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बालिका विद्यालय के खेल मैदान को पार्किंग स्थल बनाने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी

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Published : Nov 27, 2019, 1:51 PM IST

एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग बालिका स्कूलों में शिक्षा और शारीरिक दक्षता का स्तर सुधारने को योजना बना रही है. वहीं दूसरी ओर शहर के बीचों-बीच छात्राओं के सबसे बड़े स्कूल के खेल मैदान को प्रशासन कब्जा करने का प्रयास कर रही है.

बालिका स्कूल में पार्किंग का विरोध, protest against making parking at girls school ground
बालिका विद्यालय के खेल मैदान को पार्किंग स्थल बनाने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी

श्रीगंगानगर. जिले के मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान पर पार्किंग स्थल बनाए जाने की योजना पर फरवरी माह में ही काम शुरू हो गया था. जिसकी सशर्त स्वीकृति 16 अक्टूबर को ही निदेशक ने जारी कर दी थी.

बालिका विद्यालय के खेल मैदान को पार्किंग स्थल बनाने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी

अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग स्कूल के खेल मैदान में विभाजन की दीवार खींचने की तैयारी में है. आज शहर में 30 सरकारी स्कूल हैं, इनमें से महज तीन ही स्कूल ऐसे हैं. जहां खेल के मैदान की व्यवस्था है, उनमें से मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल भी एक है.

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खेल मैदान में खेल सुविधाएं विकसित करने की बजाय उसी जगह पर शहर भर के लोगों के वाहनों को ठहराव के लिए पार्किंग स्थल की निर्माण की तैयारी की जा रही है. शहर के गोल बाजार में पार्किंग की समस्या इसी साल खड़ी नहीं हुई, बल्कि दो दशक से भी पुरानी समस्या है. तब पुरानी धान मंडी के पिंडों को इस उद्देश्य के लिए आरक्षित नहीं किया गया. कुछ ही साल पहले इनको नगर परिषद ने स्थानीय व्यापारियों को आवंटित कर राजकोष भर लिया.

उस वक्त पब्लिक पार्क की जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग की योजना तत्कालीन परिषद सभापति जगदीश जांदू के कार्यकाल में फाइलों में उतरी थी, जो अब सरकारी कार्यालयों की अलमारियों के किसी कोने में गुम हो चुकी है. ऐसे में अब शहर के सबसे बड़े मटका चौक के बालिका स्कूल में प्रशासन द्वारा पार्किंग बनाना न केवल बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डालना है बल्कि उनकी पढ़ाई में व्यवधान पैदा करना भी है.

पढ़ें- एक सास की ख्वाइश...जो बहू को लाल बत्ती में देखना चाहती थी, और वह आज बन गई 'जज'

ऐसे में अब शहर के ही कुछ लोगों ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध शुरू किया है. बालिका स्कूल में पार्किंग बनाने पर आंदोलन से लेकर कानूनी कारवाई की चेतावनी भी दी है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बालकृष्ण पंवार की माने तो संस्था का कोई भी सदस्य खेल मैदान में वाहन पार्किंग नहीं चाहता. ऐसा लगता है कि उच्चाधिकारियों ने दबाव बनाकर एसडीएमसी को वाहन पार्किंग के प्रस्ताव के लिए मजबूर किया है. लेकिन, इस स्कूल के खेल मैदान में वाहन पार्किंग नही बनाने देंगे. आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जबरदस्ती की तो उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे और शहर की जनता को साथ लेकर आंदोलन करेंगे.

श्रीगंगानगर. जिले के मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान पर पार्किंग स्थल बनाए जाने की योजना पर फरवरी माह में ही काम शुरू हो गया था. जिसकी सशर्त स्वीकृति 16 अक्टूबर को ही निदेशक ने जारी कर दी थी.

बालिका विद्यालय के खेल मैदान को पार्किंग स्थल बनाने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी

अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग स्कूल के खेल मैदान में विभाजन की दीवार खींचने की तैयारी में है. आज शहर में 30 सरकारी स्कूल हैं, इनमें से महज तीन ही स्कूल ऐसे हैं. जहां खेल के मैदान की व्यवस्था है, उनमें से मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल भी एक है.

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खेल मैदान में खेल सुविधाएं विकसित करने की बजाय उसी जगह पर शहर भर के लोगों के वाहनों को ठहराव के लिए पार्किंग स्थल की निर्माण की तैयारी की जा रही है. शहर के गोल बाजार में पार्किंग की समस्या इसी साल खड़ी नहीं हुई, बल्कि दो दशक से भी पुरानी समस्या है. तब पुरानी धान मंडी के पिंडों को इस उद्देश्य के लिए आरक्षित नहीं किया गया. कुछ ही साल पहले इनको नगर परिषद ने स्थानीय व्यापारियों को आवंटित कर राजकोष भर लिया.

