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आजादी 'काले पानी' से : मनुष्य जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा 'काला जहर'...देखें ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Aug 9, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 4:18 PM IST

पंजाब से केमिकल युक्त पानी प्रदेश की नहरों में आने से काफी समय से हंगामा होता आ रहा है. लेकिन हंगामे के पीछे जो मकसद है वह पूरा नहीं हो रहा है. इस प्रकार की रिपोर्ट आ रही हैं कि इस पानी को पीने के कारण कैंसर जैसी बीमारियां जिले में तेजी से फैल रही हैं....

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श्रीगंगानगर. पंजाब से केमिकल युक्त पानी प्रदेश की नहरों में आने से काफी समय से हंगामा होता आ रहा है. लेकिन हंगामे के पीछे जो मकसद है वह पूरा नहीं हो रहा है. इस प्रकार की रिपोर्ट आ रही हैं कि इस पानी को पीने के कारण कैंसर जैसी बीमारियां जिले में तेजी से फैल रही हैं.

पढ़ें: आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से बहकर आता 'काला जहर'...

हमारे संवाददाता ने उस मौके पर जाकर लोगों से जाना जहां से यह नहर राजस्थान में प्रवेश करती है. वहां के लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि इस नहर में केमिकल युक्त पानी के अलावा मृत पशुओं के शव भी डाले जा रहे हैं. विकल्प ना होने की वजह से वे जिले के लोगों को इसी नहर का पानी पीना पड़ता है. लोगों का कहना है कि नौजवान पीढ़ी गंदे पानी को पीकर गंभीर बीमारियों की जद में आ रही है.

पढ़ें: आजादी 'काले पानी' से : हनुमानगढ़ भी झेलता पंजाब के दंश को...

शिवपुर हैड पर रहने वाले एक शख्स ने बताया कि जब पानी आया था तो उनके गांव समेत सभी कस्बों में खुशी थी. लेकिन अब पंजाब सरकार की अनदेखी के चलते यह जहरीला पानी लंबे समय से राजस्थान आ रहा है. लोगों का कहना है कि जब तरह तरह के अपशिष्ट इसमें मिलाए जाएंगे तो बीमारियां तो होंगी ही. लेकिन सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वहीं छात्रनेता प्रदीप का कहना है कि ऐसी उम्मीद नहीं थी कि पंजाब के लोग ऐसा गंदा पानी यहां भेजेंगे. आज पूरा जिला इस गंदे पानी के दंश को झेल रहा है.

मनुष्य जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा 'काला जहर'

पढ़ें: आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से आ रहा पानी...55 लाख लोगों की जिंदगी में घोल रहा है जहर...हकीकत सुन आप भी चौंक जाएंगे

इस केमिकल युक्त दूषित जल पर काम करने वाले डॉक्टर पीयूष राजवंशी की मानें तो इंडस्ट्रियल वेस्ट सबसे खतरनाक होता है. जिसमें हेवी मेटल्स होते हैं, जो मनुष्य शरीर को किसी भी हद तक प्रभावित कर सकते हैं. उनके मुताबिक यह प्रमाणित है कि इस पानी में लेड, आर्सेनिक, क्रोमियम, मर्करी जैसी भारी धातुएं मिली होती हैं. जिनकी मात्रा तय मापदंडों से भी कई गुना अधिक होती हैं. कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि नहरों में हेवी मेटल्स की मात्रा कम है. लेकिन अगर यही पानी लंबे समय उपयोग में लिया गया तो निश्चित तौर पर यह नुकसान करेगा.

पढ़ें: आजादी 'काले पानी' से : देखिए पंजाब से आ रहा 'काला जहर' कैसे पहुंच रहा आपकी रसोई तक...

