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सीकर में बढ़े स्वाइन फ्लू के मरीज...स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

सीकर में मानसून की बारिश के बाद मौसम बदल गया है. तापमान में गिरावट के बाद से ही स्वाइन फ्लू का खतरा फिर से बढ़ने लगा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल स्वाइन फ्लू के अधिक मरीज अस्पतालों में देखने को मिल रहें है.

सीकर जिले में पिछले साल की तुलना में स्वाइन फ्लू के साढ़े तीन गुना अधिक मरीज
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Published : Jul 31, 2019, 11:31 AM IST

सीकर. जिले में मौसम के बदलने और तापमान में गिरावट के बाद से ही स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ने लगा है. इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग भी अलर्ट हो गया है. जिले में 2018 के मुकाबले 2019 में अभी तक साढ़े तीन गुना स्वाइन फ्लू के रोगी बढ़ गए हैं.

सीकर में मौसम परिवर्तन के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ा

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले में वर्ष 2018 में स्वाइन फ्लू के 37 रोगी ही सामने आए थे. लेकिन 2019 में अभी तक 131 रोगी सामने आ चुके हैं. इसको देखते हुए इस बार तापमान में गिरावट के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है.

पढ़ें- सीकर : जीप और बाइक की टक्कर में बाइक सवार दो युवक गंभीर घायल

सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेमी फ्लू की दवा उपलब्ध करवा दी गई है. अगर कोई रोगी सामने आता है, तो उसे तुरंत भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा विभाग के सभी चिकित्सा कर्मियों को आदेश दिया गया है कि उनके इलाके में अगर कोई स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीज सामने आता है ,तो वहां तुरंत सर्वे करवाकर टेमीफ्लू बंटवाई जाए. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी कई जगह स्वाइन फ्लू का इलाज उपलब्ध है.

डॅाक्टरों के अनुसार तापमान में गिरावट के बाद स्वाइन फ्लू का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जिले में इस वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च तक स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आए थे. अप्रैल के महीने में तापमान 40 डिग्री से ऊपर होने से कारण गर्मी ज्यादा पड़ती है. इसलिए स्वाइन फ्लू का वायरस नहीं फैलता है. मौजूदा समय में 20 से 35 डिग्री तक तापमान चल रहा है जो स्वयं फ्लू के वायरस को बढ़ाने में सबसे ज्यादा खतरनाक है. इसलिए इस मौसम में स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा है.

सीकर. जिले में मौसम के बदलने और तापमान में गिरावट के बाद से ही स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ने लगा है. इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग भी अलर्ट हो गया है. जिले में 2018 के मुकाबले 2019 में अभी तक साढ़े तीन गुना स्वाइन फ्लू के रोगी बढ़ गए हैं.

सीकर में मौसम परिवर्तन के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ा

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले में वर्ष 2018 में स्वाइन फ्लू के 37 रोगी ही सामने आए थे. लेकिन 2019 में अभी तक 131 रोगी सामने आ चुके हैं. इसको देखते हुए इस बार तापमान में गिरावट के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है.

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सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेमी फ्लू की दवा उपलब्ध करवा दी गई है. अगर कोई रोगी सामने आता है, तो उसे तुरंत भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा विभाग के सभी चिकित्सा कर्मियों को आदेश दिया गया है कि उनके इलाके में अगर कोई स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीज सामने आता है ,तो वहां तुरंत सर्वे करवाकर टेमीफ्लू बंटवाई जाए. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी कई जगह स्वाइन फ्लू का इलाज उपलब्ध है.

डॅाक्टरों के अनुसार तापमान में गिरावट के बाद स्वाइन फ्लू का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जिले में इस वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च तक स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आए थे. अप्रैल के महीने में तापमान 40 डिग्री से ऊपर होने से कारण गर्मी ज्यादा पड़ती है. इसलिए स्वाइन फ्लू का वायरस नहीं फैलता है. मौजूदा समय में 20 से 35 डिग्री तक तापमान चल रहा है जो स्वयं फ्लू के वायरस को बढ़ाने में सबसे ज्यादा खतरनाक है. इसलिए इस मौसम में स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा है.

Intro:सीकर
सीकर जिले में मौसम परिवर्तन और तापमान में गिरावट के बाद से ही स्वाइन फ्लू का खतरा फिर से बढ़ने लगा है। इसको देखते हुए जिले में चिकित्सा विभाग अभी से अलर्ट पर है। जिले में 2018 के मुकाबले 2019 में अभी तक ही साढ़े तीन गुना स्वाइन फ्लू के रोगी बढ़ गए हैं।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर जिले में वर्ष 2018 में स्वाइन फ्लू के 37 रोगी ही सामने आए थे लेकिन 2019 में अभी तक 131 रोगी सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए इस बार तापमान में गिरावट के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेमी फ्लू की दवा उपलब्ध करवा दी गई है। अगर कोई रोगी सामने आता है तो उसे तुरंत बढ़ती किया जाएगा इसके अलावा विभाग के सभी चिकित्सा कर्मियों को आदेश दिया गया है कि अपने-अपने इलाके में अगर कोई पॉजिटिव सामने आता है तो वहां तुरंत सर्वे करवाकर टेमीफ्लू बंटवाई जाए। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी कई जगह स्वाइन फ्लू का इलाज उपलब्ध है।

तापमान में गिरावट के बाद बढ़ता है खतरा
जिले में इस वर्ष जनवरी फरवरी और मार्च तक स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आए थे। अप्रैल के महीने से गर्मी ज्यादा पड़ती है और तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है इसलिए स्वाइन फ्लू का वायरस नहीं फैलता है। मौजूदा समय में 20 से 35 डिग्री तक तापमान चल रहा है जो स्वयं फ्लू के वायरस को बढ़ाने में सबसे ज्यादा खतरनाक है। इसलिए इस मौसम में स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा है।


Conclusion:बाईट: डॉ अजय चौधरी सीएमएचओ सीकर
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