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जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं: मोदी के मंत्री

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने एक तल्ख बयान दिया है. सारंगी ने सिरोही के ब्रह्मकुमारीज शांतिवन के वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा है कि जिन्हें इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं.

Statement of Pratapchandra Sarangi, सिरोही न्यूज
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Published : Sep 30, 2019, 5:07 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 6:17 PM IST

सिरोही. केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी ने बड़ा तल्ख बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं. लेकिन उन्हें देश को विभाजित करने का हक नहीं है. सारंगी ब्रह्माकुमारीज के शान्तिवन परिसर में चल रही पांच दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे थे.

प्रतापचंद्र सारंगी ने वैश्विक शिखर सम्मेलन में लिया भाग

बता दें, अध्यात्म से एकता, शांति और समृद्धि विषय पर आयोजित सम्मेलन में सारंगी ने वैज्ञानिकों से अपील की कि मंगल में मानव जीवन संधान करने के बजाय मानव जीवन में मंगल लाने के लिए प्रयास करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है.

पढ़ें- नाबालिग से गैंगरेप का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विज्ञान और अध्यात्म साथ चलता है. यूरोप में विज्ञान और अध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है. ब्रह्माकुमारीज मानव समाज को ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रही हैं. ये बहुत ही ऊंचा कॉन्सेप्ट है. ये एक दैवीय मिशन है. ब्रह्माकुमारी जी महान संगठन है क्योंकि सबसे प्रेम करते हैं.

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सारंगी ने कहा कि जिनको वंदे मातरम नहीं कहना है, उन्हें दूसरा रास्ता खोज लेना चाहिए. ये मेरा व्यक्तिगत मत है. वंदे मातरम का मतलब है भारत माता की जय. हिंदुस्तान का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर हुआ है. हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते. लेकिन और विभाजन हम नहीं होने देंगे. पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी. एक हाथ में बंदूक हो तो बातचीत कैसे होगी.

सारंगी ने कहा कि सबकुछ भगवान की कृपा से हो रहा है. जिस अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लगता था, वो आसानी से हो गया. लोग सोचा करते थे कि रक्त की नदियां बहेंगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.

साथ ही कहा कि पुलिसवाले की गोली से एक आतंकवादी मर जाता है तो मानवाधिकारवादी आकाश-पाताल एक कर देते हैं. लाखों कश्मीरी पंडितों की बहू बेटियों के साथ अत्याचार हुआ तो कोई आगे नहीं आया. जवानों के मरने से उनकी बहू-बेटे अनाथ होते हैं तो उनका दर्द भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नहीं दिखता. इन्होंने सिर्फ आतंकियों के मानवाधिकार के लिए ठेका ले रखा है. मेरा कहना है कि देश की सुरक्षा के लिए अवांछनीय होते हुए भी थोड़ा बल प्रयोग करना चाहिए.

सिरोही. केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी ने बड़ा तल्ख बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं. लेकिन उन्हें देश को विभाजित करने का हक नहीं है. सारंगी ब्रह्माकुमारीज के शान्तिवन परिसर में चल रही पांच दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे थे.

प्रतापचंद्र सारंगी ने वैश्विक शिखर सम्मेलन में लिया भाग

बता दें, अध्यात्म से एकता, शांति और समृद्धि विषय पर आयोजित सम्मेलन में सारंगी ने वैज्ञानिकों से अपील की कि मंगल में मानव जीवन संधान करने के बजाय मानव जीवन में मंगल लाने के लिए प्रयास करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है.

पढ़ें- नाबालिग से गैंगरेप का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विज्ञान और अध्यात्म साथ चलता है. यूरोप में विज्ञान और अध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है. ब्रह्माकुमारीज मानव समाज को ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रही हैं. ये बहुत ही ऊंचा कॉन्सेप्ट है. ये एक दैवीय मिशन है. ब्रह्माकुमारी जी महान संगठन है क्योंकि सबसे प्रेम करते हैं.

