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श्रीगंगानगर में बैंक व्यवस्थापक ने किसानों के साथ की करीब 49 लाख की धोखाधड़ी - एसीबी करेगी बैंक घोटाले की जांच

श्रीगंगानगर में डाबला ग्रांम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डाबला शाखा जैतसर के अध्यक्ष बलविंदर सिंह सैनी और पूर्व व्यवस्थापक राजा राम बेनीवाल पर करीब 49 लाख रुपए की राशि का गबन करते हुए सारी राशि हजम करने का मामला सामने आया है. वहीं एसीबी ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है.

Bank administrator fraud with farmers, किसानों के साथ बैंक व्यवस्थापक की धोखाधड़ी
किसानों के साथ बैंक व्यवस्थापक की धोखाधड़ी
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Published : Nov 28, 2019, 12:40 PM IST

श्रीगंगानगर. डाबला ग्रांम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष ने समिति में गड़बड़ी करते हुए करीब 49 लाख रुपए की राशि का गबन करते हुए सारी राशि हजम कर ली. ऐसे में केंद्रीय सहकारी बैंक ने डाबला ग्रांम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डाबला शाखा जैतसर के अध्यक्ष बलविंदर सिंह सैनी और पूर्व व्यवस्थापक राजा राम बेनीवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए पाबंद किया था.

किसानों के साथ बैंक व्यवस्थापक की धोखाधड़ी

वहीं सत्यापन के बाद एसीबी ने मामला दर्ज कर लिया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत डाबला निवासी अमरजीत सिंह, मनफूल, शिवराज, दुलीचंद, शंकरलाल, हरबंस, विष्णु, मदनलाल, देवी लाल आदि ने डाबला ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष राजाराम, गंगानगर केंद्रीय सहकारी समिति शाखा जैतसर के मैनेजर और कैशियर की ओर से मिलीभगत कर खाता धारकों के खातों में से फर्जी तरीके से उठाकर और ऋण माफी दिलवाकर गबन करने आदि के आरोपों पर परिवाद दर्ज होकर आने पर सत्यापन किया गया.

इस पर आरोपी राजाराम स्थापक ग्राम सेवा सहकारी समिति 5 एनपी डाबला और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में करीब 49 लाख रुपए का गबन हुआ है.

पढ़ेंः Special: क्राफ्ट और सांस्कृतिक कला के संगम ने बूंदी उत्सव में लगा दिए चार चांद

कैसे की बैंक खातों में गड़बड़ी...

खाताधारक विष्णु ने शिकायत की कि 27 दिसंबर 2015 को एक लाख ऋण दिया गया, जिसे 1 जून 2017 को बैंक व्यवस्थापक राजाराम को ब्याज सहित जमा करवा दिया और नोड्यूज का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया. जबकि लेजर स्टेटमेंट में इस दिन कोई राशि जमा नहीं हुई. यह राशि व्यवस्थापक ने अपने निजी उपयोग में ले ली.

इसी तरह खाताधारक मनफूल की शिकायत थी की 19 जून 2016 को एक लाख ऋण दिया गया, जो 19 अक्टूबर 2016 व्यवस्थापक को ब्याज सहित जमा कर नोड्यूज लिया, लेकिन यह लेजर में राशि जमा नहीं हुई. खाताधारक हेतराम की थी कि उसके पिता की मृत्यु 29 अक्टूबर 2014 को हो गई थी. इसके बाद उसने कोई ऋण नहीं लिया, जबकि लेजर में उसके नाम 17 मई 2014 को डेढ़ लाख का ऋण दिया जाना दिखाया है. 29 जून 2015 में व 9 दिसंबर 2015 को ऋण जमा होना दिखाया है.

पढ़ेंः स्पेशल: कोटा स्टोन के खनन पर NGT ने लगाई रोक, करीब 50 हजार मजदूर होंगे बेरोजगार

खाताधारक दर्शन सिंह के पुत्र अमरजीत सिंह की शिकायत है कि उसके पिता की मृत्यु 8 नवंबर 2014 को हो गई. इसके बाद उसने कोई ऋण लिया, लेकिन उसके खाते में व्यवस्थापक ने लेनदेन किया. खाता धारक शिवराज, दुलीचंद, शंकरलाल, हरबंस और मदनलाल ने कोई ऋण नहीं लेने और कुछ ने जमा कर देने के बाद भी बकाया नोटिस मिलने की बात कही है.

श्रीगंगानगर. डाबला ग्रांम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष ने समिति में गड़बड़ी करते हुए करीब 49 लाख रुपए की राशि का गबन करते हुए सारी राशि हजम कर ली. ऐसे में केंद्रीय सहकारी बैंक ने डाबला ग्रांम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डाबला शाखा जैतसर के अध्यक्ष बलविंदर सिंह सैनी और पूर्व व्यवस्थापक राजा राम बेनीवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए पाबंद किया था.

किसानों के साथ बैंक व्यवस्थापक की धोखाधड़ी

वहीं सत्यापन के बाद एसीबी ने मामला दर्ज कर लिया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत डाबला निवासी अमरजीत सिंह, मनफूल, शिवराज, दुलीचंद, शंकरलाल, हरबंस, विष्णु, मदनलाल, देवी लाल आदि ने डाबला ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष राजाराम, गंगानगर केंद्रीय सहकारी समिति शाखा जैतसर के मैनेजर और कैशियर की ओर से मिलीभगत कर खाता धारकों के खातों में से फर्जी तरीके से उठाकर और ऋण माफी दिलवाकर गबन करने आदि के आरोपों पर परिवाद दर्ज होकर आने पर सत्यापन किया गया.

