श्रीगंगानगर. सदर थाना क्षेत्र में चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत का मामला पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया है. मामले में पीड़ित परिवार ने एसपी राजन दुष्यंत को मुकदमा दर्ज करवाने के लिए परिवाद दिया, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है. इस संबंध में डीजीपी ने एसपी को फटकार भी लगाई है. लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने प्रकरण में कोई केस दर्ज नहीं किया है. जिसके बाद अब पीड़ित परिवार ने न्यायालय का सहारा लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई है.
दरअसल घमुड़वाली थाना क्षेत्र के चक 4 ईईए के नरेश कुमार को 24 जुलाई को नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भर्ती किया गया था. जिसके बाद 28 जुलाई, 2020 को रात करीब 1:30 बजे नशा मुक्ति केंद्र से परिजनों के पास फोन आया कि नरेश कुमार को मिर्गी का दौरा पड़ा है. जब परिजनों ने केंद्र पहुंचकर संचालक को फोन किया तो, उसने बताया कि वह सरकारी अस्पताल में भर्ती है.
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ऐसे में जब परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर पूछताछ की, तो पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र वाले नरेश को मृत अवस्था में अस्पताल लेकर आए थे, और लाश छोड़ कर वापस चले गए. इस मामले की सूचना पर पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई. जहां मृतक के भाई ने उसके शरीर पर चोटों के निशान देखे, जिसके बारे में पुलिस को बताया. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और केवल पोस्टमार्टम करवाकर नरेश के शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया.
वहीं, जब मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के समय उसके शव को नहलाने लगे, तो उन्होंने उसके गुप्तांगों और शरीर पर चोट के निशान देखे. जिससे ये पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र वालों ने नरेश को गंभीर चोटे पहुंचाई, जिससे उसकी मौत हुई. इस घटनाक्रम को लेकर जब परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र वालों से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि हम तो गंगानगर छोड़कर भटिंडा आ गए हैं.
ऐसे में यह स्पष्ट हो गया कि नरेश की सामान्य मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है. 31 जुलाई को पुलिस नशा मुक्ति केंद्र गई, जहां CCTV चेक किया गया तो उसमें मृतक के साथ मारपीट की तस्वीरें कैद थी. लेकिन पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
सीसीटीवी फुटेज को पीड़ित पक्ष ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव को दिखाया. जिसे देखने के बाद प्रकरण में कड़ी नाराजगी जताते हुए श्रीगंगानगर एसपी राजन दुष्यंत को डीजीपी ने कड़ी फटकार लगाई. इसके साथ ही हत्या का प्रकरण दर्ज कर उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश दिए. लेकिन इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. जिसके चलते अब पीड़ित ने न्यायालय का सहारा लेते हुए इस्तगासा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई है.