श्रीगंगानगर. दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं पर दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ स्थानीय बार एसोसिएशन ने सोमवार को वर्क सस्पेंड रखकर विरोध दर्ज करवाया. बार एसोसिएशन के अनुसार वर्क सस्पेंड के दौरान वकील न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए.
कार्य बहिष्कार के दौरान बार के अधिवक्ताओं ने पूर्ण तौर पर कार्य स्थगित रख कर विरोध जताया. वहीं कार्य बहिष्कार के दौरान अगर कोई अधिवक्ता न्यायालय में उपस्तिथि देगा तो एसोसिएशन ऐसे अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए कार्य अधिवक्ता पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाएगा.
वहीं संबंधित अधिवक्ता के खिलाफ बार एसोसिएशन के जनरल हाउस की बैठक में प्रस्ताव रखकर उसकी सदस्यता खत्म कर दी जाएगी. बार के अनुसार दिल्ली पुलिस के लाठीचार्ज पूरी तरह से अधिवक्ताओं के साथ अन्याय है. जिसकों लेकर उनमें काफी आक्रोश है.
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श्रीगंगानगर बार एसोसिएशन के कार्य बहिष्कार के दौरान सोमवार को अदालतों में किसी प्रकार का कार्य नहीं हुआ. अधिवक्ताओं का कहना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा निहत्थे अधिवक्ताओं पर किए गए अत्याचार की न्यायिक जांच करके अगर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो देशभर के अधिवक्ता लम्बे आंदोलन पर जाएंगे.
अजमेर में भी देखने को मिला ऐसा ही नजारा-
तीस हजारी कोर्ट में गत दिनों हुए वकीलों पर पुलिस की ओर से किए गए हमले का विरोध अजमेर में भी देखने को मिला. जहां जिले के सभी न्यायालयों में कार्य का बहिष्कार रखा गया. जिससे न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप रहा.
वही वकीलों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम राजस्थान में जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई. वकीलों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी किया. मध्य प्रदेश की तर्ज पर अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करने की मांग की गई है.