सिरोही. आबूरोड अस्पताल में सोमवार को प्रसव के बाद उपचार के दौरान महिला की मौत के मामले में सोमवार को विवाद खड़ा हो गया था. परिजनों में प्रसव के दौरान रेवदर अस्पताल के कार्मिकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया था. वहीं सोमवार देर शाम तक समझाइश की कोशिश हुई, लेकिन परिजन नहीं माने और बिना शव लिए ही चले गए मंगलवार को फिर से समझाइश की गई और प्रशासन ने लापरवाह कार्मिकों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है जिसके बाद परिजनों का गुस्सा शांत हुआ.
जानकारी के अनुसार रेवदर के पालड़ी में एक गर्भवती महिला सीता पत्नी मोहन कोली का प्रसव रेवदर के राजकीय अस्पताल में सोमवार को हुआ था. प्रसव के बाद ज्यादा खून बहने से महिला की स्थिति गंभीर हो गई थी, जिस पर उसे आबूरोड के राजकीय अस्पताल में रेफर किया गया था. आबूरोड आने पर उपचार के दौरान ही महिला की मौत हो गई थी. मौत के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों और ग्रामीणों ने रेवदर अस्पताल में मौजूद कार्मिकों पर लापरवाही का आरोप लगाया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया.
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इस दौरान परिजनों ने मुआवजे की भी मांग की. घटना की जानकारी मिलने पर विधायक जगसीराम कोली भी मौके पर पहुंचे थे और परिजनों से बात की थी, लेकिन बात नहीं बनी. शाम को परिजन बिना शव लिए ही वापस चले गए, जिस पर पुलिस ने शव को मोर्चरी में भिजवाय. मंगलवार को प्रशासन द्वारा फिर से समझाइश की गई और प्रशासन की ओर से परिजनों को मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और नियमानुसार आर्थिक मुआवजा देने का आश्वासन दिया, इसके बाद परिजन माने.
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प्रशासन ने महिला के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. तीन सदस्य बोर्ड ने महिला का पोस्टमार्टम किया. इस दौरान तहसीलदार रामस्वरूप जौहर, नायब तहसीलदार विकास विश्नोई, सुखराज और सदर थाने के जगदीश राठौड़ सहित पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया. मामले में परिजनों ने रेवदर थाने में दोषी कार्मिकों के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया है.