सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). पुलिस ने एक साल पूर्व रेलवे ट्रैक पर मृत मिले दंपती की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए मृतका के मामा और भाई को मंगलवार को गिरफ्तार किया है. हत्या का मामला ऑनर किलिंग से जुड़ा होने पर पुलिस को मामले की तह तक जाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी.
सीआई रामकुमार लेघा ने बताया कि 9 मार्च 2020 को रेलवे कर्मचारी ने सूचना दी कि पीपेरन रोही में रेलवे ट्रैक पर एक युवक-युवती का क्षत-विक्षित हालात में शव पड़े हैं. सूचना पर एएसआई नूर मोहम्मद और कांस्टेबल दौलतराम सहारण मौके पर पहुंचे. इसके बाद पुलिस ने दंपती की गांव बमोलिया (बारां) निवासी राकेश पुत्र रमेश योगी व उसकी पत्नी राजवीर कौर निवासी 26 पीबीएन के रुप में मौसेरे भाई राजेंद्र सिंह ने पहचान की. पुलिस ने मर्ग रिपोर्ट दर्ज की थी, कि दोनों के गले में नील के निशान होने पर पुलिस ने मामले में शक जाहिर किया. इसके बाद एएसआई नूर मोहम्मद व कांस्टेबल दौलत ने दंपती के पड़ोस में पूछताछ की तो उनका शक परिजनों पर गया. पुलिस ने मृतका के मामा जसवीर सिंह (40) पुत्र बैशाखा सिंह निवासी हरिपुरा पुलिस थाना संगरिया व भाई अनमोल सिंह (20) पुत्र सिंगारा सिंह निवासी 26 पीबीएन को थाने में लाकर पूछताछ की तो दोनों की हत्या करना स्वीकार करने पर दोनों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी.
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पुलिस ऐसे पहुंची हत्यारों तक, पूछताछ में खुला हत्या का राज
एएसआई नूर मोहम्मद ने बताया, मृतक के पैर में साफ थे और आसपास चप्पल सहित अन्य सामान बरामद नहीं हुआ. वहीं, घटनास्थल पर रेलवे ट्रैक के निकट कच्चे रास्ते पर 2 जनों के पैरों के निशान मिले. मामले में संदेह होने पर दंपती के किराए के मकान में साथ रहने वाली महिला मंजू से पूछताछ की तो उसने बताया कि राजवीर के मामा जसवीर व भाई अनमोल उसे अस्पताल से अपने साथ ले आए थे. उनके साथ जीप में सवार होकर मंजू भी उनके साथ आई थी. आरोपियों ने मंजू को ओद्योगिक क्षेत्र स्थित घर के पास उतार दिया था. साथ ही राजवीर और राकेश को यह कहकर अपने साथ ले गए, कि वो राजवीर का किसी अन्य अस्पताल में इलाज करवाएंगे. इस पर पुलिस ने मृतका के परिजनों से पूछताछ करने पर बताया कि राजवीर का मामा व भाई उसे लेने के लिए सूरतगढ़ गए थे.
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दोनों का गला दबाया, मरा समझ पटरियों पर छोड़ा
7 मार्च 2020 को राजवीर की तबीयत खराब होने पर उसके पति ने 8 मार्च को उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था. इलाज के पैसे नहीं होने पर राकेश ने मामा जसवीर सिंह को फोन कर सूरतगढ़ बुलाया. मामा ने किसी अन्य अस्पताल में इलाज करवाने का बहाने लेकर राजवीर को रात्रि करीब 11 बजे अस्पताल से छुट्टी दिला दी. साथ ही राकेश का फोन और बाइक अस्पताल में गिरवी रखवा दिए. आरोपियों ने पड़ोसी मंजू को रास्ते में उतार दिया. आरोपी दंपति को राजपुरा पीपेरन की रोही में सुनसान जगह पर दोनों का गला दबा दिया. दोनों को मरा समझकर रेलवे ट्रैक पर सुला दिया. ट्रेन से कटने पर दोनों की मौत हो गई.
दूसरे जाति के युवक से शादी करने पर मामा और भाई रखते थे रंजिश
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि मृतका गांव मेहरवाला (हनुमानगढ़) में बचपन से ही अपनी मौसी के पास रहती थी. वहां उनका मधुमक्खियों का व्यवसाय था. राकेश भी मौसेरे भाई के पास कार्य करता था. इस दौरान युवक-युवती में प्रेम-प्रसंग होने पर दोनों ने शादी कर ली. इस बात को लेकर मामा जसवीर और भाई अनमोल दोनों से रंजिश रखते थे. आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर दंपति की हत्या कर दी.