एक सवाल के जवाब में डॉक्टर राजवंशी का कहना है कि बीकानेर के पीबीएम अस्पताल से डाटा लेकर रिसर्च करवाएं तो वह एक बहुत बड़ा रिसर्च केंद्र साबित हो सकता है. पीबीएम अस्पताल में पंजाब से भी बड़ी संख्या में लोग कैंसर का इलाज करवाने के लिए आते हैं. अभी जो कैंसर के रोगी आ रहे हैं उनमें हेवी मेटल्स की मात्रा कितनी है यह जांच करवा कर पता चल सकता है.

ऐसे में लोगों की पानी से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चल सकता है. सरकार द्वारा रिसर्च करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके कि इस पानी से लोगों में कैंसर जैसी कितनी भयानक बीमारियां पनप रही हैं. इसके साथ ही दूषित पानी के खिलाफ सभी को मिलकर इस मुहिम के साथ जुड़ना चाहिए. जिसमें अधिकारी, आम जनता, जनप्रतिनिधि सभी शामिल हों.

श्रीगंगानगर. पंजाब से केमिकल युक्त पानी प्रदेश की नहरों में आने से काफी समय से हंगामा होता आ रहा है. लेकिन हंगामे के पीछे जो मकसद है वह पूरा नहीं हो रहा है. इस प्रकार की रिपोर्ट आ रही हैं कि इस पानी को पीने के कारण कैंसर जैसी बीमारियां जिले में तेजी से फैल रही हैं.

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हमारे संवाददाता ने उस मौके पर जाकर लोगों से जाना जहां से यह नहर राजस्थान में प्रवेश करती है. वहां के लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि इस नहर में केमिकल युक्त पानी के अलावा मृत पशुओं के शव भी डाले जा रहे हैं. विकल्प ना होने की वजह से वे जिले के लोगों को इसी नहर का पानी पीना पड़ता है. लोगों का कहना है कि नौजवान पीढ़ी गंदे पानी को पीकर गंभीर बीमारियों की जद में आ रही है.

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शिवपुर हैड पर रहने वाले एक शख्स ने बताया कि जब पानी आया था तो उनके गांव समेत सभी कस्बों में खुशी थी. लेकिन अब पंजाब सरकार की अनदेखी के चलते यह जहरीला पानी लंबे समय से राजस्थान आ रहा है. लोगों का कहना है कि जब तरह तरह के अपशिष्ट इसमें मिलाए जाएंगे तो बीमारियां तो होंगी ही. लेकिन सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वहीं छात्रनेता प्रदीप का कहना है कि ऐसी उम्मीद नहीं थी कि पंजाब के लोग ऐसा गंदा पानी यहां भेजेंगे. आज पूरा जिला इस गंदे पानी के दंश को झेल रहा है.

मनुष्य जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा 'काला जहर'

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इस केमिकल युक्त दूषित जल पर काम करने वाले डॉक्टर पीयूष राजवंशी की मानें तो इंडस्ट्रियल वेस्ट सबसे खतरनाक होता है. जिसमें हेवी मेटल्स होते हैं, जो मनुष्य शरीर को किसी भी हद तक प्रभावित कर सकते हैं. उनके मुताबिक यह प्रमाणित है कि इस पानी में लेड, आर्सेनिक, क्रोमियम, मर्करी जैसी भारी धातुएं मिली होती हैं. जिनकी मात्रा तय मापदंडों से भी कई गुना अधिक होती हैं. कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि नहरों में हेवी मेटल्स की मात्रा कम है. लेकिन अगर यही पानी लंबे समय उपयोग में लिया गया तो निश्चित तौर पर यह नुकसान करेगा.

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एक सवाल के जवाब में डॉक्टर राजवंशी का कहना है कि बीकानेर के पीबीएम अस्पताल से डाटा लेकर रिसर्च करवाएं तो वह एक बहुत बड़ा रिसर्च केंद्र साबित हो सकता है. पीबीएम अस्पताल में पंजाब से भी बड़ी संख्या में लोग कैंसर का इलाज करवाने के लिए आते हैं. अभी जो कैंसर के रोगी आ रहे हैं उनमें हेवी मेटल्स की मात्रा कितनी है यह जांच करवा कर पता चल सकता है.

