सादुलशहर (श्रीगंगानगर). जिला पुलिस प्रशासन और चिकित्सा विभाग के सयुंक्त तत्वावधान में नशा मुक्ति महाअभियान के तहत ग्राम पंचायत गणेशगढ़ के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जिला चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन ने बच्चों को नशे से दूर रहने की सलाह दी. साथ ही नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया.
कार्यक्रम में नशा विशेषज्ञ और प्रभारी डॅा. रविकांत गोयल ने कहा है की दृढ़ इच्छाशक्ति और वैज्ञानिक तरीके से ईलाज के द्वारा किसी भी नशीले पदार्थ की लत से छुटकारा पाया जा सकता है. नशा छोड़ने से न ही व्यक्ति की मौत होती है और न ही लकवा होता है. साथ ही व्यक्ति में किसी प्रकार की नपुंसकता नहीं आती है. नशा छोड़ने के बाद व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है. वह सामान्य जीवनयापन करने लग जाता है. पुलिस विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चलाए जा रहे इस नशा मुक्ति अभियान में हजारों नशे से पीड़ित व्यक्ति अपना नशा त्याग कर समाज की मुख्य धारा से जुड़े हैं.
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साथ ही डॅाक्टर ने कहा कि जिले में पिछले कुछ अरसे से युवा पीढ़ी में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है. यहां युवा पीढ़ी में नशा करने की उम्र 18 साल से घटकर 8 साल पर आ गई है. दूसरा इस जिले के परुषों के साथ-साथ स्कूली कालेज की छात्र-छत्राओं में भी नशे की प्रवृत्ति बढ़ी है. साथ ही नशे के अलावा आधुनिक रसायनिक नशों का प्रचलन बढ़ा है, जो मानव समाज के लिए घातक है. जिसमें से मुख्य तौर पर अफीम, पोस्त और स्मैक नशे की दवाइयां मनुष्य के मस्तिष्क में चलने वाली रसायनिक प्रतिक्रियाओं को परिवर्तित कर देती है.
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वहीं नशा मुक्ति अभियान को परवान चढ़ता देख नशे के कारोबारियों के पैर उखड़ते नजर आ रहे हैं. इस अभियान को देखकर फिलहाल इस धंधे में काफी मंदी छा गई है. लोगों को भी डर लग रहा है कि इस अभियान के कर्ता-धर्ता कहीं पुलिस को लेकर किसी भी क्षण कार्रवाई कराने आ सकते हैं.