सादुलशहर (श्रीगंगानगर). कंधों पर चमकते सितारे, सिर पर टोपी, मुंह पर लगा मास्क और आने-जाने वाले वाहनों की गहनता से जांच कर रहे ये जवान सीआरपीएफ पुलिस के पूर्व सब-इंस्पेक्टर भानीराम भादू हैं. कोरोना काल में देश भक्ति का जज्बा ऐसा जगा की अपनी इच्छा से रिटायर्ड होने के बाद इंस्पेक्टर ने एक बार फिर से अपनी वर्दी पहन ली और जुट गए देश की सेवा करने में.
भानीराम भादू केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे. लेकिन साल 2012 में भानीराम भादू ने अपनी इच्छा से यह नौकरी छोड़ दी थी और हमेशा के लिए रिटायर्ड हो गए. भादू का सपना था कि वे यह नौकरी छोड़कर गरीब तबके के बच्चों को इसके काबिल बनाएंगे और वे इसमें कामयाब भी हुए, जिसके बाद उन्होंने श्रीगंगानगर के गांव लालगढ़ जाटान में बास्केटबॉल ग्राउंड पर बच्चों को प्रतिदिन अभ्यास करवाने में जुट गए. यहां से ही देश की सेवा करने के लिए हीरे तराशना शुरू कर दिया. आज भानीराम भादू की बदौलत गांव के सैंकडों युवक अलग-अलग राजकीय सेवाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
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कोरोना काल की इस घड़ी में भानीराम ने पुलिस अधिकारियों से बात की और पुलिस मित्र बनकर जुट गए अपनी ड्यूटी करने में. भानीराम भादू अभी मोरजंड खारी में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ स्टेट हाइवे अंतरराज्यीय सीमा चेक पोस्ट पर अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं. वे अभी शाम को 6 बजे से सुबह तक ड्यूटी करते हैं और पिछले एक माह से अधिक समय से वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इससे पुलिस के जवानों को भी थोड़ा आराम करने का समय मिल जाता है. भादू हर आने-जाने वाले वाहन की गहनता से जांच करते हैं और एंट्री पूरी होने के बाद ही प्रवेश करने या बाहर जाने देते हैं. इनके साथ पुलिस जाब्ता और स्वास्थ्य विभाग की टीम रहती हैं. ताकि सील सीमा पर किसी भी प्रकार की कोताही ना हो.
भानीराम के अनुसार संकट की इस घड़ी में वे परिवार वालों को समय नहीं दे पाते. इसका कोई मलाल भी नहीं है. इस समय ड्यूटी करके बहुत ही आत्मसंतुष्टि हो रही है. लोगों को समझाने के दौरान ऐसा लगता है, जैसे ड्यूटी नहीं सेवा कार्य कर रहे हों, अधिकतर लोग भी समझाने पर बात मान जाते हैं. संकट के समय ऐसे वीरों के जज्बे को देश सलाम करता है. ऐसे योद्धाओं के साहस और जज्बे से यकीन होता है कि हम कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन को अवश्य हराकर रहेंगे.