ऐसे में लोगों की पानी से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चल सकता है. सरकार द्वारा रिसर्च करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके कि इस पानी से लोगों में कैंसर जैसी कितनी भयानक बीमारियां पनप रही हैं. इसके साथ ही दूषित पानी के खिलाफ सभी को मिलकर इस मुहिम के साथ जुड़ना चाहिए. जिसमें अधिकारी, आम जनता, जनप्रतिनिधि सभी शामिल हों.

Intro:श्रीगंगानगर : पंजाब से लगातार केमिकल युक्त पानी नहरों में राजस्थान के श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलो में आने से काफी समय से हंगामा खड़ा होता रहा है। लेकिन हंगामे के पीछे जो मकसद है वह पूरा नहीं हो रहा है। इस प्रकार की रिपोर्ट आ रही है कि पंजाब से पानी पीने के कारण कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से फैलती जा रही है। दूषित केमिकल युक्त जल के पीछे काम करने वाले डॉक्टर हंसराज मासी से बात की हमारे सवांददाता ने। डॉक्टर पीयूष राजवंशी ने बताया कि इंडस्ट्रियल वेस्ट सबसे खतरनाक होता है जिसमें हेवी मेटल्स होते हैं केमिकल होते हैं यह किसी भी हद तक डैमेज कर सकता है। पंजाब से हेवी मेटल्स आ रहा है उसमें कैंसर होता है। यह डॉक्युमेंटेड है। जिसमें लेड,आर्सेनिक,क्रोमियम,मरकरी है। इन सब से कैंसर तक होता है। अभी कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि हमारे यहां नहरों में हेवी मेटल्स की मात्रा कम है। इससे कम नुकसान करेगा लेकिन अगर यही पानी हम लंबे समय तक लेते रहेंगे तो निश्चित तौर पर यह नुकसान करेगा। पंजाब में जहां यह केमिकल व हेवी मेटल्स नहरो में डाला जा रहा है वहां तो यह हेवी मेटल इतना ज्यादा है कि 10 से 12 गुना या 20 से 100 गुना तक है। वहां पर कैंसर जैसी बीमारियां लगभग निश्चित है।


