श्रीगंगानगर. जिले के मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान पर पार्किंग स्थल बनाए जाने की योजना पर फरवरी माह में ही काम शुरू हो गया था. जिसकी सशर्त स्वीकृति 16 अक्टूबर को ही निदेशक ने जारी कर दी थी.
अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग स्कूल के खेल मैदान में विभाजन की दीवार खींचने की तैयारी में है. आज शहर में 30 सरकारी स्कूल हैं, इनमें से महज तीन ही स्कूल ऐसे हैं. जहां खेल के मैदान की व्यवस्था है, उनमें से मटका चौक स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल भी एक है.
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खेल मैदान में खेल सुविधाएं विकसित करने की बजाय उसी जगह पर शहर भर के लोगों के वाहनों को ठहराव के लिए पार्किंग स्थल की निर्माण की तैयारी की जा रही है. शहर के गोल बाजार में पार्किंग की समस्या इसी साल खड़ी नहीं हुई, बल्कि दो दशक से भी पुरानी समस्या है. तब पुरानी धान मंडी के पिंडों को इस उद्देश्य के लिए आरक्षित नहीं किया गया. कुछ ही साल पहले इनको नगर परिषद ने स्थानीय व्यापारियों को आवंटित कर राजकोष भर लिया.
उस वक्त पब्लिक पार्क की जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग की योजना तत्कालीन परिषद सभापति जगदीश जांदू के कार्यकाल में फाइलों में उतरी थी, जो अब सरकारी कार्यालयों की अलमारियों के किसी कोने में गुम हो चुकी है. ऐसे में अब शहर के सबसे बड़े मटका चौक के बालिका स्कूल में प्रशासन द्वारा पार्किंग बनाना न केवल बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डालना है बल्कि उनकी पढ़ाई में व्यवधान पैदा करना भी है.
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ऐसे में अब शहर के ही कुछ लोगों ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध शुरू किया है. बालिका स्कूल में पार्किंग बनाने पर आंदोलन से लेकर कानूनी कारवाई की चेतावनी भी दी है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बालकृष्ण पंवार की माने तो संस्था का कोई भी सदस्य खेल मैदान में वाहन पार्किंग नहीं चाहता. ऐसा लगता है कि उच्चाधिकारियों ने दबाव बनाकर एसडीएमसी को वाहन पार्किंग के प्रस्ताव के लिए मजबूर किया है. लेकिन, इस स्कूल के खेल मैदान में वाहन पार्किंग नही बनाने देंगे. आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जबरदस्ती की तो उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे और शहर की जनता को साथ लेकर आंदोलन करेंगे.