श्रीगंगानगर. जिले में सिंचाई पानी के वितरण को लेकर किसानों के आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है .इसी क्रम में चक 4G के किसानों ने चक 3G बड़ी के किसानों पर मनमानी से सिंचाई पानी लेने के आरोप लगाए हैं. किसानों की मानें तो माननीय उच्च न्यायालय ने मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ को 23 अप्रैल 2019 को आदेश दिया था कि 3G बड़ी पर चल रहे खुले मोघे के स्थान पर एपीएम लगाया जाए, जिसकी पालना नहीं होने पर आक्रोशित किसानों ने अब जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर किसानों के अपने हिस्से का पूरा पानी दिलाने की मांग की है.
वहीं, किसानों की मांग पर और उच्च न्यायालय के आदेश पर मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ में दोनों चकों के काश्तकारों की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चक 3G बड़ी के काश्तकारों द्वारा उठाए गए बिन्दुओं की जांच करने के लिए सिंचाई विभाग के चार अभियंताओं की एक कमेटी गठित की गई. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 31 मई 2019 को प्रस्तुत की. जिसमें मुख्य अभियंता ने मामले के सभी पहलुओं की जांच कर और तकनीकी रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए 20 जून 2019 को निर्णय पारित किया.
मुख्य अभियंता ने अपने निर्णय में 3G बड़ी पर खुले मोघे के स्थान पर एपीएम मशीन लगाना उचित माना. लेकिन, फिर भी चक 3G के काश्तकारों द्वारा इन आदेशों की पालना नहीं की जा रही है और मन मुताबिक अधिक मात्रा में सिंचाई पानी लिया जा रहा है. जिससे 4G के किसानों में आक्रोश है.
उधर, सिंचाई अधिकारी मामले को समझाइश से निपटाने की बात कह रहे हैं. लेकिन, अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने से 4G के किसानों की फसलों का नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब 4G किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर आदेशों की पालना करवाने और पूरा पानी दिलाने की मांग की है.