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टिड्डी रिटर्नः धरतीपुत्रों पर छा रहा संकट का बादल...खेतों में मंडरा रहा टिड्डी दल - grasshopper attack in the fields

कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में किसान अपने-अपने घरों में हैं. लेकिन सीमा पार से आ रहे दुश्मन ने एक बार फिर से किसानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.

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महामारी की घड़ी में धरतीपुत्रों पर संकट
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Published : Apr 18, 2020, 3:24 PM IST

श्रीगंगानगर. पाकिस्तान से आने वाली टिड्डी दल, जो भारतीय सीमा में फिर से किसानों के खेतों में हमला बोल रहा है. पाकिस्तान सीमा से आ रही इन टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए कृषि विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. टिड्डियां उड़ नहीं सकती, इसलिए तारबंदी के भीतर बड़ी संख्या में हमला बोल दिया है.

महामारी की घड़ी में धरतीपुत्रों पर संकट

कृषि विभाग ने बीएसएफ से स्वीकृति लेकर खंखा, रेणुका और सात सी गांव के आसपास टिड्डियों को कंट्रोल करने के लिए पेस्टिसाइड का छिड़काव शुरु करवाया है. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जीआर मटोरिया ने बताया कि पाकिस्तान में संभवत कुछ दिन पहले ही पड़ाव डाले बैठी टिड्डियों का प्रजनन काल समाप्त हुआ होगा. जैसे ही मौसम गर्म होने लगा है, अंडों से फाका निकलकर आगे आने लगा है और भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः दर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित फाकाकशी में दिन गुजारने को मजबूर

मटोरिया ने बताया कि सूचना मिली कि तारबंदी के भीतर जाकर अगर टिड्डियों को कंट्रोल किया जाए, तो वे आगे नहीं आएंगी. ऐसे में कृषि विभाग ने बीएसएफ से संपर्क किया और स्वीकृति दी गई. इसके बाद वाहन के जरिए जीरो लाइन तक दवा का छिड़काव किया जा रहा है.

डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि हिंदूमलकोट और करणपुर एरिया में फरवरी लास्ट में जो टिड्डियों का दल आया था. वहां से बच्चे निकलकर आ रहे थे. अब स्प्रे करवाकर लगभग नियंत्रण किया जा चुका है. हालांकि फसल पकने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन फिर भी छिड़काव लगातार जारी है और कंट्रोल किया जा रहा है.

श्रीगंगानगर. पाकिस्तान से आने वाली टिड्डी दल, जो भारतीय सीमा में फिर से किसानों के खेतों में हमला बोल रहा है. पाकिस्तान सीमा से आ रही इन टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए कृषि विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. टिड्डियां उड़ नहीं सकती, इसलिए तारबंदी के भीतर बड़ी संख्या में हमला बोल दिया है.

महामारी की घड़ी में धरतीपुत्रों पर संकट

कृषि विभाग ने बीएसएफ से स्वीकृति लेकर खंखा, रेणुका और सात सी गांव के आसपास टिड्डियों को कंट्रोल करने के लिए पेस्टिसाइड का छिड़काव शुरु करवाया है. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जीआर मटोरिया ने बताया कि पाकिस्तान में संभवत कुछ दिन पहले ही पड़ाव डाले बैठी टिड्डियों का प्रजनन काल समाप्त हुआ होगा. जैसे ही मौसम गर्म होने लगा है, अंडों से फाका निकलकर आगे आने लगा है और भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहा है.

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मटोरिया ने बताया कि सूचना मिली कि तारबंदी के भीतर जाकर अगर टिड्डियों को कंट्रोल किया जाए, तो वे आगे नहीं आएंगी. ऐसे में कृषि विभाग ने बीएसएफ से संपर्क किया और स्वीकृति दी गई. इसके बाद वाहन के जरिए जीरो लाइन तक दवा का छिड़काव किया जा रहा है.

डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि हिंदूमलकोट और करणपुर एरिया में फरवरी लास्ट में जो टिड्डियों का दल आया था. वहां से बच्चे निकलकर आ रहे थे. अब स्प्रे करवाकर लगभग नियंत्रण किया जा चुका है. हालांकि फसल पकने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन फिर भी छिड़काव लगातार जारी है और कंट्रोल किया जा रहा है.

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