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आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए करें कार्य: राज्यपाल कलराज मिश्र - माउंट आबू

सपरिवार ग्रीष्मकालीन अवकाश पर मांउट आबू आए राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को माउंट आबू की नक्की झील के किनारे सैर की. इस दौरान उन्होंने आबू के सौंदर्य से राजस्थान के गौरव से जोड़े जाने के लिए अधिकाधिक प्रयास किए जाने की बात पर जोर दिया.

Governor Kalraj Mishra, mount abu
माउंट आबू में राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : Jun 26, 2021, 11:53 PM IST

सिरोही. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को माउंट आबू की नक्की झील के किनारे बने घेरदार पथ पर सैर की. झील के किनारे किए गए सौंदर्यीकरण के कार्यों और पर्यटकों के लिए की गई व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा कि आबू महाराणा प्रताप और राणा कुम्भा की कर्मभूमि रही है. कुम्भा के कला प्रेम की चर्चा करते हुए माउंट आबू के सौंदर्य के अंतर्गत महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने और नई पीढ़ी को राजस्थान के गौरव से जोड़े जाने के अधिकाधिक प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई.

राज्यपाल ने माउंट आबू प्रवेश पर महाराणा प्रताप, नक्की राउंड पर विवेकानन्द वाटिका में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा लगाने और गांधी वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए भी प्रभावी और त्वरित कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने माउंट आबू जैसे पर्वतीय पर्यटन स्थलों पर वहां की जैव विविधता और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने का भी आह्वान किया.

पढ़ें: राज्यपाल ने वनों की सुरक्षा और संरक्षण में जन भागीदारी को बताया जरूरी, बोले-अब सजग रहने की जरूरत

राज्यपाल ने आमजन से अपील भी किया कि वे आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. उन्होंने आबू में स्वच्छता के लिए भी जनभागीदारी से कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ा सौंदर्य तभी बचा रह सकता है, जब आम जन पर्यावरण और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए मिलकर प्रयास करें.

राजभवन में पूर्व मुख्य उप सचेतक रतन देवासी ने भी राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की. साथ ही पर्यावरणविद डाॅ. अरूण शर्मा और गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कुलपति डाॅ. इन्द्रवर्धन त्रिवेदी ने मुलाकात की.

सिरोही. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को माउंट आबू की नक्की झील के किनारे बने घेरदार पथ पर सैर की. झील के किनारे किए गए सौंदर्यीकरण के कार्यों और पर्यटकों के लिए की गई व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा कि आबू महाराणा प्रताप और राणा कुम्भा की कर्मभूमि रही है. कुम्भा के कला प्रेम की चर्चा करते हुए माउंट आबू के सौंदर्य के अंतर्गत महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने और नई पीढ़ी को राजस्थान के गौरव से जोड़े जाने के अधिकाधिक प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई.

राज्यपाल ने माउंट आबू प्रवेश पर महाराणा प्रताप, नक्की राउंड पर विवेकानन्द वाटिका में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा लगाने और गांधी वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए भी प्रभावी और त्वरित कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने माउंट आबू जैसे पर्वतीय पर्यटन स्थलों पर वहां की जैव विविधता और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने का भी आह्वान किया.

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राज्यपाल ने आमजन से अपील भी किया कि वे आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. उन्होंने आबू में स्वच्छता के लिए भी जनभागीदारी से कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ा सौंदर्य तभी बचा रह सकता है, जब आम जन पर्यावरण और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए मिलकर प्रयास करें.

राजभवन में पूर्व मुख्य उप सचेतक रतन देवासी ने भी राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की. साथ ही पर्यावरणविद डाॅ. अरूण शर्मा और गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कुलपति डाॅ. इन्द्रवर्धन त्रिवेदी ने मुलाकात की.

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