इस पर आरोपी राजाराम स्थापक ग्राम सेवा सहकारी समिति 5 एनपी डाबला और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में करीब 49 लाख रुपए का गबन हुआ है.

पढ़ेंः Special: क्राफ्ट और सांस्कृतिक कला के संगम ने बूंदी उत्सव में लगा दिए चार चांद

कैसे की बैंक खातों में गड़बड़ी...

खाताधारक विष्णु ने शिकायत की कि 27 दिसंबर 2015 को एक लाख ऋण दिया गया, जिसे 1 जून 2017 को बैंक व्यवस्थापक राजाराम को ब्याज सहित जमा करवा दिया और नोड्यूज का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया. जबकि लेजर स्टेटमेंट में इस दिन कोई राशि जमा नहीं हुई. यह राशि व्यवस्थापक ने अपने निजी उपयोग में ले ली.

इसी तरह खाताधारक मनफूल की शिकायत थी की 19 जून 2016 को एक लाख ऋण दिया गया, जो 19 अक्टूबर 2016 व्यवस्थापक को ब्याज सहित जमा कर नोड्यूज लिया, लेकिन यह लेजर में राशि जमा नहीं हुई. खाताधारक हेतराम की थी कि उसके पिता की मृत्यु 29 अक्टूबर 2014 को हो गई थी. इसके बाद उसने कोई ऋण नहीं लिया, जबकि लेजर में उसके नाम 17 मई 2014 को डेढ़ लाख का ऋण दिया जाना दिखाया है. 29 जून 2015 में व 9 दिसंबर 2015 को ऋण जमा होना दिखाया है.

पढ़ेंः स्पेशल: कोटा स्टोन के खनन पर NGT ने लगाई रोक, करीब 50 हजार मजदूर होंगे बेरोजगार

खाताधारक दर्शन सिंह के पुत्र अमरजीत सिंह की शिकायत है कि उसके पिता की मृत्यु 8 नवंबर 2014 को हो गई. इसके बाद उसने कोई ऋण लिया, लेकिन उसके खाते में व्यवस्थापक ने लेनदेन किया. खाता धारक शिवराज, दुलीचंद, शंकरलाल, हरबंस और मदनलाल ने कोई ऋण नहीं लेने और कुछ ने जमा कर देने के बाद भी बकाया नोटिस मिलने की बात कही है.

Intro:श्रीगंगानगर : डाबला ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष ने समिति में गड़बड़ी करते हुए करीब 47रुपए की राशि का गबन करते हुए राशि हजम कर ली.अब दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक ने डाबला ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डाबला शाखा जैतसर के अध्यक्ष दो एलसी निवासी बलविंदर सिंह सैनी व पूर्व व्यवस्थापक राजा राम बेनीवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए पाबंद किया था। सत्यापन के बाद एसीबी ने मामला दर्ज कर लिया है।भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत डाबला निवासी अमरजीत सिंह,मनफूल,शिवराज,दुलीचंद,शंकरलाल,हरबंस,विष्णु, मदनलाल,देवी लाल आदि ने डाबला ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक व तत्कालीन अध्यक्ष राजाराम गंगानगर केंद्रीय सहकारी समिति शाखा जैतसर के मैनेजर व कैशियर की ओर से मिलीभगत कर खाता धारकों के खातों में से फर्जी तरीके से उठाकर एवं ऋण माफी दिलवाकर गबन करने आदि के आरोपों पर परिवाद दर्ज होकर आने पर सत्यापन किया गया।इस पर आरोपी राजाराम स्थापक ग्राम सेवा सहकारी समिति 5 एनपी डाबला व अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में कुल 46 लाख 79 हजार 418 रुपए का गबन हुआ है।






Body:कैसे की बैंक खातों गड़बड़ी :

खाताधारक विष्णु ने शिकायत की 27 दिसंबर 2015 को एक लाख ऋण दिया गया। जिसे 1 जून 2017 को बैंक व्यवस्थापक राजाराम को ब्याज सहित जमा करवा दिया और नोड्यूज का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। जबकि लेजर स्टेटमेंट में इस दिन कोई राशि जमा नहीं हुई। यह राशि व्यवस्थापक ने अपने निजी उपयोग में ले ली।इसी तरह खाताधारक मनफूल की शिकायत थी की 19 जून 2016 को एक लाख ऋण दिया गया,जो 19 अक्टूबर 2016 व्यवस्थापक को ब्याज सहित जमा कर नोड्यूज लिया,लेकिन यह लेजर में राशि जमा नहीं हुई। खाताधारक हेतराम पुत्र देवीलाल की उसकी थी कि उसके पिता की मृत्यु 29 अक्टूबर 2014 को हो गई थी। इसके बाद उसने कोई ऋण नहीं लिया,जबकि लेजर में उसके नाम 17 मई 2014 को डेढ़ लाख का ऋण दिया जाना दिखाया है। 29 जून 2015 में व 9 दिसंबर 2015 को ऋण जमा होना दिखाया है।खाताधारक दर्शन सिंह के पुत्र अमरजीत सिंह की शिकायत है कि उसके पिता की मृत्यु 8 नवंबर 2014 को हो गयी। इसके बाद उसने कोई ऋण लिया,लेकिन उसके खाते में व्यवस्थापक ने लेनदेन किया। खाता धारक शिवराज,दुलीचंद,शंकरलाल,हरबंस व मदनलाल ने कोई ऋण नहीं लेने तथा कुछ ने जमा कर देने के बाद भी बकाया नोटिस मिलने की बात कही है।

बाइट : वेदप्रकाश लखोटिया,एसीबी अधिकारी।


Conclusion:एसीबी करेगी बैंक घोटाले की जांच।
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