उस वक्त पब्लिक पार्क की जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग की योजना तत्कालीन परिषद सभापति जगदीश जांदू के कार्यकाल में फाइलों में उतरी थी, जो अब सरकारी कार्यालयों की अलमारियों के किसी कोने में गुम हो चुकी है. ऐसे में अब शहर के सबसे बड़े मटका चौक के बालिका स्कूल में प्रशासन द्वारा पार्किंग बनाना न केवल बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डालना है बल्कि उनकी पढ़ाई में व्यवधान पैदा करना भी है.

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ऐसे में अब शहर के ही कुछ लोगों ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध शुरू किया है. बालिका स्कूल में पार्किंग बनाने पर आंदोलन से लेकर कानूनी कारवाई की चेतावनी भी दी है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बालकृष्ण पंवार की माने तो संस्था का कोई भी सदस्य खेल मैदान में वाहन पार्किंग नहीं चाहता. ऐसा लगता है कि उच्चाधिकारियों ने दबाव बनाकर एसडीएमसी को वाहन पार्किंग के प्रस्ताव के लिए मजबूर किया है. लेकिन, इस स्कूल के खेल मैदान में वाहन पार्किंग नही बनाने देंगे. आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जबरदस्ती की तो उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे और शहर की जनता को साथ लेकर आंदोलन करेंगे.

Intro:श्रीगंगानगर : एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग बालिका स्कूलों में शिक्षा और शारीरिक दक्षता का स्तर सुधारने को योजना बना रही है,वहीं दूसरी ओर शहर के बीचों-बीच छात्राओं के सबसे बड़े स्कूल के खेल मैदान को प्रशासन कब्जाने के प्रयास फरवरी 2019 से शुरू हो चुके है।मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान पर पार्किंग स्थल बनाए जाने की योजना पर फरवरी माह में ही काम शुरू हो गया था। जिसकी16 अक्टूबर को निदेशक ने सशर्त स्वीकृति जारी कर दी।अब जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग स्कूल के खेल मैदान में विभाजन की दीवार खींचने की तैयारी में है।यह तब हो रहा है जब शहर में 30 सरकारी स्कूल हैं,इनमें से महज तीन स्कूलों मटका चौक राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल,राजकीय बालक उच्च माध्यमिक स्कूल मल्टीपरपज ओर शुगर मिलमाध्यमिक स्कूल ही है। जहां खेल मैदान की जगह है। खेल मैदान में खेल सुविधाएं विकसित करने की बजाय उसी जगह पर शहर भर के लोगों की बाजार खरीदारी करने आने के दौरान कारों व अन्य वाहनों के ठहराव की सुविधा पर अधिक ध्यान लगाया जा रहा है।




Body:शहर के गोल बाजार में पार्किंग की समस्या इसी साल खड़ी नहीं हुई बल्कि दो दशक से भी पुरानी है।तब पुरानी धानमंडी के पिंडों को इस उद्देश्य के लिए आरक्षित नहीं किया गया।कुछ ही साल पहले इनको नगर परिषद ने स्थानीय व्यापारियों को आवंटित कर राजकोष भर लिया। पब्लिक पार्क की जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग की योजना तत्कालीन परिषद सभापति जगदीश जांदू के कार्यकाल में फाइलों में उतरी जो अब सरकारी कार्यालयों की अलमारियों के किसी कोने में गुम हो चुकी है।ऐसे में अब शहर के सबसे बड़े मटका चौक बालिका स्कूल में प्रशासन द्वारा पार्किंग बनाना न केवल बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डालना है बल्कि उनकी पढ़ाई में व्यवधान पैदा करना भी है। ऐसे में अब शहर के ही कुछ जागरूक लोगो ने प्रशासन के इस फेशले का विरोध शुरू करते हुए बालिका स्कूल में पार्किंग बनाने पर आंदोलन से लेकर कानूनी कारवाई की चेतावनी दी है।सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर बालकृष्ण पंवार की माने तो संस्था का कोई भी सदस्य खेल मैदान में वाहन पार्किंग नहीं चाहता।ऐसा लगता है कि उच्चाधिकारियों ने मौखिक आदेश से दबाव बनाकर एसडीएमसी को वाहन पार्किंग के प्रस्ताव के लिए मजबूर किया है। लेकिन इस स्कूल के खेल मैदान में वाहन पार्किंग नही बनाने देंगे।प्रशासन ने जबरदस्ती की तो उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे और शहर की जनता को साथ लेकर आंदोलन करेंगे।

बाइट : डॉक्टर बालकृष्ण पंवार,सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट : अनिल गोदारा,आंदोलनकारी
बाइट : गोपाल खड़गावत,रिटायर्ड कर्मचारी।


Conclusion:बालिका स्कूल में पार्किंग पर बवाल।
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