सीकर. 'कोरोना वायरस की लड़ाई एक तरह का तृतीय विश्व युद्ध है, लेकिन हमारे डॉक्टर योद्धा की तरह लौट रहे हैं और आखिरी सांस तक लड़ेंगे.' यह कहना है, अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी का. डॉ. अजय चौधरी राजस्थान प्रदेश के सभी सेवारत चिकित्सकों की कमान तो संभाल ही रहे हैं. इसके साथ-साथ उनके पास सीकर के सीएमएचओ की जिम्मेदारी भी है और जिले में संक्रमण रोकने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं. इस बीच ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.
डॉ. चौधरी का कहना है कि कोरोना की ड्यूटी के दौरान प्रदेश के चिकित्सकों को कई तरह की परेशानी भी उठानी पड़ी, कई जगह कुछ घटनाएं भी हुई. लेकिन उन्होंने हर घटना को लेकर तुरंत सरकार से मांग की और इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. प्रदेश के किसी भी चिकित्सक के सामने कोई समस्या आती है तो मंत्री तक बात पहुंचाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे चिकित्सक इस महामारी के समय में लड़े, इसको लेकर वे हर दिन जिलों के पदाधिकारियों से बात करते हैं.
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उन्होंने कहा कि वे चिकित्सकों से कहना चाहते है कि यह लड़ाई बहुत लंबी है, इसलिए इसको लड़ने के लिए हमें और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ना होगा, जिससे कि हमारे प्रदेश को संक्रमण से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के साथ-साथ चिकित्सा विभाग का हर कर्मचारी चाहे वह नर्सिंगकर्मी हो, हमारे फार्मासिस्ट हो या लैब टेक्नीशियन हो या फिर मंत्रालय कर्मचारी सभी दिन रात ड्यूटी में जुटे हैं.
अब तक इन प्रयासों से बचा हुआ है सीकर
डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि हालांकि सीकर में कोरोना वायरस के पॉजिटिव का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी हमने जिले में संक्रमण को रोक कर रखा है. अभी तक एक भी मरीज ऐसा नहीं सामने आया है, जिसकी वजह से किसी इलाके में संक्रमण फैला हो. वहीं, रामगंज से आई महिला एक मोहल्ले में रही, लेकिन चिकित्सा विभाग के प्रयासों से कहीं भी दूसरी जगह संक्रमण नहीं फैला. इसके साथ-साथ और भी ऐसे कई लोग शुरुआत में सामने आए, जिनकी वजह से जिले में पॉजिटिव का आंकड़ा तो बढ़ा लेकिन उनसे कोई और व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ.
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चिकित्सा विभाग के प्रयास है कि जो भी व्यक्ति बाहर से आता है, उसकी तुरंत जानकारी जुटाई जाए. इस काम में हमारी पूरी टीम में लगी हुई है और इसी वजह से सीकर संक्रमण से बचा हुआ है. इसके साथ-साथ यहां के लोगों ने भी पूरी जिम्मेदारी निभाई है और सरकार के निर्देशों की पालना की है.