श्रीगंगानगर. किसानों की फसल खरीद के लिए जिला प्रशासन ने धान मंडी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत फसल खरीद शुरू करवाई है. इस पायलट प्रोजेक्ट का जिला स्तर पर विस्तार किया जाएगा. धानमंडी में फसल खरीद के दौरान अपनाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग प्रक्रिया की निगरानी ड्रोन से की जा रही है. जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी करने पर सुधार किया जा सके.
वहीं धान मंडी में हर रोज किसान करीब 70 ट्रॉलिया माल लेकर आ रहे हैं. अनाज मंडी श्रीगंगानगर के पायलट प्रोजेक्ट को केवीएसएस के माध्यम से आठ खरीद केंद्र और जीएसएस के माध्यम से 75 खरीद केंद्रों पर जींस की खरीद की जाएगी. मंडी प्रशासन और व्यापारियों ने किसानों से आग्रह किया है कि फसल विक्रय के लिए जल्दबाजी ना करें. अपनी बारी आने का इंतजार करें. किसानों ने फसल बेचने की जल्दबाजी दिखाई और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हुई तो उस खरीद केंद्र को बंद कर दिया जाएगा.
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वहीं मंडी प्रशासन ने कहा कि सामान्य तौर पर लगभग 2 महीने तक खरीद व्यवस्था चलती है. किसान धैर्य के साथ अपनी फसल बेचेंगे तो अधिकतम 10 से 15 दिन और लग सकते हैं. राज्य सरकार ने सहकारी समितियों के माध्यम से फसल खरीद का निर्णय लिया है. क्रय-विक्रय सहकारी समिति के माध्यम से जिले में फसल खरीद की जाएगी. अनाज मंडी श्रीगंगानगर में शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट की व्यवस्था नीचे के स्तर तक पहुंचाई जाएगी.
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इसके लिए एसडीएम, मंडियों के सचिव, सहकारिता अधिकारियों, पशुपालन तथा कृषि अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की अनाज मंडियों का दौरा करवा कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली जाएगी. जिससे वे अपने क्षेत्र में खरीद व्यवस्था सुचारू बना सकें.