श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर उपखंड के अजीतगढ़ कस्बे की जनता कॉलोनी में बुधवार की देर रात एक पैंथर दिखाई दिया. कॉलोनी के गणेश गॉर्डन बाग वालों के खेत में रात 1 बजकर 5 मिनट पर पैंथर पानी पीकर जाता हुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है. साथ ही इसी रात पैंथर कस्बे के हरदास का बास के सड़क मार्ग पर साईं बाबा के मंदिर और वन विभाग की चौकी के पास भी देखा गया. इस कारण लोगों में फिर से दहशत फैल गई है.
बताया जा रहा है कि ये खेत कस्बे में अरावली पहाड़ी के पास है और इस खेत में कई बार पैंथर पानी पीकर जाता रहा है. इसके चलते यहां डेढ़ साल पहले सीसीटीवी कैमरे लगा दिया गया था. पैंथर यहां दो बार सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुका है. इससे लोगों में दहशत है और लोग पैंथर के दोबारा आबादी क्षेत्र में घुस आने की संभावना जता रहे हैं.
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अजीतगढ़ वन विभाग के वनपाल शिव सहाय जाट का कहना है कि ये पैंथर पानी और शिकार की तलाश में बाहर आता है. इसलिए पहाड़ी की तलहटी में बसी कॉलोनियों वाले अपने घरों के बाहर तेज प्रकाश वाले बल्ब जलाकर रखें. इस पहाड़ी पर दो बड़े पैंथर और एक छोटा पैंथर है. जो कई बार पानी और शिकार की तलाश में नीचे आ जाते है. बुधवार की देर रात पैंथर इस खेत में पानी पीने आया था और कस्बे के हरदास का बास सड़क मार्ग पर साईं मंदिर में वन विभाग की चौकी के पास भी देखा गया. वनपाल शिव सहाय जाट ने बताया कि अजीतगढ़ की अरावली पहाड़ी, गणेश्वर की पहाड़ी और जयपुर के कई गांवों की पहाड़ी से सटे हैं. इसी पहाड़ी में ये पैंथर घूमते रहते हैं. अरावली पहाड़ी की तलहटी में रहने वाले लोग अंधेरा होते ही अपने घरों के दरवाजे बंद रखें और अपने मवेशियों को अंदर बांधें.
कॉलोनियों में घुसकर मवेशियों का शिकार कर चुके हैं पैंथर
अजीतगढ़ की अरावली पहाड़ी, जगदीश धाम पहाड़ी, धाराजी धाम पहाड़ी, हथौरा, पीथलपुर, रायपुर जागीर, गणेश्वर और जयपुर जिले के गांवों की पहाड़ी से टच होने के कारण ये पैंथर इन्हीं पहाड़ियों पर मूवमेंट करते रहते हैं. करीब 3 साल पहले पैंथर का छोटा बच्चा कस्बे के शाहपुरा सड़क पर स्थित कांकरिया वाले हनुमान मंदिर के पास दुर्घटना में मृत पाया गया था. साथ ही कई बार पैंथर कस्बे की अरावली पहाड़ी से टच होती कॉलोनियों में घुसकर मवेशियों का शिकार कर चुके हैं. एक माह पहले पैंथर कस्बे की आबादी क्षेत्र में घुसकर 5 घंटे आतंक मचाया था और कस्बे की श्री कृष्ण गौशाला के पास पीपल के पेड़ पर चढ़ गया था. उसके बाद प्रशासन और वन विभाग की टीम के साथ ही रेस्क्यू टीम ने 5 घंटे की मेहनत के बाद पैंथर को बेहोश कर पिंजरे में बंद कर नीमकाथाना के बालेश्वर के जंगलों में छोड़ दिया था. हाल ही पैंथर 3 दिन पहले अरावली पहाड़ी पर स्थित 25 पापड़ा जाने वाले रास्ते पर घूमने वाले कुछ लोगों को दिखाई दिया. लोगों ने फोटो भी ली थी. पैंथर के इस पहाड़ी पर होने के कारण लोगों में अब दहशत है.