Body:डॉक्टर राजवंशी ने कहा कि दूषित पानी के खिलाफ सभी को मिलकर एक मुहिम के साथ लड़ना चाहिए। जिसमें अधिकारी, आम जनता, जनप्रतिनिधि सभी शामिल हो। उन्होंने कहा कि यह किसी पार्टी की मुहिम नहीं होनी चाहिए ना किसी व्यक्ति की मुहिम होनी चाहिए। यह मुहिम लोगों को बचाने की मुहिम होनी चाहिए। तो हम चाहते हैं कि लोगों को बचाने के लिए दूषित पानी के खिलाफ लड़ाई लड़े। दूषित पानी पर काम बहुत कम होने की बात कहते हुए राजवंशी ने कहा कि इसमें सरकारों को आगे आना होगा। इसमें सरकारों को आगे आकर रिसर्च करवाना पड़ेगा।डाटा इकट्ठे करने होंगे, तभी जाकर कोर्ट में भी इस दूषित पानी के खिलाफ सबूतों के साथ लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी जो कैंसर के रोगी आ रहे हैं उनमें हेवी मेटल्स की मात्रा कितनी है यह जांच करवा कर पता चल सकता है। राजस्थान सरकार व पंजाब सरकार को चाहिए कि नहरों के आसपास रहने वाले ऐसे लोग जिनमें कैंसर हुआ है उनकी जांच करवा कर पता लगाया जा सकता है कि उनमें कैंसर इसी दूषित पानी से हुआ है। मेडिकल कॉलेज में थिसिस दी जाए और दूषित पानी को थीसिस में लेकर पता लगाया जा सकता है कि कैंसर के रोगियों में कितना हेवी मेटल्स जा रहा है। जिससे पता चलेगा कि दूषित पानी से ही कैंसर बढ़ रहा है। वही जलदाय विभाग में बनी लैबोरेटरियो में हैवी मेटल्स की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का तर्क है कि पानी से कैंसर हो रहा है इसका एविडेंस क्या है। तो ऐसे लोगो को मेरा कहना है कि जब नहरों में बंदी होती है तब पानी कम हो जाता है उस समय शहर में दूषित पानी से काला पीलिया,डायरिया, पेट दर्द जैसी बीमारियां एकाएक बहुत ज्यादा हो जाती है। यह बहुत बड़ा सबूत है कि जैसे ही नहरों में पानी कम होता है तो बीमारिया बढ़ना शुरू हो जाती है। यही पानी घरों में पहुंचता है और सबसे ज्यादा हानिकारक होता है।तब बीमारियां भी बढ़ने लग जाती है। पंजाब से दूषित पानी आ रहा है धीरे-धीरे लोगों के रोगों का कारण बन रहा है जिस पर एक लंबी चौड़ी रिसर्च की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उन लोगों के लिए जवाब है जो इस पानी के मुद्दे को टालना चाहते हैं। नहर की तलहटी में जा रहा है हैवी मेटल : पंजाब से आ रहा दूषित जल नहरो की बेड यानी तलहटी को गंदा कर रहा है। जहां नहर की बेड में हेवी मेटल्स की परत जमा जम जाती है और वही मेटल्स जब पानी कम होता है तब यह घुलकर लोगो के घरों में पहुंचता है। लोगों के घरों तक यह पानी पहुंचता है और लोग ऐसा पानी पीने से बीमार होते हैं। अगर नहर प्रदूषित हो गई तो बाद में बड़ी दिक्कत आएगी। सरकार को इतनी ज्यादा बेरुखी नहीं दिखानी चाहिए, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। पंजाब सरकार अगर इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है तो राजस्थान सरकार व केंद्र की सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता दिखा कर काम कर सकती है। जो फिल्ट्रेशन प्लांट लगने हैं उस पर केंद्र व राज्य सरकार काम कर सकती है। राजवंशी ने कहा कि नहर के किनारे जो लोग बसे हुए हैं सरकार उनके स्वास्थ्य की जांच करवाकर उनके डाटा निकलवाए तो स्थिति बिल्कुल साफ हो जाएगी कि पानी कितना घातक साबित हो रहा है।हमारा यह मानना है कि सरकार एक स्टडी पैटर्न स्टार्ट करें जिसमें इस मुद्दे को गंभीरता से शामिल किया जाए और रिसर्च करवाया जाए तो सब पता चल जाएगा कि इस पानी से लोगों में कैंसर जैसी भयानक बीमारियां पनप रही है। जिले में नहर बन्दी के दौरान बीमारियां बढ़ जाती है जो एक बहुत बड़ी रिसर्च का कारण बन सकता है। पिछले 10 सालों में कैंसर के मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा हो गई है।कैंसर के मरीज बढ़ने के कारण भी ढूंढने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं में भी इस प्रकार का पानी नुकसान पहुंचाता है। एग्रीकल्चर में भी यही पानी नुकसान करता है।उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि वे इस गंदे पानी के खिलाफ मुहिम के रूप में आगे आये। एक सवाल के जवाब में कहा कि बीकानेर पीबीएम अस्पताल से डाटा लेकर रिसर्च करवाएं तो पीबीएम एक बहुत बड़ा रिसर्च का केंद्र साबित हो सकता है।उन्होंने कहाँ बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में पंजाब से भी बड़ी संख्या में लोग कैंसर का इलाज करवाने के लिए आते हैं ऐसे में लोगों की पानी से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चल सकता है। one to one : डॉक्टर पीयूष राजवंशी


Conclusion:दूषित पानी पर रिसर्च की जरुरत,सरकार को करनी चाहिए पहल।
Last Updated : Aug 9, 2019, 4:18 PM IST
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