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सारंगी ने कहा कि जिनको वंदे मातरम नहीं कहना है, उन्हें दूसरा रास्ता खोज लेना चाहिए. ये मेरा व्यक्तिगत मत है. वंदे मातरम का मतलब है भारत माता की जय. हिंदुस्तान का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर हुआ है. हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते. लेकिन और विभाजन हम नहीं होने देंगे. पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी. एक हाथ में बंदूक हो तो बातचीत कैसे होगी.

सारंगी ने कहा कि सबकुछ भगवान की कृपा से हो रहा है. जिस अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लगता था, वो आसानी से हो गया. लोग सोचा करते थे कि रक्त की नदियां बहेंगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.

साथ ही कहा कि पुलिसवाले की गोली से एक आतंकवादी मर जाता है तो मानवाधिकारवादी आकाश-पाताल एक कर देते हैं. लाखों कश्मीरी पंडितों की बहू बेटियों के साथ अत्याचार हुआ तो कोई आगे नहीं आया. जवानों के मरने से उनकी बहू-बेटे अनाथ होते हैं तो उनका दर्द भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नहीं दिखता. इन्होंने सिर्फ आतंकियों के मानवाधिकार के लिए ठेका ले रखा है. मेरा कहना है कि देश की सुरक्षा के लिए अवांछनीय होते हुए भी थोड़ा बल प्रयोग करना चाहिए.

Intro:जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं- प्रतापचन्द्र सारंगी
कश्मीर में थोड़ा बलप्रयोग करना पड़े तो देश हित मे करना चाहिए

एंकर- केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी ने बड़ा तल्ख बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं। लेकिन उन्हें देश को विभाजित करने का हक नहीं है। सारंगी ब्रह्माकुमारीज के शान्तिवन परिसर में चल रही पांच दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे हैं। अध्यात्म से एकता, शांति और समृद्धि विषय पर आयोजित सम्मेलन में सारंगी ने वैज्ञानिकों से अपील की मंगल में मानव जीवन सन्धान करने के बजाय मानव जीवन में मंगल लाने के लिए प्रयास करें। Body:उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है।
हमारे देश में विज्ञान और अध्यात्म साथ चलता है। यूरोप में विज्ञान और अध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है। ब्रह्माकुमारीज मानव समाज को ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रही हैं।ये बहुत ही ऊंचा कॉन्सेप्ट है।ये एक दैवीय मिशन है।ब्रह्माकुमारीज महान संगठन है क्योंकि सबसे प्रेम करते हैं।कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सारंगी ने कहा कि जिनको वन्देमातरम नहीं कहना है, उन्हें दूसरा रास्ता खोज लेना चाहिए। ये मेरा व्यक्तिगत मत है। तलाश लें। वंदे मातरम का मतलब है भारत माता की जय। हिंदुस्तान का विभाजन सम्प्रदायिक आधार पर हुआ है। हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते। लेकिन और विभाजन हम नहीं होने देंगे।पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी। एक हाथ में बंदूक हो तो बातचीत कैसे होगी।

Conclusion:पाकिस्तान के विषय में सबकुछ भगवान की कृपा से हो रहा है। जिस अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लगता था, वो आसानी से हो गया। लोग सोच करते थे कि रक्त की नदियाँ बहेंगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।मानवाधिकारवादियों को देश की आम जनता की तकलीफ दिखाई नहीं देती। लेकिन एक पुलिसवाले की गोली से एक आतंकवादी मर जाता है तो आकाश पाताल एक कर देते हैं। लाखों कश्मीरी पंडित बहु बेटियों के साथ अत्याचार हुआ तो कोई आगे नहीं अस्य। जवानों के मरने से उनकी बहू बेटी विधवा होते हैं तो उनका दर्द भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नहीं दिखता । इन्होंने सिर्फ आतंकियों के मानवाधिकार के लिए ठेका ले रखा है। मेरा कहना कि देश की सुरक्षा के लिए अवांछनीय होते हुए भी थोड़ा बल प्रयोग करना चाहिए।

Byte- प्रतापचन्द्र सारंगी, केंद्रीय राज्य मंत्री, मध्यम लघु उद्योग व पशुधन विकास।
Last Updated : Sep 30, 2019, 6:17 PM IST
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