दिन छोड़कर एक दिन हो रही है.

आइए आपको बताते हैं कि दूध सप्लाई कि चेन में किसान को कैसे नुकसान हो रहा है. दरअसल किसान अपना दूध अपने गांव में बने सेंटर पर देते हैं. अब दूध सेंटर संचालकों का कहना है कि उनके सामने मजबूरी है कि वह किसानों का पूरा दूध नहीं ले सकते हैं क्योंकि आगे से दूध की मांग में कमी हो गई है. इतना ही नहीं किसानों से लिया जाने वाला दूध अब कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर कम कीमतों में लिया जा रहा है.

दोहरी मार झेल रहा किसान

यह भी पढें- दौसा: मानव से पहले 'मानवता' को मार रहा है CORONA, दम तोड़ते बुजुर्ग की किसी ने नहीं की मदद

सेंटर के संचालक भी साफ तौर पर मानते हैं कि मुनाफाखोरी के चलते यह हो रहा है. इतना ही नहीं, हर दिन दूध किसान से लिया भी नहीं जा रहा है बल्कि एक दिन छोड़कर एक दिन किसानों से दूध लिया जा रहा है, जिससे हर कोई परेशान है. पहले जो दूध करीब 35 रुपए लीटर में खरीदा जाता था अब वह 25 रुपये लीटर में देने पर मजबूर हैं.

ऐसे में किसान परेशान है कि उनके पास केवल दूध बेचने का काम था, उसके भी अगर उससे पैसे नहीं आएंगे तो उनका काम कैसे चलेगा. किसानों का साफ कहना है एक ओर दूध के भाव उन्हें कम मिल रहे हैं तो दूसरी ओर किसानों पर इसकी दोहरी मार पड़ी है. पशुओं को दिए जाने वाले चारे की कीमतों में बेतहाशा उछाल से. लॉकडाउन से पहले किसानों को पशुओं को देने का चारा जिन कीमतों में उन्हें मिल रहा था उसकी कीमतों में बेतहाशा उछाल हुआ है.

यह भी पढें- भीलवाड़ा के बाद अब जयपुर के 10 थाना क्षेत्रों में महा कर्फ्यू, सभी बाहरी प्रवेश पर प्रतिबंध

किसानों के अनुसार पशुओं को दी जाने वाली का कांकड़े की खल पहले 2400 रुपये क्विंटल में आ रही थी उसकी कीमत अब 3200 रुपये क्विंटल हो गई है. वहीं चना चूरी अब 2300 रुपये क्विंटल से बढ़कर ₹3000 प्रति क्विंटल हो गई है. वहीं पशु आहार जो पहले ₹1000 का कट्टा आता था, वह अब 1200 रुपए का हो गया है.

ऐसे में साफ है कि जहां किसानों का दूध डेयरी तक आधा ही पहुंच रहा है. वह भी कम कीमतों पर पशुओं को दिए जाने वाले आहार की कीमतों में 20 से 35% तक उछाल आ गया है, जो दोहरी मार झेल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.